संघर्षरत दुनिया को एकजुट करने वाली सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभरा योग : नरेन्द्र मोदी

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चौथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को देश से लेकर विदेश तक, समुद्र से लेकर आकाश तक और रेगिस्तान से लेकर पहाड़ तक मनाया गया। सियाचिन में 21 हजार फुट की ऊंचाई पर 250 जवानों ने और समुद्र में नौसैनिकों ने पोत में योगासन किए। भारत में तीन विश्व रिकॉर्ड भी बने। इनमें छत्तीसगढ़ के 27 जिलों में एक करोड़ लोगों ने एक समय में योग किया। कोटा में 1.05 लाख लोगों ने योग कर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया। अहमदाबाद में 750 दिव्यांगों ने एक साथ योग किया। इस वर्ष योग दिवस की थीम ‘शांति के लिए योग’ है।

मुख्य कार्यक्रम देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान के परिसर में हुआ, जहां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग 50 हजार लोगों के साथ योग, प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास किया। इससे पहले श्री मोदी ने देश-दुनिया को योग की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि योग में संपूर्ण मानवता को जोड़ने का सामर्थ्य है। यह संघर्षरत दुनिया को एकजुट करनेवाली सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभरा है। जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती हैं तो व्यक्ति, समाज व राष्ट्रों के बीच बिखराव आता है। इस बिखराव और विघटन को जोड़ने वाली शक्ति है योग। उन्होंने कहा कि योग ने दुनिया को ‘इलनेस से वेलनेस’ का रास्ता दिखाया है। यह प्राचीन होने के साथ ही आधुनिक भी है। योग के पास ही तमाम रोगों व परेशानियों का सटीक उपचार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां-जहां उगते सूरज की किरणों पड़ रही हैं और प्रकाश दैदीप्यमान हो रहा है, दुनिया के उस भूभाग में लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं। देहरादून से डबलिन तक, शंघाई से शिकागो और जकार्ता से लेकर जोहानिसबर्ग तक योग ही योग है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव सबसे कम रिकॉर्ड समय में स्वीकार किया। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि यदि दुनिया में अपना सम्मान चाहते हैं तो अपनी विरासत का सम्मान करना सीखें। योग आज दुनिया की सबसे पावरफुल यूनिफाइंग फोर्स में से एक बन गया है। ग्लोबल फ्रेंडशिप को आज योग नई ऊर्जा दे रहा है।

योग का विरोध करने वालों को नसीहत देते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यदि भारत को विश्व शक्ति बनाना है तो घर में ही इस तरह का विरोध जायज नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती हैं तो बिखराव आता है। समाज में दीवारें खड़ी होती हैं। परिवार में कलह बढ़ता है। जीवन में तनाव बढ़ता है। उन्होंने संकेतों में साफ कर दिया कि समाज और देश में सौहार्द कायम करने के लिए आपसी कटुता और वैमनस्य खत्म करना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘अगर हमें हमारी शक्ति सामर्थ्य के प्रति भरोसा नहीं होगा, तो कोई स्वीकार नहीं करेगा। अगर परिवार में परिवार ही बच्चे को हमेशा नकारता रहे और अपेक्षा करे कि मोहल्ले वाले बच्चे का सम्मान करें तो यह संभव नहीं।’ एक तरह से मोदी ने अपने राजनीतिक विरोधियों द्वारा योग दिवस पर उठाए जा रहे सवालों के जवाब में यह तंज कसा।

पहली बार दो राष्ट्राध्यक्ष योग कार्यक्रम में एक साथ हुए शामिल

चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने लातिन अमेरिकी देश सूरीनाम की राजधानी परमारिबो में अपने समकक्ष श्री डेजायर डेलानो बेटरेसे के साथ योग आसन किए। यह पहला मौका है, जब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में दो देशों के प्रमुख एकसाथ शामिल हुए। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने गोल गले की टी-शर्ट पहनकर दर्जनों लोगों के साथ आसन किए। इस मौके पर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत से 14,000 किलोमीटर दूर पारामारिबो में सूरीनाम के राष्ट्रपति बेटरेसे के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाकर बेहद खुश हूं। हमारे साथ योग करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद, जिन्होंने इस मौके को यादगार बनाया। राष्ट्रपति श्री कोविंद यूनान, सूरीनाम और क्यूबा के तीन देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में बुधवार को ही सूरीनाम की राजधानी पारामारिबो पहुंचे। उधर, विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने ब्रुसेल्स में यूरोपीय संसद परिसर में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में भागीदारी की।

कोटा में 1.05 लाख लोगों ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

राजस्थान के कोटा में एक लाख पांच हजार लोगों ने एक ही स्थान पर योग कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डस में कोटा का नाम दर्ज करा दिया। बाबा रामदेव और मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की उपस्थिति में आरसीए मैदान में कोटा में पढ़ने आए देशभर के छात्रों और आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने सुबह साढ़े छह से सात बजे तक एक साथ योग कर यह विश्व रिकॉर्ड बनाया। कार्यक्रम के बाद गिनीज की टीम ने मौके पर ही आयोजकों को प्रमाणपत्र प्रदान किया। अभी तक एक स्थान पर सबसे ज्यादा लोगों के योग करने का रिकॉर्ड मैसूर के नाम था। पिछले वर्ष योग दिवस पर मैसूर में एक साथ 55,524 लोगों ने योग किया था। विश्व रिकॉर्ड के अलावा तीन दिन से चल रहे योग शिविर में 10 हजार सूर्य नमस्कार एक साथ करने, 25 हजार पुशअप एक साथ लगाने सहित करीब 100 रिकॉर्ड बनाए गए। ये सभी रिकॉर्ड गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुके हैं और साधकों को सर्टिफिकेट भी जारी हो चुके हैं।
एक ही समय पर समूचे छग में एक करोड़ लोगों ने योग कर बनाया रिकॉर्ड

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर छत्तीसगढ़ में एक ही समय (सुबह सात से आठ बजे) पर राज्यभर के विभिन्न आयोजन स्थलों पर एक करोड़ लोगों ने योगाभ्यास कर इतिहास रच दिया। इस उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्डस रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। मुख्य आयोजन रायपुर के इंडोर स्टेडियम में केंद्रीय राज्यमंत्री श्री आरके सिंह व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अगुआई में हुआ।

‘46 इस्लामिक देश दे चुके हैं योग को मान्यता’

राजधानी लखनऊ में चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल श्री राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन में योग किया। इस दौरान दोनों उप मुख्यमंत्रीगण सर्वश्री दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य भी उपस्थित रहे। इस योग कार्यक्रम को आयुष विभाग ने आयोजित किया था।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि योग का इतिहास बहुत पुराना है। पहले कहा गया कि योग एक धर्म से जुड़ा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 191 देश मान चुके हैं कि योग सभी धर्मों के लिए है। 46 इस्लामिक देश योग को मान्यता दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका प्रगतिशील देश है। लेकिन अब वहां की लाइफ स्टाइल में भी योग शामिल हुआ है। कल्चरल डिप्लोमेसी में प्रधानमंत्री श्री मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता हासिल हुई है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन में योग अपनाने से बीमारी पर होने वाले खर्च को बचा सकते हैं और स्वस्थ जीवन पा सकते हैं। आधे घंटे का योग सबको अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। योग की क्रियाएं सबके जीवनचर्या का पहले से ही हिस्सा हैं।

विश्व भर में रही धूम

दुनिया के कोने-कोने में सामूहिक तौर पर योग मनाया गया है। कट्टरपंथियों की धमकी के बावजूद पड़ोसी देश पाकिस्तान के कई शहरों में योग करते लोगों की तस्वीरें वहां की मीडिया ने दिखाई है। मुस्लिम देश बंग्लादेश के भारतीय उच्चायोग के आयोजन में दस हजार स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया। मास्को स्थित भारतीय दूतावास ने सूचना दी है कि उसने व्लादिवोस्तक से लेकर सेंट पीटर्सबर्ग तक योग आयोजन करवाने में मदद की है। बीजिंग स्थित इंडिया हाउस में योग करने के इच्छुक लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एजेंसियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी, जबकि चीन के तमाम दूसरे शहरों में भी योग दिवस आयोजित किए गए। यूरोपीय संघ में जिस तेजी से योग की लोकप्रियता बढ़ी है उसे देखते हुए वहां के तमाम देशों में स्थित विदेश मंत्रालय के कार्यालयों का एक प्रमुख काम हो गया है कि वह योग दिवस का आयोजन करे। डेनमार्क जैसे देश में जहां योग कुछ वर्ष पहले तक बेहद सीमित था, अब तकरीबन आधे दर्जन शहरों में भारतीय दूतावास की मदद से इसका आयोजन हो रहा है।

यूएन उप महासचिव बोलीं- संयुक्त राष्ट्र के लिए पूरी तरह उपयुक्त है योग

संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि योग संयुक्त राष्ट्र के लिए ‘पूरी तरह उपयुक्त’ है और आज की जटिल दुनिया में जहां तनाव और भ्रम व्याप्त हैं वहां मस्तिष्क एवं शारीरिक तंदरूस्ती तथा शांति कायम करने में प्राचीन भारत का शारीरिक तथा मानसिक अभ्यास महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के राजदूतों, राजनयिकों, धार्मिक नेताओं, नागरिक समाज के सदस्यों और बच्चों ने भाग लिया। संरा मुख्यालय के नॉर्थ लॉन में रंगबिरंगे मैट बिछे थे जिन पर प्रतिभागियों ने दो घंटे के योग सत्र में विभिन्न योगासन किए। इस बार की थीम थी ‘शांति के लिए योग’।

संरा उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने चौथी बार आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज की दुनिया बहुत अधिक जटिल है। हमारे सामने मूल मूल्यों के क्षरण की चुनौती है, जीवन के हर चरण में तनाव है, भ्रम है, खासकर के युवाओं में। योग संस्कृत के शब्द ‘योग’ से लिया गया है और यह संयुक्त राष्ट्र के लिए पूरी तरह उपयुक्त है।’’ योग दिवस आयोजित करने के लिए भारत की सराहना करते हुए अमीना ने संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए योग के महत्व को रेखांकित किया।

संरा में भारतीय के स्थायी प्रतिनिधि श्री सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि योग की बढ़ती लोकप्रियता तथा वैश्विक स्तर पर इसे अपनाया जाना इस बात का संकेत है कि योग विभिन्न समाजों, आयु वर्ग, जाति तथा पेशे के लोगों के लिए लाभदायक है। यह व्यक्तिगत, शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है तथा व्यक्तिगत, सामाजिक शांति और समरसता को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का वीडियो संदेश चलाया गया।