‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में उपलब्ध नल से जल

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पूरे देश भर में 9.06 लाख स्कूलों और 9.39 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में नल का पानी उपलब्ध कराया गया तथा ‘जल जीवन मिशन’ के तहत आर्सेनिक/फ्लोराइड संदूषण वाली 22,016 बस्तियों में अब सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है

आजादी के अमृत काल के तहत ‘जल जीवन मिशन’ (जेजेएम) देश के 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने की एक नई उपलब्धि का जश्न मना रहा है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत 12 करोड़ घरों में नल से जल उपलब्ध कराने की उपलब्धि की सराहना की। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत के एक ट्वीट को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि इस शानदार उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई! यह अत्यंत खुशी की बात है कि गांवों और गरीबों तक हर जरूरी सुविधा पहुंचाने के हमारे प्रयासों के सुपरिणाम निरंतर सामने आ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त, 2019 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जेजेएम के लॉन्च की घोषणा के समय गांवों में केवल 3.23 करोड़ (16.64%) घरों में पाइप से पानी का कनेक्शन उपलब्ध था।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 16 मई को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार 5 राज्यों (गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात और पंजाब) तथा 3 केंद्रशासित प्रदेशों (पुडुचेरी, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली और अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह) ने इसकी 100% कवरेज की सूचना दी है।

केंद्र और राज्य सरकारों के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप देश में 9.06 लाख (88.55%) स्कूलों और 9.39 लाख (84%) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल से जल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित हुई है। हमारे देश के 112 आकांक्षी जिलों में मिशन के लॉन्च के समय केवल 21.64 लाख (7.84%) घरों में नल का पानी उपलब्ध था, जो अब बढ़कर 1.67 करोड़ (60.51%) हो गया है।

जेजेएम ग्रामीण आबादी को महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान कर रहा है। नियमित रूप से नल के पानी की आपूर्ति से लोगों को विशेष रूप से महिलाओं और युवतियों को अपनी दैनिक घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी की भारी बाल्टी भरकर ले जाने से राहत मिलती है, जिससे सदियों पुरानी उनकी मेहनत कम हो जाती है।

देश में 5.24 लाख से अधिक ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी)/पानी समितियों का गठन किया गया है और 5.12 लाख ग्रामीण कार्य योजनाएं (वीएपी) तैयार की गई हैं, जिसमें पेयजल स्रोत वृद्धि, ग्रेवाटर उपचार और इसके पुन: उपयोग और गांव में जल आपूर्ति प्रणालियों का नियमित संचालन और रखरखाव आदि योजनाएं शामिल हैं।

जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय 22,016 बस्तियां (आर्सेनिक-14,020, फ्लोराइड-7,996), जिनकी 1.79 करोड़ आबादी (आर्सेनिक-1.19 करोड़, फ्लोराइड-0.59 करोड़) पेयजल स्रोतों में आर्सेनिक/फ्लोराइड संदूषण से प्रभावित थीं। जैसाकि राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा बताया गया है, अब सभी आर्सेनिक/फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है।