प्रधानमंत्री ने गांधी जयंती से पहले ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान का किया नेतृत्व

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‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी जयंती से पहले एक अक्टूबर को ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान का नेतृत्व किया। श्री मोदी के ‘एक तारीख, एक घंटा, एक साथ’ के आह्वान से प्रेरित होकर ‘स्वच्छता के लिए श्रमदान’ के एक घंटे के दौरान 8.75 करोड़ से अधिक लोगों ने देशभर में लगभग 9.2 लाख कार्यक्रमों में भाग लिया, जिसमें 6.8 करोड़ ग्रामीण और 1.95 करोड़ शहरी प्रतिभागी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने हमेशा की तरह उदाहरण पेश करते हुए फिटनेस से प्रेरित करने वाले अंकित बैयानपुरिया के साथ स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया और स्वच्छता तथा फिटनेस के महत्व पर प्रकाश डाला।
श्री मोदी ने अपने एक्स पोस्ट पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह हमारे दैनिक जीवन में स्वच्छता और फिटनेस के महत्व के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि आज, जैसाकि देश स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, अंकित बैयानपुरिया और मैंने भी वैसा ही किया! स्वच्छता के साथ, हमने फिटनेस और कल्याण के बारे में भी बात की। यह सब स्वच्छ और स्वस्थ भारत के लिए!

स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण और शहरी के बीच प्रयासों के तालमेल के अलावा, 71 अन्य मंत्रालयों और विभागों ने एसएचएस 2023 में अपने-अपने अनूठे तरीकों से योगदान दिया

इस महाभियान में केंद्रीय मंत्रीगण सर्वश्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल, हरदीप सिंह पुरी, धर्मेंद्र प्रधान, आरके सिंह व अन्य मंत्रियों समेत केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों और सशस्त्र बलों के जवानों ने भाग लिया। साथ ही, श्री अक्षय कुमार, श्री सुनील शेट्टी जैसे बॉलीवुड अभिनेताओं और क्रिकेटर श्री विराट कोहली व श्री रोहित शर्मा ने भी सफाई अभियान में हिस्सा लिया।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार 15 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2023 तक 18 दिनों की अभियान अवधि के दौरान देशभर में औसतन प्रतिदिन लगभग 6 करोड़ लोगों ने भाग लिया, जिससे कुल भागीदारी 109 करोड़ से अधिक हो गई। 18 दिनों की अवधि में देशभर से 53 करोड़ लोगों ने ‘स्वच्छता के लिए श्रमदान’ दिया, यानी प्रतिदिन औसतन लगभग 3 करोड़ लोगों ने भागीदारी की।

इन प्रयासों के अभूतपूर्व परिणाम सामने आए। इस दौरान लगभग 7,611 समुद्र तटों की सफाई की गई, 6,371 नदी तटों और जलप्रपातों को पुनर्जीवित किया गया, 15,576 से अधिक पुराने अपशिष्ट स्थलों का पुनरोद्धार किया गया, 3,620 पर्यटन और प्रतिष्ठित स्थलों में सुधार किया गया और 1,23,840 से अधिक सार्वजनिक स्थानों को फिर से व्यवस्थित किया गया। इसके अतिरिक्त, 16,000 से अधिक जल निकायों को साफ किया गया, 87,000 से अधिक संस्थागत भवनों का कायाकल्प किया गया और लगभग 66,779 कचरा-प्रभावित स्थलों को साफ किया गया है। ये संख्याएं राष्ट्र में तीव्र परिवर्तन लाने के लिए जन-आंदोलन के अटूट समर्पण और शक्ति को दर्शाती हैं।

इस ‘जन आंदोलन’ ने राष्ट्र के लिए कई परिणाम हासिल किए, जिसमें भारत के 75 प्रतिशत से अधिक गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित करना और 4 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों उत्तर प्रदेश, असम, त्रिपुरा और पुडुचेरी ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत खुद को 100 प्रतिशत ओडीएफ प्लस घोषित करना शामिल है। ओडीएफ प्लस के दर्जे का मतलब है कि ये गांव अपनी ओडीएफ दर्जे को कायम रख रहे हैं और उनके पास ठोस या तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था है।

उत्तर प्रदेश राज्य ने शत-प्रतिशत ओडीएफ प्लस कवरेज हासिल किया और सभी 95,767 गांवों ने खुद को ओडीएफ प्लस घोषित किया, इनमें से प्रत्येक गांव में ठोस या तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली थी। यह उपलब्धि असाधारण है, क्योंकि पिछले 9 महीनों में 80,000 से अधिक गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल किया है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने 20 जिलों के 285 ब्लॉकों में अपने सभी 6650 गांवों के लिए ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा प्राप्त किया, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, क्योंकि यह शौचालयों के निर्माण और इस्तेमाल से आगे बढ़कर व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए दृश्यमान स्वच्छता और जागरूकता सृजन से जुड़ी गतिविधियों के साथ-साथ ‘संपूर्ण स्वच्छता’ या ग्रे वाटर और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा संपूर्ण स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

इस बार संपूर्ण सरकार का दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट था। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण और शहरी के बीच प्रयासों के तालमेल के अलावा, 71 अन्य मंत्रालयों और विभागों ने एसएचएस 2023 में अपने-अपने अनूठे तरीकों से योगदान दिया।