‘नेताजी’ के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि

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स वर्ष 23 जनवरी, 2022 को भारत ने जब नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया, तब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया गेट पर उनके ‘होलोग्राम प्रतिमा’ का अनावरण कर एक कृतज्ञ राष्ट्र की भावनाओं को अपने महान नेता के प्रति व्यक्त किया। साथ ही प्रधानमंत्री जी ने यह भी घोषणा की कि बहुत शीघ्र नेताजी के होलोग्राम प्रतिमा की जगह उनकी एक विशाल ग्रेनाइट की मूर्ति की स्थापना होगी जो कि आजाद हिंद फौज के हर सैनिक का सम्मान होगा। आज जबकि हर वर्ष नेताजी की जयंती को ‘पराक्रम दिवस के रूप में मनाने के लिए पूरा राष्ट्र कृतसंकल्पित है, गणतंत्र दिवस समारोह से जुड़े उत्सवों की शुरुआत भी अब एक दिन बढ़ाकर उनकी जयंती 23 जनवरी से करने का अभिनंदनीय निर्णय किया गया है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस का देश की स्वतंत्रता के लिए निःस्वार्थ समर्पण, स्पष्ट दृष्टि, संघर्ष एवं सेवा, अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प देशवासियों को निरंतर प्रेरणा देता रहेगा।

नेताजी सुभाषचंद्र बोस का देश की स्वतंत्रता के लिए निःस्वार्थ समर्पण, स्पष्ट दृष्टि, संघर्ष एवं सेवा, अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प देशवासियों को निरंतर प्रेरणा देता रहेगा

ध्यान देने योग्य है कि स्वतंत्रता के तत्काल बाद स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत को कुछ निहित स्वार्थी तत्व हथियाना चाहते थे, ताकि देश में वंशवाद की राजनीति फल-फूल सके। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विशेष परिवार का तो बहुत महिमामंडन किया गया, परंतु देश के अनेक महानायकों के योगदान को विस्मृत करने के प्रयास भी किए गए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रनायकों का समुचित सम्मान कर दशकों से चली आ रही उपेक्षा की राजनीति को समाप्त कर इनके प्रति पूरी राष्ट्र की कृतज्ञता को प्रकट कर रहे हैं। सरदार पटेल की स्मृति में ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’, बाबा साहेब की स्मृति में पंचतीर्थ, अंडमान के द्वीप का नाम नेताजी के नाम पर करना तथा इसी प्रकार के अनेक निर्णय आज मां भारती के यशस्वी नायकों के प्रति श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं।

एक ओर जहां राष्ट्रनायकों की स्मृतियों का सम्मान किया जा रहा है, वहीं कुछ मुट्ठी भर लोग वंशवाद की राजनीति में अपने निहित स्वार्थ के कारण इन कदमों पर अनावश्यक विवाद करने का प्रयास करते रहते हैं। यही नहीं, राष्ट्रीय समर स्मारक पर अमर जवान ज्योति को मिलाए जाने पर इसी प्रकार का एक अनावश्यक भ्रम पैदा करने का प्रयास किया गया। ये मुट्ठी भर लोग अभी तक यह स्वीकार नहीं कर पा रहे कि देश अब अपनी गौरवशाली यात्रा पर मजबूती से चल पड़ा है। ये वही लोग हैं जो सेंट्रल विस्टा और नए भारत के अन्य भव्य निर्माण कार्यों पर लोगों को दिग्भ्रमित करना चाहते हैं। यह उस मानसिकता से प्रेरित है जो सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण, अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर के पुनर्निर्माण, काशी विश्वनाथ काॅरीडोर, चार धाम काॅरिडोर, केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण जैसे ऐतिहासिक कार्यों का विरोध करता है।

भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत एवं करिश्माई नेतृत्व में 16 जनवरी, 2022 को टीकाकरण अभियान के एक वर्ष पूर्ण कर लिये। यह यात्रा जो एक वर्ष पूर्व शुरू हुई थी, उसने अनेक कीर्तिमान स्थापित किए जिससे आज सारा विश्व चमत्कृत है। आज 92 प्रतिशत से अधिक पात्र जनों को टीके की एक खुराक दी जा चुकी है। 157 करोड़ से अधिक खुराक लोगों को दिया गया है। इस यात्रा में कई बार एक ही दिन में एक करोड़ से अधिक टीके लगे तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस पर देश ने उन्हें 2.5 करोड़ से अधिक टीकों का उपहार दिया। देश आज अपने वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, नर्सों, स्वास्थ्यकर्मियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, कोरोना योद्धाओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यों से गौरवान्वित महसूस कर रहा है, जिनके अथक प्रयासों के कारण असंभव से लगने वाले ये कार्य संभव हुए हैं। इस पूरी यात्रा की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि ये कीर्तिमान ‘मेड इन इंडिया’ टीकों के बल पर प्राप्त किए गए हैं और ये टीके अब अन्य देशों के लिए भी वरदान साबित हो रहे हैं। अब जब टीकाकरण अभियान के एक वर्ष की यात्रा पूर्ण हुई है, जन-जन का विश्वास भारत के उज्ज्वल भविष्य को लेकर और भी अधिक दृढ़ हुआ है। आज विश्व एक नए भारत के उदय का साक्षात्कार कर रहा है, जो अपनी सांस्कृतिक विरासत, सभ्यतागत उपलब्धियों के साथ एक ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर मजबूती से आगे बढ़ चला है।

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