कैबिनेट ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की व्यापक योजना ‘पृथ्वी विज्ञान (पृथ्वी)’ को दी मंजूरी

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परियोजना की कुल लागत 3,064.45 करोड़ रुपये है, जिसमें 2,233.81 करोड़ रुपये की सिविल निर्माण लागत शामिल है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5 जनवरी को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की व्यापक योजना ‘पृथ्वी विज्ञान (पृथ्वी)’ को 2021-26 की अवधि के दौरान कार्यान्वित किये जाने की मंजूरी दे दी। योजना की कुल लागत 4,797 करोड़ रुपये है। इस योजना में वर्तमान में चल रही पांच उप-योजनाएं शामिल हैं— ‘वायुमंडल और जलवायु अनुसंधान-प्रारूप निरीक्षण प्रणाली और सेवाएं (अक्रॉस)’, ‘महासागर सेवाएं, प्रारूप अनुप्रयोग, संसाधन और प्रौद्योगिकी (ओ-स्मार्ट)’, ‘ध्रुवीय विज्ञान और क्रायोस्फीयर अनुसंधान (पेसर, पीएसीईआर )’, ‘भूकंप विज्ञान और भूविज्ञान (सेज,एसएजीई)’ और ‘अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण और आउटरीच (रीचआउट)’।

व्यापक पृथ्वी योजना के प्रमुख उद्देश्य :

• पृथ्वी प्रणाली और परिवर्तन के महत्वपूर्ण संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए वायुमंडल, महासागर, भूमंडल, क्रायोस्फीयर और ठोस पृथ्वी के दीर्घकालिक निरीक्षणों का संवर्द्धन और रखरखाव
• मौसम, महासागर और जलवायु खतरों को समझने और भविष्यवाणी करने तथा जलवायु परिवर्तन के विज्ञान को समझने के लिए प्रारूप प्रणालियों का विकास
• नई घटनाओं और संसाधनों की खोज करने की दिशा में पृथ्वी के ध्रुवीय और उच्च समुद्री क्षेत्रों की खोज
• सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए समुद्री संसाधनों की खोज हेतु प्रौद्योगिकी का विकास और संसाधनों का सतत उपयोग
• पृथ्वी प्रणाली विज्ञान से प्राप्त ज्ञान और अंतर्दृष्टि को सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ के लिए सेवाओं के रूप में परिणत करना