आत्मनिर्भरता का बजट

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जट 2022-23 लंबे समय से चल रहे कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बीच एक ऐसे उभरते हुए भारत की आकांक्षाएं प्रस्तुत करता है जो दृढ़ संकल्पशक्ति के बल पर नित नई ऊंचाइयां छूना चाहता है। यह एक ऐसा बजट है जो न केवल ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए बनाई गई नीतियों को मजबूत आधार दे रहा है, बल्कि ‘आत्मनिर्भरता’ की एक मजबूत नींव डाल रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की भविष्योन्मुखी नीतियों को मूर्त रूप देने वाला यह बजट विकास की गति तीव्र करेगा, रोजगार को बढ़ावा देगा एवं गरीब, किसान, मजदूर, महिला एवं युवा का सशक्तिकरण करेगा। इसे वास्तविक अर्थों में ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ वाला बजट कहा जा सकता है जो पूरे देश के आत्मविश्वास और उज्ज्वल भविष्य को दर्शाता है।

आज जबकि वर्ष 2021-22 के आर्थिक सर्वे के आंकड़े 9.2 प्रतिशत विकास दर दिखा रहे हैं, भारत विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था में सबसे ऊंची विकास दर वाला देश बन गया है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है जो कोविड-19 महामारी की चुनौतियों को अवसर में परिवर्तित करते हुए प्राप्त की गई है। यह सब समय पर उचित निर्णयों, दूरदर्शी नीतियों, सर्वसमावेशी पहलों एवं दृढ़ राजनैतिक इच्छा के कारण संभव हुआ है। बजट न केवल उन नीतियों का समावेशन करता है, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था, फिनटेक, तकनीक आधारित विकास, ऊर्जा पारेषण एवं जलवायु परिवर्तन संबंधित पहलों पर विशेष बल देता है। रोजगार वृद्धि के संकल्प को 14 क्षेत्रों में पीएलआई बढ़ाने के निर्णय में देखा जा सकता है जिससे 30 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त उत्पादन का मार्ग प्रशस्त तो होगा ही, साथ ही 60 लाख नए रोजगार भी सृजित होंगे।

आज जबकि वर्ष 2021-22 के आर्थिक सर्वे के आंकड़े 9.2 प्रतिशत विकास दर दिखा रहे हैं, भारत विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था में सबसे ऊंची विकास दर वाला देश बन
गया है

आज जबकि पूरा विश्व कोविड-19 महामारी के झंझावातों से गुजर रहा है, बजट 2022-23 को बढ़ाकर न केवल 39.45 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है, बल्कि वित्तीय घाटा भी 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत किया गया है। वर्तमान परिस्थितियों में यह अत्यंत प्रशंसनीय प्रयास है। साथ ही पूंजीगत व्यय में 35.4 प्रतिशत की भारी वृद्धि से 7.5 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत निवेश से भारी-भरकम निजी निवेश भी अर्थव्यवस्था में होगा। प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के सात इंजन- रोड, रेलवे, हवाई अड्डा, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग एवं सहायक अवसंरचना पर दिए गए विशेष बल से पूरी अर्थव्यवस्था का कायाकल्प होगा। कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए भारी आवंटन, कृषि एवं ग्रामीण उद्यमों के स्टार्ट-अप के लिए भारी राशि, कृषि उपज के आकलन, भूमि के पट्टों के डिजिटलीकरण तथा कीटनाशक एवं पोषण तत्वों के छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ के प्रावधानों से कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन होंगे। केन एवं बेतवा नदियों को जोड़ने वाली परियोजना से पूरे बुंदेलखंड में खुशहाली आएगी। लघु, मध्यम एवं छोटे उद्यमों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के साथ-साथ ‘सक्षम आंगनवाड़ी,’ ‘हर घर, नल से जल’ सबके लिए आवास, वाइब्रेंट ग्राम कार्यक्रम जैसे प्रावधानों से बजट का स्वरूप सर्वसमावेशी एवं सर्वव्यापी बन गया है।

बजट 2022-23 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से दिए गए आह्वान के पूरी तरह अनुरूप है। स्वतंत्रता के ‘अमृत महोत्सव’ पर उन्हांेने कहा था कि आने वाला 25 वर्ष देश के लिए ‘अमृत काल’ है। यह ‘अमृत काल’ देश को स्वतंत्रता के 100 वर्ष की ओर ले जाएगा। इस अमृतकाल का उपयोग प्रभावी ढंग से करते हुए उन्होंने राष्ट्र से ‘आत्मनिर्भर भारत’ का संकल्प लेने का आह्वान किया था। बजट 2022-23 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि एवं दिशा के अनुरूप न केवल व्यापक अवसंरचना निर्माण पर बल देता है, बल्कि हर क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने के लिए कृतसंकल्पित है। यहां तक कि पूर्व कांग्रेसी सरकारों द्वारा दशकों से उपेक्षित रक्षा क्षेत्र में भी नए उद्योगों, स्टार्ट-अप्स, शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आवश्यकता के 68 प्रतिशत साजो-सामान देश के अंदर से ही क्रय करने का प्रावधान किया गया है। लगभग हर क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ाने पर बल दिया गया है। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को ‘अमृतकाल’ में ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ का बजट 2022-23 के माध्यम से एक नए युग का सूत्रपात करने के लिए बहुत-बहुत बधाई।

                      shivshaktibakshi@kamalsandesh.org