14,933 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई

| Published on:

1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता चला

भाजपानीत केंद्र की राजग सरकार ने पिछले तीन वर्षों में काला धन समाप्त करने में अपार सफलता प्राप्त की। केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा 7 अप्रैल को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन वर्षों में 1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया गया। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में अप्रत्याशित कानूनी कार्रवाई की गई। जहां 23064 सर्च/सर्वे किए गए ( आयकर 17525, सीमा शुल्क 2509, केंद्रीय उत्पाद 1913, सेवा कर 1120), वहीं 2814 मामलों में आपराधिक मुकदमे किए गए ( आयकर 1966, सीमा शुल्क 526, केंद्रीय उत्पाद 293, सेवा कर 29)। 3893 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया (सीमा शुल्क 3782, केंद्रीय उत्पाद 47, सेवा कर 64)।

प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन (मनी लॉड्रिंग) विरोधी कारर्वाइयों में तेजी दिखाते हुए 519 मामले दर्ज किए और 396 सर्च आपरेशन किया गया। 79 मामलों में गिरफ्तारियां की गईं और 14,933 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। बेनामी प्रतिषेध कानून पिछले 28 वर्षों तक निष्प्रभावी रहा । इसे नवंबर 2016 से व्यापक संशोधन करके प्रभावी बनाया गया है। 245 से अधिक बेनामी लेनदेन का पता लगाया गया। 124 मामलों में 55 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति अस्थाई रूप से जब्त की गई है।

विभिन्न कानूनों को तर्कसंगत बनाया गया, कमियों को दूर किया गया और दण्डात्मक प्रावधानों को कठोर बनाया गया। विभिन्न तरीकों से नकद लेनदेन पर नजर रखने और नकद लेनदेन पर नियंत्रण रखने के प्रयास किए गए हैं। ऐसे तरीकों में 2 लाख रुपये से ऊपर के नकदी लेनदेन में दंड का प्रावधान, अनुमति योग्य नकद खर्च की सीमा केवल 10,000 रुपये रखना, पैन संख्या प्राप्त करने और आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार की अनिवार्यता तथा 50,000 रुपये से अधिक की नकदी जमा के लिए पैन की अनिवार्यता, बैंक खातों से आधार को आवश्यक रूप में जोड़ना, अचल संपत्ति के हस्तांतरण मामले में 20,000 रुपये और उससे अधिक की रकम पर दण्ड और यह दण्ड बराबर की राशि होगा।