‘स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग भावी श्रमशक्ति का मूलमंत्र है’

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प्रधानमंत्री ने जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक को किया सम्बोधित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के इंदौर में आयोजित जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक को 21 जुलाई को वीडियो संदेश के माध्यम से सम्बोधित किया। रोजगार को आर्थिक और सामाजिक पहलुओं के सबसे अहम हिस्से के रूप में रेखांकित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया इस समय रोजगार सेक्टर के मद्देनजर कुछ महान बदलावों की दहलीज पर खड़ी है। श्री मोदी ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति के इस युग में रोजगार की मुख्य प्रेरक-शक्ति प्रौद्योगिकी है और रहेगी।
प्रधानमंत्री ने उन्नत प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं के इस्तेमाल से श्रमशक्ति को कुशल बनाने पर जोर देते हुये कहा कि स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग भावी श्रमशक्ति का मूलमंत्र है।

उन्होंने भारत के ‘स्किल इंडिया मिशन’ का उदाहरण दिया, जिसने इसे वास्तविकता बना दिया है। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ का भी उदाहरण दिया, जिसके तहत अब तक भारत के 12.5 मिलियन युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। श्री मोदी ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ड्रोन जैसे उद्योग ‘फोर प्वॉइंट ओ’ सेक्टरों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने विकास के वैश्वीकरण तथा सच्चे अर्थों में कौशल को साझा करने में जी-20 की भूमिका पर जोर दिया।

संबोधन की मुख्य बातें

 चौथी औद्योगिक क्रांति के इस युग में रोजगार की मुख्य प्रेरक-शक्ति प्रौद्योगिकी है और रहेगी।
 भारत के पास विश्व में कुशल श्रमशक्ति के सबसे बड़े प्रदाता देशों में से एक बनने की क्षमता है।
 भारत के ‘ई-श्रम पोर्टल’ पर लगभग 280 मिलियन लोगों ने पंजीकरण कराया है तथा उसके जरिये इन कामगारों को लक्षित करके उनके कल्याण का काम किया जा रहा है।
 हमें हर देश की अनोखी आर्थिक क्षमताओं, शक्ति और चुनौतियों को समझना होगा। हमें यह जानना होगा कि सबके लिये एकरूपी सोच सामाजिक सुरक्षा के अनवरत वित्तपोषण के लिये उपयुक्त नहीं है।