भ्रष्टाचारियों को संरक्षित और पोषित करती है सिद्धारमैया सरकार : अमित शाह

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एक बहुदलीय लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली में किसी भी पार्टी का मूल्यांकन तीन मापदंडों के आधार पर किया जाना चाहिए-पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र, पार्टी का सिद्धांत और सत्ता में आने पर सरकार की कार्यपद्धति। अब समय आ गया है कि देश की जनता इन आधारभूत मापदंडों पर राजनीतिक पार्टियों का मूल्यांकन करे।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 12 अगस्त को आईटीसी गार्डेनिया, बेंगलुरु (कर्नाटक) में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित किया और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा, सिद्धांतों और कार्यपद्धति पर विस्तार से चर्चा की। विदित हो कि श्री शाह देश के सभी राज्यों में कुल 110 दिनों के अपने विस्तृत प्रवास कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय दौरे पर कर्नाटक में थे। इससे पहले कैम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचने पर एयरपोर्ट टोलगेट के निकट राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का भव्य स्वागत किया गया। इसके पश्चात् वे बेंगलुरु स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय ‘जगन्नाथ भवन’ पहुंचे, जहां उन्होंने प्रदेश भाजपा कार्यालय में पुस्तकालय का उद्घाटन किया। पार्टी कार्यालय में उन्होंने प्रदेश कोर कमिटी के सदस्यों के साथ बैठक की। तत्पश्चात् उन्होंने भाजपा सांसदों, विधायकों एवं विधान परिषद् के सदस्यों के साथ अलग से बैठक की। प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित करने से पूर्व उन्होंने होटल आईटीसी गार्डेनिया में प्रदेश पदाधिकारियों, विभागों के प्रभारियों व सहप्रभारियों, विभागों के संगठन सचिवों, जिला अध्यक्षों, जिला महासचिवों, मोर्चा अध्यक्षों, मोर्चा महासचिवों एवं प्रकोष्ठों के प्रदेश संयोजकों के साथ भी विचार-विमर्श किया।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि एक बहुदलीय लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली में किसी भी पार्टी का मूल्यांकन तीन मापदंडों के आधार पर किया जाना चाहिए-पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र, पार्टी का सिद्धांत और सत्ता में आने पर सरकार की कार्यपद्धति। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश की जनता इन आधारभूत मापदंडों पर राजनीतिक पार्टियों का मूल्यांकन करे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सभी पार्टियों से अलग है, क्योंकि आज देश में मौजूद लगभग 1650 छोटी-बड़ी पार्टियों में से केवल भारतीय जनता पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसके अंदर आतंरिक लोकतंत्र बचा हुआ है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यदि पार्टी के अंदर ही लोकतंत्र नहीं है तो वह देश का भला नहीं कर सकती, देश के लोकतंत्र नहीं रक्षा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि देश की अधिकतर पार्टियों में सबको पता है कि उसका अगला अध्यक्ष कौन होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, जेडी (एस) का अगला अध्यक्ष कौन होगा, यह सब लोगों को पता है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी का अगला लक्ष्य कौन होगा, यह किसी को मालूम नहीं है। इसका कारण यह है कि भाजपा में अध्यक्ष किसी परिवार में जन्म लेने के आधार पर नहीं, बल्कि अपने कृतित्व के आधार पर बनते हैं।

श्री शाह ने कहा कि किसी भी दल का तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मापदंड है-पार्टी का सिद्धांत। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सिद्धांत को समझने के लिए जन संघ की उत्पत्ति किन परिस्थितियों पर गौर करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जन संघ की स्थापना उस वक्त हुई थी जब सत्ता प्राप्त का दूर-दूर तक कोई सवाल नहीं था। उन्होंने कहा कि भारतीय जन संघ की स्थापना ही सिद्धांतों के आधार पर देश को एक वैकल्पिक नीति देने के लिए हुई थी। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नेहरू जी के नेतृत्व में जब देश की विकास नीति, कृषि नीति, विदेश नीति, अर्थ नीति, रक्षा नीति और शिक्षा नीति का निर्माण हो रहा था, तब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सहित कई राष्ट्र मनीषियों को लगा कि नेहरू सरकार देश के लिए जो नीतियां बना रही है, उन नीतियों के रास्ते पर यदि यह देश चलता रहा तो पीछे मुड़ने का भी रास्ता नहीं मिलेगा, तब उन लोगों ने एक ऐसी वैकल्पिक नीति को राष्ट्र के सामने रखने का साहस किया जिसमें देश की मिट्टी की सुगंध हो, उससे पाश्चात्य विचारों की बू न आती हो और जो नीतियां देश को विकास के पथ पर गतिशील करने में सहायक हो। उन्होंने कहा कि 1950 से 2017 की जन संघ से भारतीय जनता पार्टी की यात्रा अंत्योदय, एकात्म मानववाद और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की यात्रा रही है और यही हमारे मूल सिद्धांत हैं। उन्होंने कहा कि अंत्योदय से हमारा मतलब है – विकास की दौड़ में पीछे छूट गए समाज के अंतिम व्यक्ति को विकास की दौड़ में खड़े सबसे पहले व्यक्ति के बराबर लाना।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के सिद्धांत में मूल अंतर यह था कि कांग्रेस देश की पुरातन विरासत और संस्कृति को ख़त्म कर देश का नवनिर्माण करना चाहती थी, जबकि जन संघ देश की पुरातन विरासत और संस्कृति के आधार पर देश का पुनर्निर्माण करना चाहती थी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि याद कीजिये 2014 से पहले के समय को जब देश में कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन की सरकार थी, इस सरकार ने 10 वर्ष में लगभग 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए, अर्थव्यवस्था की हालत बदतर थी, युवाओं में आक्रोश था, देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं थी, हर तरफ अराजकता का माहौल था। उन्होंने कहा कि आज देश में तीन साल से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, इन तीन सालों में भारत दुनिया की सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बनी है और तीन सालों में हमारे विरोधी भी हम पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा पाए हैं।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने देश के विकास व गरीब-कल्याण के लिए लगभग 106 योजनाओं की शुरुआत की है और इनमें से एक भी योजना ऐसी नहीं है जो किसी एक जो किसी एक वर्ग विशेष के लिए बनी हो। ये सभी योजनायें सर्वस्पर्शी एवं सर्वसमावेशी हैं। उन्होंने कहा कि 104 उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में प्रक्षेपित कर भारत अंतरिक्ष के अंदर दुनिया की एक प्रमुख ताकत के रूप में उभरा है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से देश के लगभग पौने तीन करोड़ गरीब महिलाओं के घर में गैस सिलिंडर पहुंचाया गया है, साढ़े चार करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण कर महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया गया है और लगभग 29 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट खोल कर उन्हें देश के अर्थतंत्र की मुख्यधारा में जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि मुद्रा बैंक योजना के माध्यम से देश के करोड़ों गरीब युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी के रूप में ‘एक राष्ट्र, एक कर’ का स्वप्न साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी, बेनामी संपत्ति क़ानून, शेल कंपनियों के खिलाफ अभियान और मॉरीशस-साइप्रस-सिंगापुर रूट को बंद करके काले-धन पर कठोर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने योग को पूरी दुनिया में स्वीकृति दिलाकर देश की संस्कृति को प्रतिष्ठित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा, स्वायल हेल्थ कार्ड, नीम कोटेड यूरिया, सिंचाई योजना, ई-मंडी जैसी योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय को 2022 तक दुगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेज गति से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब श्री नरेन्द्र मोदी के रूप में गरीब का बेटा देश का प्रधानमंत्री बनता है तब इस तरह की गरीब-कल्याण की सोच विकसित होती है और प्रधानमंत्री जी ने देश की सोच के स्केल को ऊपर उठाने का काम किया है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार लोगों तक पहुंचने ही नहीं देती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार देश की भ्रष्टतम सरकार है, मैंने अपने सार्वजनिक जीवन में ऐसी भ्रष्ट सरकार कहीं नहीं देखी। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया सरकार वोट बैंक की राजनीति के चलते भ्रष्टाचारियों को संरक्षित और पोषित करती है, उन्हें दंडित नहीं करती। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर भ्रष्टाचार के दोषियों को दंडित किया जाएगा।

श्री शाह ने कहा कि तीन साल में मोदी सरकार ने कर्नाटक के विकास के लिए काफी कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान 13वें वित्त आयोग में केन्द्रीय करों में कर्नाटक की हिस्सेदारी केवल 61,691 करोड़ रुपये थी, जबकि मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग में इसे लगभग ढाई गुना बढ़ाकर 1,86,925 करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय 13वें वित्त आयोग में कर्नाटक को 11,518 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता प्राप्त हुई थी, जबकि मोदी सरकार में कर्नाटक के लिए 16,291 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड में भी 478 करोड़ की वृद्धि करते हुए 1145 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय कर्नाटक को लोकल बॉडीज ग्रांट के तौर पर केवल 6,534 करोड़ रुपये मिलते थे, जबकि मोदी सरकार ने इसमें ढाई गुना वृद्धि करते हुए 15,145 करोड़ रुपये आवंटित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कर्नाटक को नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड के तौर पर कांग्रेस की यूपीए सरकार की तुलना में छः गुने से अधिक की राशि दी है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने 13वें वित्त आयोग में नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड के रूप में कर्नाटक को मात्र 271 करोड़ रुपये की राशि मुहैया कराई थी, जबकि मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग में इसके लिए 1,645 करोड़ रुपये आवंटित किये। उन्होंने कहा कि केवल इन पांच योजनाओं में ही मोदी सरकार ने कर्नाटक के लिए 219506 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है, जो कांग्रेस की यूपीए सरकार की तुलना में ढाई गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त कई केन्द्रीय योजनाओं में हजारों करोड़ रुपये की राशि कर्नाटक को उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कर्नाटक को विकास के लिए इतना पैसा दिया, लेकिन फिर भी कर्नाटक विकास में इतना पिछड़ा हुआ क्यों है? राज्य की जनता को सिद्धारमैया सरकार से इसका जवाब जरूर मांगना चाहिए। आप इसका हिसाब मांगें या न मांगें, मैं तो जरूर मांगूंगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार का विकास रूपी ट्रान्सफाॅर्मर जल चुका है, इसे बदलने का वक्त आ गया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सम्मेलन में उपस्थित प्रबुद्ध जनों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ऐसी चुनी जानी चाहिए जो जनता की भलाई के लिए काम करे। उन्होंने निवेदन करते हुए कहा कि कर्नाटक का विधान सभा चुनाव आने वाला है, आप इसमें मूक प्रेक्षक न बनें, मूक प्रेक्षक बनने से राज्य का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी होती है कि वह राज्य में विकास को प्रवाहित करने वाली सरकार के निर्माण में भागीदार बने। उन्होंने प्रबुद्ध जनों से अपील करते हुए कहा कि आगामी कर्नाटक विधान सभा चुनाव में प्रदेश के विकास के लिए आप राज्य में भारतीय जनता पार्टी सरकार का गठन करें और श्री येदुरप्पा जी को मुख्यमंत्री बनाएं।