प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक विकास परियोजनाओं का किया उद्घाटन व शिलान्यास

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प्रधानमंत्री का तमिलनाडु, लक्षद्वीप और केरल दौरा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दो जनवरी को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, राष्ट्र को समर्पित और शिलान्यास किया। विकास परियोजनाओं में तमिलनाडु में रेल, सड़क, तेल और गैस तथा पोत परिवहन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए सभी के लिए एक सार्थक और समृद्ध नए वर्ष की शुभकामनाएं व्यक्त की और इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 2024 में उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम तमिलनाडु में हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज की 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं तमिलनाडु की प्रगति को सुदृढ़ बनाएंगी। श्री मोदी ने सड़क, रेल, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, ऊर्जा और पेट्रोलियम पाइपलाइनों के क्षेत्रों में फैली परियोजनाओं के लिए राज्य के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इनमें से अनेक परियोजनाएं आवाजाही को प्रोत्साहित करेंगी और राज्य में रोजगार के हजारों अवसर भी पैदा करेंगी।

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि अगले 25 वर्षों के लिए आजादी का अमृत काल भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने विकसित भारत के आर्थिक और सांस्कृतिक दोनों पहलुओं का उल्लेख किया और रेखांकित किया कि तमिलनाडु भारत की समृद्धि और संस्कृति का प्रतिबिंब है।

श्री मोदी ने तिरुचिरापल्ली की समृद्ध विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि यहां हमें पल्लव, चोल, पांड्य और नायक जैसे राजवंशों के सुशासन मॉडल के अवशेष मिलते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी विदेश यात्रा के दौरान किसी भी अवसर पर तमिल संस्कृति का उल्लेख करते हैं।

श्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में सड़क मार्ग, रेल, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, गरीबों के लिए घर और अस्पताल जैसे क्षेत्रों में भारत द्वारा किए गए भारी निवेश की जानकारी दी और भौतिक अवसंरचना पर सरकार के बल को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत विश्व की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है, जहां यह विश्व के लिए आशा की किरण बन गया है।

श्री मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु पर रिकॉर्ड खर्च किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के दशक में राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि पिछले 10 वर्ष में राज्यों को 120 लाख करोड़ रुपये दिए गए। तमिलनाडु को भी 2014 से पहले के 10 वर्षों की तुलना में इस अवधि में 2.5 गुना अधिक धन मिला है।

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लक्षद्वीप में 1150 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तीन जनवरी को लक्षद्वीप के कवरत्ती में 1150 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया। आज की विकास परियोजनाएं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, जल संसाधन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों को कवर करती हैं। प्रधानमंत्री ने लैपटॉप योजना के तहत छात्रों को लैपटॉप दिए और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के तहत स्कूली छात्राओं को साइकिलें दीं। उन्होंने किसान और मछुआरें लाभार्थियों को पीएम किसान क्रेडिट कार्ड भी सौंपे।

श्री मोदी ने दूरदराज, सीमावर्ती या तटीय और द्वीप क्षेत्रों की लंबे समय से उपेक्षा का संकेत दिया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने ऐसे क्षेत्रों को हमारी प्राथमिकता बनाया है।” उन्होंने बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, पानी, स्वास्थ्य और बाल देखभाल से संबंधित परियोजनाओं के लिए क्षेत्र के लोगों को बधाई दी।

श्री मोदी ने हज यात्रियों के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया, जिससे लक्षद्वीप के लोगों को भी फायदा हुआ है। उन्होंने हज वीज़ा के लिए आसानी और महिलाओं के लिए ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की वीज़ा और अनुमति की प्रक्रिया के डिजिटलीकरण का उल्लेख किया।

श्री मोदी ने कहा, “इन प्रयासों से ‘उमरा’ के लिए जाने वाले भारतीयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।”

• एक परिवर्तनगामी कदम के तहत प्रधानमंत्री ने कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (केएलआई-एसओएफसी) परियोजना की शुरुआत करके लक्षद्वीप में धीमी इंटरनेट गति वाली कमी को दूर करने का संकल्प लिया था, जिसकी घोषणा 2020 में लाल किले में स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान की गई थी। यह परियोजना अब पूरी हो चुकी है और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया था। इससे इंटरनेट स्पीड 100 गुना से ज्यादा (1.7 जीबीपीएस से 200 जीबीपीएस तक) बढ़ जाएगी।
• समर्पित पनडुब्बी ओएफसी लक्षद्वीप द्वीपों में संचार बुनियादी ढांचे में एक आदर्श बदलाव सुनिश्चित करेगी, जिससे तेज और अधिक विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं, टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस, शैक्षिक पहल, डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल मुद्रा उपयोग, डिजिटल साक्षरता आदि सक्षम होंगी।

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केरल की बेटियों ने भारत की स्वतंत्रता, संस्कृति एवं संविधान को आकार दिया है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 3 दिसंबर को केरल का दौरा किया। अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने केरल के थेक्किंकडु में स्त्री शक्ति मोदीकोप्पम कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “केरल का त्रिशूर पूरम उत्सव विश्व प्रसिद्ध है और केरल के सार को प्रदर्शित करता है।”

नारी शक्ति के प्राधान्य को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “वेलु नचियार और सावित्रीबाई फुले जैसी महिलाएं भारत की शक्तिशाली नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं।” केरल की

बेटियों को लेकर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “केरल की बेटियों ने भारत की आजादी, संस्कृति और संविधान को आकार दिया है।” उन्होंने कहा कि भागीरथी अम्मा, अंजू बॉबी जॉर्ज और पीटी उषा समेत केरल की कई बेटियों ने भारत का मान बढ़ाया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आगे कहा, “भारत की नारी शक्ति विकसित भारत के लिए ‘संकल्प से सिद्धि’ को सुनिश्चित करेगी”। एलडीएफ-यूडीएफ पर प्रहार करते हुए श्री मोदी ने कहा, “एलडीएफ-यूडीएफ की राजनीति हमेशा नारी शक्ति को कमजोर करने की रही है।” उन्होंने कहा कि हमने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ और ‘तीन तलाक’ पर रोक लगाने वाले अधिनियमों को पारित कर नारी शक्ति को सशक्त बनाने की गारंटी दी है। विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण को दोहराते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “हम नारी शक्ति को सशक्त कर एक विकसित भारत बनाने का इरादा रखते हैं”।

भारत में चार जातियों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “भारत में नारी शक्ति, युवा, किसान और गरीब ही चार जातियां हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार सभी के सशक्तीकरण के लिए प्रयासरत है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “केरल में एलडीएफ-यूडीएफ सरकारों का इरादा अपने लोगों को सही विकास से वंचित करना है।” उन्होंने कहा, “पिछले दस वर्षों में एनडीए ने सभी की प्रगति को लेकर काम किया है और अंतिम व्यक्ति तक अपनी योजनाओं की पहुंच को सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।”