प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना यानी ‘सौभाग्य’ के तहत अब तक करीब 52 लाख घरों तक बिजली पहुंचायी जा चुकी है और इस योजना के तहत मार्च 2019 तक 3.63 घरों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है। इस योजना पर 16 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा। केंद्र सरकार ने 2018-19 के बजट में 2750 करोड़ रुपए ‘सौभाग्य’ के लिए दिए हैं। यह करोड़ों परिवारों के घर में नयी रोशनी लाने के लिए है, जिनके घरों में आजादी के 70 साल के बाद भी अंधेरा है।
‘सौभाग्य’ योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 सितंबर को किया था। इसका उद्देश्य अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चत करते हुए सभी घरों में बिजली पहुंचाना और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के सभी शेष गैर विद्युतीकृत घरों में बिजली कनेक्शन सुलभ कराना है, ताकि देश में सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
सौभाग्य योजना के तहत हर ग्रामीण व शहरी व्यक्ति जो 2011 की सामाजिक आर्थिक व जातिगत जनगणना में गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवार को फ्री बिजली कनेक्शन देना है। जो गरीबी रेखा के नीचे नहीं आते हैं उनको 500 रुपए में कनेक्शन दिया जाना है। यह राशि एक मुश्त ना लेते हुए 50 रुपए प्रति माह बिजली बिल के साथ वसूली जाएगी। साथ ही नि:शुल्क 5 एलईडी बल्ब, एक पंखा, एक डीसी बैटरी कनेक्शन धारक को देने का प्रावधान है।
इसके साथ ही पांच वर्षों तक मरम्मत और देखभाल भी की जाएगी। दुर्गम और दूरदराज के क्षेत्रों में बिना बिजली वाले घरों में बैटरी बैंक सहित 200 से 300 डब्ल्यूपी वाले सौर ऊर्जा पैक प्रदान किए जाएंगे।
योजना के अपेक्षित परिणाम
1. रोशनी के लिए केरोसिन का प्रयोग न करने से पर्यावरण में सुधार
2. शैक्षणिक गतिविधियों में प्रगति
3. उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं
4. रेडियो, टेलीविजन और मोबाइल द्वारा बेहतर संपर्कता
5. आर्थिक गतिविधियों और रोजगार में वृद्धि
6. विशेष रूप से महिलाओं सहित सभी के जीवन स्तर में सुधार
योजना के अंर्तगत लाभकर्ताओं की पहचान, बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन, आवेदक का चित्र और पहचान का प्रमाण हाथो-हाथ पंजीकृत किया जा रहा है। दरअसल, ग्रामीण विद्युतीकरण कार्पोरेशन लिमिटेड (आरईसी) देश भर में योजना के संचालन के लिए नोडल संस्था है।