प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 मई को सिंदरी में आयोजित एक समारोह में भारत सरकार और झारखंड सरकार की 27,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड के सिंदरी उर्वरक परियोजना का पुनरुद्धार, गेल द्वारा रांची सिटी गैस वितरण परियोजना, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), देवघर, देवघर हवाई अड्डे का विकास और पतरातू सुपर थर्मल पावर परियोजना शामिल हैं। यही नहीं, प्रधानमंत्री की उपस्थिति में जन-औषधि केंद्रों के लिए सहमति पत्रों का आदान-प्रदान भी किया गया।
प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार झारखंड के तीव्र विकास के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज 27,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि इन विकास परियोजनाओं से झारखंड के युवाओं को अवसर प्राप्त होंगे।
उन्होंने कहा कि जब मैंने प्रधानमंत्री पद ग्रहण किया उस समय 18,000 गांवों में बिजली नहीं थी। श्री मोदी ने कहा कि हमने इन गांवों के ग्रामीण लोगों के जीवन में उजाला लाने का काम किया और वहां बिजली पहुंचाई। श्री मोदी ने कहा कि हमने एक कदम आगे बढ़कर सुनिश्चित किया कि भारत में प्रत्येक घर तक बिजली की पहुंच हो।
उन्होंने कहा कि जिन उर्वरक संयंत्रों काम रुका हुआ था, वहां फिर से काम शुरू हो गया। श्री मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत को इसका सर्वाधिक लाभ प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखंड में एम्स की स्थापना से स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में व्यापक बदलाव होगा और गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध होगी। प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने हवाई यात्रा को सुगम और किफायती बनाया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पतरातू सुपर थर्मल पावर परियोजना की आधारशिला रखी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 मई को झारखंड में एनटीपीसी की पतरातू सुपर थर्मल पावर परियोजना के 2400 मेगावाट वाले प्रथम चरण की आधारशिला रखी। यह झारखंड सरकार और एनटीपीसी की एक सहायक कंपनी पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) के बीच 74:26 प्रतिशत की हिस्सेदारी वाला संयुक्त उद्यम है। इसके तहत 4000 मेगावाट का कुल क्षमता विस्तार स्थापित किया जाएगा। इस अवसर पर केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर.के. सिंह और झारखंड एवं केन्द्र के अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
दरअसल, पीवीयूएनएल दो चरणों में इस परियोजना को क्रियान्वित करेगी। प्रथम चरण में 2400 मेगावाट (3×800 मेगावाट) और दूसरे चरण में 1600 मेगावाट (2×800 मेगावाट) बिजली का उत्पादन किया जाएगा। दूसरे चरण को बाद में क्रियान्वित किया जाएगा। इस परियोजना के तहत 85 प्रतिशत बिजली झारखंड को आवंटित की जाएगी, जिससे आगे चलकर यह राज्य लाभान्वित होगा और इसके साथ ही इस क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत यह परियोजना घरों में चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।
इस परियोजना के लिए इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण ठेका भेल को दिया गया है। पहली यूनिट वर्ष 2022 तक चालू होने की परिकल्पना की गई है और इसके बाद छह-छह महीने के अंतराल पर अन्य दो यूनिटों को भी चालू किया जाएगा।
चूंकि एनटीपीसी आसपास के समुदायों का जीवन स्तर बेहतर करने पर फोकस करते हुए समावेशी विकास और सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पीवीयूएनएल पहल से ही स्वच्छ पेयजल एवं नियमित स्वास्थ्य शिविरों की व्यवस्था करने के साथ-साथ निकटवर्ती गांवों में स्थानीय युवाओं के कौशल विकास पर भी अपना ध्यान केन्द्रित करती रही है। परियोजना का काम आगे बढ़ने के साथ ही समुदाय विकास के तहत रोजगार क्षमता बढ़ाने, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, बुनियादी ढांचे के विकास एवं बालिकाओं की शिक्षा पर भविष्य में और ज्यादा फोकस किया जाएगा।