देश में हो रहा व्यापक परिवर्तन

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ज जबकि जन-जन का विश्वास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में निरंतर दृढ़ से दृढ़तर होता जा रहा है, इसमें कोई संदेह नहीं कि विपक्ष के एक वर्ग का लोकसभा चुनावों से पूर्व एक साथ आने का प्रयास निष्फल रहेगा। कोई भी राजनीतिक गठजोड़ जिसमें जनता की सेवा करने का लक्ष्य न होकर येन-केन प्रकारेण सत्ता हथियाने का लक्ष्य हो और वह भी कुछ वंशवादी राजनेताओं उनके परिवारों के लिए, उसे हमेशा जनता द्वारा ठुकराया ही जाएगा। बिहार में एक गठजोड़ बनाने के लिए जो लोग इकट्ठा हुए थे, उनके चेहरे कई तरह के घपलों एवं घोटालों से पहले ही दागदार हो चुके हैं। ये वही लोग हैं जो जनता नहीं बल्कि जातियों के नाम पर गिने-चुने परिवारों का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा जिनकी

देश को न केवल कांग्रेसनीत यूपीए के लूट-खसोट, भ्रष्टाचार, पॉलिसी पैरालिसिस एवं कुशासन के दल-दल से बाहर निकाला गया है, बल्कि भारत अब एक आत्मविश्वास से भरे एवं अपनी आकांक्षाओं को पूर्ण करने में समर्थ राष्ट्र के रूप में जाना जा रहा है

राजनैतिक विश्वसनीयता पर बड़े-बड़े प्रश्नचिह्न लगे हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा को रोकने का स्वप्न देखने के सिवा इनका कोई एजेंडा नहीं है। देश को यह पता है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़े कदम उठाने के कारण ही ये लोग हाथ मिलाने को बाध्य हो रहे हैं, ताकि कानून के शिकंजे से बच सकें। चूंकि यह प्रयास कुछ सत्ता केंद्रित स्वार्थी तत्वों द्वारा किया जा रहा है, इसलिए शुरुआत से ही इनके अंदर का अंतर्विरोध भी सामने आ रहा है। इनके एजेंडे में जनहित एवं जनसेवा दूर-दूर तक नहीं है।

पिछले नौ वर्षों में पूरे देश में हर ओर व्यापक परिवर्तन दिखाई दे रहा है। एक ओर जहां देश को आगे ले जाने की प्रतिबद्धता के साथ जनसेवा के लिए समर्पण से देश में एक नई राजनैतिक संस्कृति का उदय हुआ है जिससे देश की राजनीति परिवर्तित हो रही है, वहीं दूसरी ओर जन-जन में अपना पूर्ण योगदान करने की कार्य-संस्कृति राष्ट्रीय जीवन को प्रेरित कर रही है। परिणाम यह है कि देश को न केवल कांग्रेसनीत यूपीए के लूट-खसोट, भ्रष्टाचार, पॉलिसी पैरालिसिस एवं कुशासन के दल-दल से बाहर निकाला गया है, बल्कि भारत अब एक आत्मविश्वास से भरे एवं अपनी आकांक्षाओं को पूर्ण करने में समर्थ राष्ट्र के रूप में जाना जा रहा है। ‘फ्रेजाइल फाइव’ से ‘टॉप फाइव’ की यात्रा और वह भी कोरोना वैश्विक महामारी के बावजूद, एक ऐसी उपलब्धि है जिसे सभी अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ एवं एजेंसियां स्वीकार कर रही हैं। विश्लेषकों को हर क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां अचंभित कर रही हैं, जिसका मुख्य कारण यह है कि केवल नौ वर्ष पूर्व भारत की इन चमत्कारी उपलब्धियों की कल्पना भी संभव नहीं थी।

भारत न केवल पिछले नौ वर्षों में विश्व की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से छलांग लगाकर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना है, बल्कि इसकी समृद्धि से लोगों में आय के स्रोत और साधन में गुणात्मक वृद्धि हुई है तथा समृद्धि के फल समाज के नीचले पायदान तक पहुंच रहे हैं। आज जब देश का निर्यात अभूतपूर्व स्तर तक पहुंचा है, तब इसका लाभ किसान से लेकर युवाओं को रोजगार के रूप में प्राप्त हो रहा है। अब जबकि भारत विश्व का सर्वाधिक तेज गति से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है, जल्द ही यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाली है। भारत की अवसंरचना का तेज विकास एवं देश में हुए डिजिटल क्रांति से तीव्र आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिससे करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा रहा है।

भाजपा द्वारा ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ अभियान का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ठीक ही कहा कि यदि कोई देश के राजनैतिक परिवारों के बच्चों का विकास चाहता है तो वे विपक्षी दलों को वोट दे सकते हैं, लेकिन यदि कोई अपने बच्चों का विकास चाहता है तो उन्हें भाजपा को वोट करना चाहिए। आज पूरे देश में भाजपा एकमात्र ऐसा राजनैतिक दल है जिसमें आंतरिक लोकतंत्र है, जो राजनैतिक परिवारों एवं भाई-भतीजावाद से लड़ रहा है तथा जिसकी शक्ति करोड़ों निःस्वार्थ एवं प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हैं। एक आंदोलन के रूप में भाजपा करोड़ों कार्यकर्ताओं की साधना का प्रतीक है और इसका नेतृत्व कठोर परिश्रम, देश के लिए समर्पण एवं राष्ट्र की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है। आज जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई एवं सुदृढ़ नेतृव में भारत ‘पंच प्रण’ से अभिषिक्त है, अपने ‘अमृतकाल’ में राष्ट्र करोड़ों लोगों के आशीर्वाद के साथ अपनी गौरवशाली यात्रा पर चल पड़ा है।

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