सेवा क्षेत्र की दूसरी तिमाही के दौरान 7.1 प्रतिशत की वृद्धि

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केद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा 8 जनवरी को जारी वर्षांत समीक्षा-2017 की रिपोर्ट के अनुसार विनिर्माण, विद्युत, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाएं एवं व्यापार, होटल, परिवहन एवं संचार और प्रसारण क्षेत्र से जुड़ी सेवाओं ने 2016-17 की दूसरी तिमाही की तुलना में 2017-18 की दूसरी तिमाही में 6.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने भारत सरकार की स्थानीय और विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग बढ़ाकर बीएए3 से बीएए2 कर दी और भारत सरकार की व्यापक स्थायित्व के लिए प्रतिबद्धता जिससे कम मुद्रास्फीति, घाटे में कमी और सरकार के राजकोषीय मजबूती कार्यक्रम के क्रम में बेहतर बाह्य संतुलन को मान्यता देते हुए 13 साल बाद आउटलुक को पॉजिटिव (सकारात्मक) से स्टेबल (टिकाऊ) कर दिया।

भारत ने डूइंग बिजनेस रिपोर्ट, 2017 में 130 रैंकिंग से 30 पायदान की छलांग लगाई, जो डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) रिपोर्ट, 2018 में किसी भी देश द्वारा लगाई गई सबसे ऊंची छलांग थी। इसके साथ ही ईओडीबी की इस साल की रिपोर्ट में भारत दक्षिण एशिया और ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं में ऐसा अकेला देश है, जिसने इतना ज्यादा सुधार दर्ज किया।

वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही के वास्तविक जीडीपी विकास के आंकड़े में महत्वपूर्ण सुधार दर्ज किया गया, जो पहली तिमाही में 5.7 प्रतिशत था। दूसरी तिमाही में वास्तविक जीवीए में भी 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो पहली तिमाही में 5.6 प्रतिशत थी। इस तिमाही के दौरान विकास दर को विनिर्माण में तेज बढ़ोतरी से मदद मिली, जो पहली तिमाही की 1.2 प्रतिशत की तुलना में दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई।

विद्युत और उपयोगी सेवाओं में 7.6 प्रतिशत, व्यापार, परिवहन एवं संचार में 9.9 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि से भी जीडीपी को गति मिली। समूचे सेवा क्षेत्र ने दूसरी तिमाही के दौरान 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। सकल स्थायी पूंजी निर्माण की दर में भी दूसरी तिमाही के दौरान 4.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो पहली तिमाही में 1.6 प्रतिशत रही थी। वास्तविक निजी खपत में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत के आंकड़े पर स्थिर रही।

काले धन को अर्थव्यवस्था से निकालने के लिए 8 नवंबर, 2017 को लिए गए ऐतिहासिक फैसले के एक साल बाद बड़े नोटों के सर्कुलेशन में 50 प्रतिशत तक की कमी आ गई। वेतन के लिए नकदरहित लेनदेन को सक्षम बनाने के लिए 50 लाख नए बैंक खाते खोले गए। वित्त वर्ष 2015-16 से वित्त वर्ष 2016-17 के बीच 26.6 प्रतिशत नए करदाता बढ़े। ई-रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या 27.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अगस्त, 2016 से अगस्त, 2017 के बीच आईएमपीएस लेनदेन की संख्या 59 प्रतिशत बढ़ी। 2.24 लाख शेल कंपनियां बंद कर दी गईं। 29,213 करोड़ रुपये अघोषित आय व देश भर में यूएलबीएस की आमदनी का पता लगा।

दूसरे विकसित देशों की तुलना में भारत में ऊंची लॉजिस्टिक लागत को ध्यान में रखते हुए एकीकृति लॉजिस्टिक सेक्टर के विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 10 नवंबर, 2017 को हुई 14वीं इंस्टीट्यूशनल मेकैनिज्म (आईएम) बैठक में लॉजिस्टिक सेक्टर को इन्फ्रास्टक्चर का दर्जा दे दिया गया। इससे लॉजिस्टिक सेक्टर को बढ़ी हुई सीमा के साथ आसान शर्तों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर कर्ज उपलब्ध कराने, बाह्य व्यासायिक उधारी (ईसीबी) के तौर पर ज्यादा धन जुटाने, बीमा कंपनियों और पेंशन फंडों से लंबी अवधि का फंड हासिल करने और इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) से कर्ज लेने के लिए पात्र बनने में मदद मिलेगी।

अति महत्वपूर्ण नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) का परिचालन शुरू हो गया। एनआईआईएफ ने दीर्घकाल के लिए 1 अरब डॉलर जुटाने के लिए अबूधाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के साथ अपना पहला निवेश समझौता किया।

देश की अर्थव्यवस्था में गुणात्मक परिवर्तन

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस द्वारा भारत की स्थानीय और विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग में 13 साल के बाद महत्वपूर्ण सुधार

भारत ने विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में लगाई 30 पायदान की छलांग और विमुद्रीकरण की कवायद के द्वारा वित्तीय प्रणाली की स्वच्छ बनाने में मदद।

परिवर्तनकारी सुधार-वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की पेशकश के द्वारा पूरी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में आमूलचूल बदलाव, जिसने कई केंद्रीय और राज्य करों की जगह ली और आयकर अधिनियम के पुनर्लेखन के लिए नई प्रत्यक्ष कर संहिता की शुरुआत की गई।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण और उनके समेकन के लिए एक अल्टरनेटिव मेकैनिज्म।

वित्तीय समावेशन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं-पीएमजेडीवाई और एपीवाई की भारी सफलता।

विनिवेश के माध्यम से पूंजी जुटाने की नई पहल करते हुए सरकार ने नया एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), भारत 22 को पेश किया, जो सीपीएसई, पीएसबी और एसयूयूटीआई की रणनीतिक हिस्सेदारी वाले 22 स्टॉक्स का मिश्रण है।

जीवन की गुणवत्ता में सुधार सरकार का प्राथमिक लक्ष्य बना रहा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया और इसका फायदा 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को मिला।