‘गरीबी और विकास जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना हमारी साझेदारी का मतलब’

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 13-15 जुलाई, 2023 के बीच फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजकीय यात्रा की। श्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमेनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर 13 से 14 जुलाई तक फ्रांस में रहे। वहां पर वे राष्ट्रपति श्री मैक्रों के साथ फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस ‘बास्टील-डे’ पर पेरिस में हुए समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। बास्टील-डे परेड में भारत की तीनों सेनाओं के दल ने भी हिस्सा लिया। इसके बाद श्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात की राजकीय यात्रा पर 15 जुलाई को अबू धाबी पहुंचे। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक श्री शेख मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने जी-20 की भारत की अध्यक्षता और कॉप-28 की संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता के तहत दोनों देशों द्वारा 2023 के दौरान निभाई गई महत्वपूर्ण वैश्विक भूमिकाओं को रेखांकित किया

फ्रांस गणराज्य की यात्रा

फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमेनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 13 जुलाई, 2023 को पेरिस पहुंचे। एक विशेष भावाभिव्यक्ति के रूप में फ्रांस की प्रधानमंत्री सुश्री एलिजाबेथ बोर्न ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

श्री मोदी की यह ऐतिहासिक यात्रा भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ पर हुई, जहां वे फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। जनवरी, 1998 में परिवर्तन और अनिश्चितता की दुनिया में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी और राष्ट्रपति श्री जैक्स शिराक ने इस रिश्ते को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया, जो किसी भी देश के साथ भारत की पहली रणनीतिक साझेदारी में से एक थी।

फ्रांस की प्रधानमंत्री से मुलाकात

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 13 जुलाई को फ्रांस की प्रधानमंत्री सुश्री एलिज़ाबेथ बोर्न से मुलाकात की। दोनों राजनेताओं ने आर्थिक और व्यापारिक, ऊर्जा, पर्यावरण, शिक्षा, आवागमन, रेलवे, डिजिटल सार्वजनिक अधोरचना, संग्रहालय-विज्ञान और लोगों के बीच मेल-मिलाप सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने भारत और फ्रांस के बीच बहुविध सहयोग को और सघन बनाने की इच्छा दोहराई।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 13 जुलाई को फ्रांस की सिनेट के अध्यक्ष श्री जेरार्ड लार्शर से मुलाकात की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ‘लोकतंत्र, आजादी और समानता’ के हमारे साझा मूल्यों की महत्ता को उजागर किया, जो भारत-फ्रांस साझीदारी की आधारशिला है और जिसके पीछे जनमानस की शक्ति है।
चर्चा का आयाम विस्तृत था, जिसमें तमाम मुद्दे शामिल थे, जैसे जी-20 में भारत की प्राथमिकताएं, प्रौद्योगिकी के उपयोग में लोकतांत्रिक मूल्य और दोनों देशों के उच्च सदनों के बीच सहयोग। आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर भी बातचीत की गई।

भारतीय समुदाय के साथ बातचीत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 13 जुलाई को पेरिस के ‘ला सीन म्यूजिकल’ में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने बहुआयामी भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी पर प्रकाश डाला, जो अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रही है। प्रधानमंत्री ने फ्रांस के मार्सैय में नया वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा भी की। श्री मोदी ने फ्रांस में भारतीय समुदाय के योगदान पर प्रकाश डाला, जो भारत-फ्रांस साझेदारी के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करते हैं।

प्रधानमंत्री को ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से किया गया सम्मानित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को 13 जुलाई को फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति श्री इमेनुएल मैक्रों द्वारा फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों की ओर से इस विशिष्ट सम्मान के लिए राष्ट्रपति श्री मैक्रों को धन्यवाद दिया। यह पुरस्कार समारोह पेरिस के एलिसी पैलेस में आयोजित किया गया।

प्रधानमंत्री सम्मानित अतिथि के रूप में बैस्टिल डे परेड में हुए शामिल



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 14 जुलाई, 2023 को चैंप्स-एलिसीस पर फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रॉन के निमंत्रण पर सम्मानित अतिथि के रूप में बैस्टिल डे परेड में शामिल हुए।

भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक सैन्य बैंड के नेतृत्व में सेना के तीनों अंगों की 241 सदस्यीय भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ी ने भी परेड में भाग लिया। भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व पंजाब रेजिमेंट ने राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट के साथ किया।

हाशिमारा के 101 स्क्वाड्रन से भारतीय वायु सेना के राफेल जेट परेड के दौरान फ्लाई पास्ट का हिस्सा बने। 14 जुलाई को फ्रांसीसी क्रांति के दौरान 14 जुलाई, 1789 को बैस्टिल जेल पर हुए हमले की वर्षगांठ मनाई जाती है, जो भारतीय और फ्रांसीसी दोनों संविधानों के केंद्रीय विषय ‘स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे’ के लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है।

फ्रांस की नेशनल असेंबली की अध्यक्ष के साथ मुलाकात

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 जुलाई को फ्रांस की नेशनल असेंबली की अध्यक्ष सुश्री येल ब्रौन पिवेट और असेंबली के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने लोकतंत्र, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के साझा मूल्यों को रेखांकित किया। उन्होंने दोनों देशों की संसदों के बीच सहयोग को और अधिक बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

फ्रांस के पक्ष ने भारत की व्यापक निर्वाचन प्रक्रिया की प्रशंसा की। इन चर्चाओं में व्यापार और अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और संस्कृति सहित रणनीतिक साझीदारी के विभिन्न स्तंभ भी शामिल थे। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार व्यक्त किये।

साझा मूल्यों, संप्रभुता और रणनीतिक स्वायत्तता में विश्वास

प्रधानमंत्री श्री मोदी और राष्ट्रपति श्री मैक्रों ने पिछले 25 वर्षों में द्विपक्षीय सहयोग के हर क्षेत्र में संबंधों के परिवर्तन और विस्तार की समीक्षा की और क्षेत्रीय जिम्मेदारियों और वैश्विक महत्व की साझेदारी में इसके विकास पर प्रकाश डाला।

दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद वे इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देशों के बीच संबंध कठिन परिस्थितियों से बचे रहे हैं और अवसरों की ऊंची लहरों पर मजबूती से टिके रहे और विकसित हुए हैं। इसे साझा मूल्यों, संप्रभुता और रणनीतिक स्वायत्तता में विश्वास, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति अटूट प्रतिबद्धता, बहुपक्षवाद में स्थायी विश्वास और एक स्थायी बहुध्रुवीय दुनिया के लिए एक आम खोज में देखा जा सकता है।

हमारी राजनीतिक और कूटनीतिक संलग्नताएं हमारे लिए सबसे निकटतम और विश्वसनीय हैं। हमारी रक्षा और सुरक्षा साझेदारी मजबूत है और समुद्र तल से लेकर अंतरिक्ष तक फैली हुई है। हमारे आर्थिक संबंध हमारी समृद्धि और स्वतंत्रता को रेखांकित करते हैं और लचीली आपूर्ति शृंखलाओं को संचालित करते हैं। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि स्वच्छ ऊर्जा और निम्न कार्बन को बढ़ावा देना, जैव विविधता की रक्षा करना, महासागरों की रक्षा करना और प्रदूषण से मुकाबला करना सहयोग के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और डिजिटल, नवाचार और स्टार्टअप साझेदारी विकास का एक नया क्षेत्र है, जो हमारे दोनों देशों के बीच गहरे तालमेल और मजबूत पूरकता पर आधारित है।

शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति में हमारे गहरे संबंध, हमारे युवा समुदाय के आदान-प्रदान और और बढ़ते प्रवासी संबंध लोगों को करीब लाते हैं और भविष्य की साझेदारी के बीज बो रहे हैं।

संयुक्त अरब अमीरात यात्रा

संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति श्री शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 जुलाई, 2023 को अबू धाबी में मुलाकात की। दोनों पक्षों ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की यह पांचवीं यात्रा है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आखिरी बार जून, 2022 में संयुक्त अरब अमीरात का उस समय दौरा किया था, जब वह श्री शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात करने के लिए अबू धाबी गए थे और महामहिम के संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति बनने पर उन्हें शुभकामनाएं दी थीं। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री श्री मोदी 34 वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे।

दोनों नेताओं ने संयुक्त अरब अमीरात-भारत संबंधों में सभी मोर्चों पर हुई जबरदस्त प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापार 2022 में बढ़कर 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो गया, जिससे संयुक्त अरब अमीरात वर्ष 2022-23 के दौरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया।

भारत, संयुक्त अरब अमीरात का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। फरवरी 2022 में भारत पहला ऐसा देश बन गया जिसके साथ संयुक्त अरब अमीरात ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए। 1 मई, 2022 को सीईपीए के लागू होने के बाद से द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

दोनों नेताओं ने जी-20 की भारत की अध्यक्षता और कॉप-28 की संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता के तहत दोनों देशों द्वारा 2023 के दौरान निभाई गई महत्वपूर्ण वैश्विक भूमिकाओं को रेखांकित किया।

स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए फ्रेमवर्क की स्थापना

अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति श्री शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी निम्न गतिविधियों के साक्षी बने:

I. दोनों देशों के केन्द्रीय बैंकों के गवर्नरों द्वारा सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं (आईएनआर-एईडी) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक फ्रेमवर्क की स्थापना हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर।
II. दोनों देशों के केन्द्रीय बैंकों के गवर्नरों द्वारा भुगतान एवं संदेश प्रणाली को आपस में जोड़ने से संबंधित एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर।
III. अबू धाबी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली की स्थापना की योजना से संबंधित एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर।

दोनों नेताओं ने आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी की स्थापना हेतु भारत के शिक्षा मंत्रालय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी दिल्ली) और अबू धाबी शिक्षा एवं ज्ञान विभाग (एडीईके) के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन के महत्व पर भी चर्चा की।