भारत की एकजुट शक्ति का सम्मान

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ज जब देश के 85 प्रतिशत पात्र लोगों को कोविड-19 टीके की प्रथम खुराक मिल चुकी है तथा 50 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण पूर्ण हो चुका है, पूरा विश्व भारत की सराहना कर रहा है। अब जबकि देश में 130 करोड़ से भी अधिक टीके लग चुके हैं अौर कई रिकाॅर्ड देश के नाम दर्ज हो चुके हैं, वैश्विक महामारी के विरुद्ध युद्ध में भारत एक अग्रणी देश के रूप में सामने आया है। विश्व के सबसे विशाल, तेज एवं पूर्णतः निःशुल्क टीकाकरण अभियान में एक दिन में कई बार एक करोड़ टीके का आंकड़ा पार कर तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर एक ही दिन में 2.5 करोड़ टीके का आंकड़ा पार कर देश ने उन्हें एक विशेष उपहार दिया। इसमें सबसे अद्भुत उपलब्धि यह रही कि ये रिकाॅर्ड देश में ‘मेड इन इंडिया’ टीकों के बल पर प्राप्त किया तथा सभी को निःशुल्क टीके उपलब्ध कराकर अपनी क्षमता का परिचय दिया। भारत के वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं, उद्यमियों एवं फार्मा क्षेत्र, जिन्होंने रिकाॅर्ड समय में टीकों का निर्माण किया, की क्षमता पर देश के अटूट विश्वास का यह प्रतिफल है। आज ये ‘मेड इन इंडिया’ टीके न केवल भारत के लिए बल्कि विश्वभर की मानवता के लिए वरदान साबित हुए हैं।

कांग्रेस एवं इसके सहयोगी दल टीकों के विरुद्ध दुष्प्रचार कर हर प्रकार की बाधा उत्पन्न कर रहे थे, वहीं पूरे राष्ट्र ने रिकाॅर्ड समय में 100 करोड़ टीके का लक्ष्य प्राप्त कर सभी विरोधियों को निरुत्तर कर दिया

मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को बढ़ाकर एक बार पुनः 80 करोड़ लोगांे को मार्च, 2022 तक निःशुल्क राशन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। ध्यान देने योग्य है कि इसे कोविड-19 वैश्विक महामारी में 80 करोड़ जनता लाॅकडाउन के कारण चुनौतियों का सामना कर रही थी, उन्हें निःशुल्क राशन उपलब्ध कराकर भारी राहत देने के लिए शुरू किया गया था। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सुदृढ़ एवं करिश्माई नेतृत्व में देश ने न केवल हर चुनौती को अवसर में बदला, बल्कि गरीब, किसान, प्रवासी मजदूर, महिला, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक एवं समाज के कमजोर वर्गों को भारी राहत दी। ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अंतर्गत अनेक राहत देने वाले पहलों के कारण पूरे देश में महामारी का सामना करने का आत्मविश्वास जाग्रत हुआ। इस दौर में देश के चिकित्सकों, नर्सों, चिकित्साकर्मियों, लैब तकनीशियनों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मियों एवं कोरोना योद्धाओं; जिन्होंने निःस्वार्थ सेवा के नए प्रतिमान गढ़े; उन्होंने अपने समर्पण से भारत का मस्तक ऊंचा किया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज जब देश इस वैश्विक महामारी से बाहर निकलने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठा रहा है, इन प्रयासों का प्रभाव अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में देखा जा रहा है। आज, सकल घरेलू उत्पाद में उत्साहजनक उछाल देखा जा सकता है। जिससे सभी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था के भारी छलांग की भविष्यवाणी कर रही हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है कि महामारी के दौर में भी अनेक परियोजनाएं अपने तय समय से पूर्व ही अपना कार्यपूर्ण करने में सफल हुई हैं। साथ ही, भारत अपनी पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करने में भी सफल हुआ है।
देश एक ‘नए भारत’ की राह पर अग्रसर है जो ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के सिद्धांतों को साकार करते हुए ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के लिए कृतसंकल्पित है। वैश्विक महामारी के दौर में भी भारत हर देश के साथ खड़ा रहा तथा हर संभव सहायता की। भारत प्रत्येक जरूरतमंद देश का मित्र साबित हुआ है। एक ओर जहां देश के अंदर ही कुछ लोग भारत जैसे विशाल देश में टीकाकरण अभियान के सफलतापूर्वक चलने पर प्रश्नचिह्न लगा रहे थे और कांग्रेस एवं इसके सहयोगी दल टीकों के विरुद्ध दुष्प्रचार कर हर प्रकार की बाधा उत्पन्न कर रहे थे, वहीं पूरे राष्ट्र ने रिकाॅर्ड समय में 100 करोड़ टीके का लक्ष्य प्राप्त कर सभी विरोधियों को निरुत्तर कर दिया। आज भारत देश के हर पात्र नागरिक को टीके की कम से कम एक खुराक देने के करीब है, पूरा विश्व भारत की एकजुट शक्ति का सम्मान कर रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत की एकजुटता हर चुनौती पर विजय प्राप्त कर सकती है।

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