प्रधानमंत्री का तेलंगाना, तमिलनाडु व कर्नाटक दौरा

| Published on:

तेलंगाना

‘तेलंगाना के सपनों को साकार करने का कर्तव्य केंद्र सरकार का है’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तेलंगाना में हैदराबाद के परेड ग्राउंड में आठ अप्रैल को 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। परियोजनाओं में हैदराबाद के बीबी नगर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखना शामिल है। उन्होंने

रेलवे से जुड़ी अन्य विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री ने हैदराबाद के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद से तिरुपति के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने तेलंगाना राज्य के विकास की गति को तेज करने का अवसर प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इससे पहले आज दिन में सिकंदराबाद से तिरुपति के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना करने का भी स्मरण किया। यह रेलगाड़ी सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर हैदराबाद की आईटी सिटी को भगवान वेंकटेश्वर, तिरुपति के निवास स्थान से जोड़ेगी।

श्री मोदी ने कहा कि सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस आस्था, आधुनिकता, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म को सफलतापूर्वक कनेक्ट करने वाली है। प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के नागरिकों को आज की 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे और सड़क संपर्क तथा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने उल्लेख किया कि तेलंगाना को अलग राज्य बने करीब-करीब उतना ही समय हुआ है, जितना केन्द्र में वर्तमान सरकार को हुआ है। श्री मोदी तेलंगाना राज्य के गठन में योगदान देने वालों के सम्मान में नतमस्तक हुए। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की भावना पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि तेलंगाना के विकास से संबंधित राज्य के नागरिकों के सपनों को साकार करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि इस बात पर विशेष बल दिया गया है कि तेलंगाना पिछले नौ वर्षों में भारत के विकास मॉडल का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे के साथ-साथ तेलंगाना के राजमार्ग नेटवर्क को भी तेज गति से विकसित किया जा रहा है और उन चार राजमार्ग परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनका आज शिलान्यास किया गया है। श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार तेलंगाना में उद्योग और कृषि दोनों के विकास पर बल दे रही है। यह देखते हुए कि वस्त्र उद्योग एक ऐसा उद्योग है जो किसान और मजदूर दोनों को ताकत प्रदान करता है, प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने देश भर में 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का निर्णय किया है और उनमें से एक मेगा टेक्सटाइल पार्क तेलंगाना में भी स्थापित होगा।

इस अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन, केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, मलकानगिरी से सांसद श्री ए. रेवंत रेड्डी, तेलंगाना राज्य सरकार के मंत्री और अन्य लोगों उपस्थित थे।

तमिलनाडु

‘तमिलनाडु का विकास, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आठ अप्रैल को तमिलनाडु के चेन्नई स्थित अलस्ट्रॉम क्रिकेट ग्राउंड में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन (चरण -1) का उद्घाटन किया और चेन्नई में चेन्नई-कोयंबटूर वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया।

प्रधानमंत्री श्री रामकृष्ण मठ की 125वीं वर्षगांठ के समारोह में हुए शामिल

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आठ अप्रैल को तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित विवेकानंद हाउस में श्री रामकृष्ण मठ की 125वीं वर्षगांठ के समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम के आयोजन स्थल पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने पुष्पांजलि अर्पित की और स्वामी विवेकानंद के कक्ष में पूजा की एवं ध्यान किया। श्री मोदी ने इस अवसर पर पवित्र त्रिमूर्ति पर लिखी गई एक पुस्तक का विमोचन भी किया।

उपस्थित गणमान्यजनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चेन्नई में रामकृष्ण मठ की सेवा की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर उपस्थित होने पर वह अत्यंत प्रसन्न हैं और इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपने जीवन में रामकृष्ण मठ का गहरा सम्मान करते हैं।

सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि तमिलनाडु इतिहास और विरासत; भाषा और साहित्य की भूमि है। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि हमारे कई स्वतंत्रता सेनानी तमिलनाडु से हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य देशभक्ति और राष्ट्रीय चेतना का केंद्र है। श्री मोदी ने कहा कि तमिलनाडु में पुथंडु आने वाला है और यह नई ऊर्जा, आशा, आकांक्षाओं और नई शुरुआत का समय है। उन्होंने कहा कि कई नई अवसंरचना परियोजनाएं आज से लोगों की सेवा के लिए शुरू हो रहीं हैं, जबकि कुछ अन्य की शुरुआत की जायेगी। रेलवे, सड़क परिवहन और वायुमार्ग से संबंधित नई परियोजनाएं नए साल के उत्सव में शामिल होंगी।

श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत गति और पैमाने से संचालित एक अवसंरचना क्रांति देख रहा है। पैमाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इस वर्ष के बजट में अवसंरचना विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जो 2014 के बजट से पांच गुना अधिक है, जबकि रेल अवसंरचना के लिए धन आवंटन रिकॉर्ड स्तर पर है।

गति पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से राष्ट्रीय राजमार्गों के प्रति वर्ष विस्तार की दर दोगुनी हो गई है, रेल लाइनों का विद्युतीकरण प्रति वर्ष 600 मार्ग किलोमीटर से बढ़कर 4,000 मार्ग किलोमीटर हो गया है और हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर लगभग 150 हो गई है। व्यापार के लिए लाभदायक तमिलनाडु की विशाल तटरेखा का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने बताया कि 2014 से पत्तनों की क्षमता वृद्धि की दर भी दोगुनी हो गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु का विकास सरकार के लिए बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि इस साल के बजट में राज्य की रेल अवसंरचना के लिए 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है, जो अब तक का सबसे अधिक है। श्री मोदी ने कहा कि 2009-2014 के दौरान प्रति वर्ष आवंटित औसत धनराशि 900 करोड़ रुपये से कम थी। 2004 से 2014 के बीच तमिलनाडु में जोड़े गए राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई लगभग 800 किलोमीटर थी, लेकिन 2014 से 2023 के बीच लगभग 2000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग जोड़े गए। तमिलनाडु में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव के निवेश के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014-15 में लगभग 1200 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जबकि 2022-23 में यह 6 गुना बढ़कर 8200 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

श्री मोदी ने पिछले कुछ वर्षों में तमिलनाडु की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर प्रकाश डाला और भारत की सुरक्षा को मजबूत करने वाले रक्षा औद्योगिक गलियारे, पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क और बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे के शिलान्यास का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि चेन्नई के पास एक मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क का निर्माण कार्य भी चल रहा है, जबकि ममल्लापुरम से कन्याकुमारी तक की पूरी पूर्वी समुद्र तट सड़क का भारतमाला परियोजना के तहत सुधार किया जा रहा है।

कर्नाटक

‘प्रकृति की रक्षा करना भारत की संस्कृति का एक हिस्सा है’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नौ अप्रैल को कर्नाटक के मैसूर में मैसूर विश्वविद्यालय में आयोजित ‘प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के स्मरणोत्सव’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) का भी शुभारंभ किया। उन्होंने ‘अमृत काल का विजन फॉर टाइगर

कंजर्वेशन’ तथा टाइगर रिजर्व के प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन के पांचवें चक्र की एक सारांश रिपोर्ट का लोकार्पण किया, बाघों की संख्या की घोषणा की और अखिल भारतीय बाघ अनुमान (पाचवां चक्र)

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नौ अप्रैल को कर्नाटक और तमिलनाडु में बांदीपुर तथा मुदुमलाई टाइगर रिजर्व का दौरा किया तथा ऑस्कर विजेता वृत्तचित्र ‘द एलिफैंट व्हिस्परर्स ‘में दिखाए गए हाथी पालकों के साथ बातचीत

की सारांश रिपोर्ट जारी की। उन्होंने प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर एक स्मारक सिक्का भी जारी किया।

सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने भारत में बाघों की बढ़ती आबादी के गौरवपूर्ण क्षण की चर्चा की और खड़े होकर बाघों के प्रति सम्मान दर्शाते हुए इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट टाइगर के आज 50 साल पूरे होने की ऐतिहासिक घटना का हर कोई गवाह है। श्री मोदी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की सफलता न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व का क्षण है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत ने न केवल बाघों की आबादी को घटने से बचाया है, बल्कि बाघों को फल-फूलने के लिए एक बेहतरीन इकोसिस्टम भी प्रदान किया है।

श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष में दुनिया की 75 प्रतिशत बाघों की आबादी भारत में ही रहती है। उन्होंने कहा कि यह भी एक सुखद संयोग है कि भारत में बाघ अभयारण्य 75,000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर फैले हैं और पिछले दस से बारह वर्षों में देश में बाघों की आबादी में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

दुनिया भर के वन्यजीव प्रेमियों के मन में अन्य देशों, जहां बाघों की आबादी या तो स्थिर है या फिर उसमे गिरावट में हो रही है, की तुलना में भारत में बाघों की बढ़ती आबादी के बारे में उठने वाले सवालों को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका जवाब भारत की परंपराओं एवं संस्कृति और जैव विविधता एवं पर्यावरण के प्रति इसके नैसर्गिक प्रेम में निहित है। उन्होंने कहा कि भारत इकोलॉजी और अर्थव्यवस्था के बीच संघर्ष में विश्वास नहीं करता, बल्कि वह दोनों के सह-अस्तित्व को समान महत्व देता है।

वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में भारत की अनूठी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां प्रकृति की रक्षा करना संस्कृति का एक हिस्सा है। उन्होंने इस तथ्य का उल्लेख किया कि भारत के पास दुनिया की कुल भूमि का केवल 2.4 प्रतिशत हिस्सा ही है, लेकिन यह ज्ञात वैश्विक जैव विविधता में आठ प्रतिशत का योगदान देता है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा टाइगर रेंज वाला देश है। लगभग तीस हजार हाथियों के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा एशियाई एलीफैंट रेंज वाला देश है और यह एक-सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी वाला सबसे बड़ा देश भी है। एक-सींग वाले गैंडों की संख्या यहां लगभग तीन हजार है। उन्होंने आगे कहा कि भारत एशियाई शेरों वाला दुनिया का एकमात्र देश है और इन शेरों की आबादी 2015 में लगभग 525 से बढ़कर 2020 में लगभग 675 हो गई है। उन्होंने भारत की तेंदुओं की आबादी का भी उल्लेख किया और कहा कि चार वर्षों में इसमें 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
भारत में किए गए विभिन्न कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वन्यजीवों के फलने-फूलने के लिए इकोलॉजी का फलना-फूलना जरूरी है। उन्होंने इस तथ्य का उल्लेख किया कि भारत ने रामसर साइटों की अपनी सूची में 11 वेटलैंड को जोड़ा है, जिससे यहां रामसर साइटों की कुल संख्या 75 हो गई है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत ने 2019 की तुलना में 2021 तक 2200 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि को वन एवं वृक्षों से आच्छादित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में सामुदायिक रिजर्व की संख्या 43 से बढ़कर 100 से अधिक हो गई और वैसे राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभ्यारण्यों, जिनके आसपास इको-सेंसिटिव जोन अधिसूचित किए गए थे, की संख्या 9 से बढ़कर 468 हो गई है और ऐसा सिर्फ एक दशक में हुआ है।

दशकों पहले भारत में चीता के विलुप्त हो जाने के तथ्य पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों का उल्लेख करते हुए बिग कैट के पहले सफल ट्रांस-कॉन्टिनेंटल ट्रांसलोकेशन की चर्चा की। उन्होंने याद दिलाया कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में कुछ दिन पहले चार सुंदर चीता शावकों का जन्म हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि करीब 75 साल पहले विलुप्त होने के बाद चीते ने भारत की धरती पर जन्म लिया है। उन्होंने जैव विविधता के संरक्षण और समृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर बल दिया।