बिल का उद्देश्य दिल्ली में भ्रष्टाचाररहित और लोकाभिमुख शासन सुनिश्चित करना है : अमित शाह

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            संसद में भाजपा

                      दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023

राज्य सभा ने विस्तृत चर्चा के बाद सात अगस्त को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 को 102 के मुकाबले 131 मतों से पारित कर दिया। इससे पहले इस विधेयक को लोकसभा ने तीन अगस्त को पारित कर दिया था। चर्चा का जवाब देते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि बिल के किसी भी प्रावधान से पहले से चली आ रही व्यवस्था में कोई भी परिवर्तन नहीं होगा

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सात अगस्त को राज्य सभा में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा का जवाब दिया। चर्चा के बाद राज्य सभा ने विधेयक को 102 के मुकाबले 131 मतों से पारित कर दिया। चर्चा का जवाब देते हुए श्री शाह ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य दिल्ली में भ्रष्टाचाररहित और लोकाभिमुख शासन सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि बिल के किसी भी प्रावधान से पहले से चली आ रही व्यवस्था में कोई भी परिवर्तन नहीं होगा।

दिल्ली कई मायनों में सभी राज्यों से अलग

श्री शाह ने कहा कि दिल्ली कई मायनों में सभी राज्यों से अलग है क्योंकि यहां संसद भवन, संवैधानिक हस्तियां, सुप्रीम कोर्ट और दूतावास हैं और दुनियाभर के देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां आते है, इसीलिए दिल्ली को यूनियन टैरिटरी बनाया गया।

यह बिल सरकार इसीलिए लाई है, ताकि केन्द्र द्वारा दी गई शक्तियों का दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण को वैधानिक रूप से रोका जा सके

उन्होंने कहा कि इस बिल के साथ दिल्ली सरकार को समस्या है कि उन्हें UT के चुनाव लड़ने के बाद राज्य के अधिकार चाहिए। श्री शाह ने कहा कि इस समस्या का समाधान है कि इन्हें अपनी मानसिकता को बदलना, सीमित और संयत करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में दिल्ली संघराज्य क्षेत्र की विधानसभा ही एकमात्र ऐसी असेंबली है जिसका सत्रावसान ही नहीं होता है, 2020 से लेकर 2023 में विेधानसभा का केवल बजट सत्र ही बुलाया है।

श्री शाह ने कहा कि यह बिल सरकार इसीलिए लाई है, ताकि केन्द्र द्वारा दी गई शक्तियों का दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण को वैधानिक रूप से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 239 (AA)(3)(B) के तहत देश की संसद को दिल्ली संघराज्य क्षेत्र या इसके किसी भी भाग के बारे में और उससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। श्री शाह ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार अध्यादेश नहीं लाती, तो सभी घोटालों की फाइलों को गुम करने का एक नया घोटाला होता।

विपक्ष मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहता

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान राजनीतिक दलों के 3 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को जेल भेज दिया गया था और अखबारों पर सेंसरशिप लगा दी गई थी, ऐसे लोगों को डेमोक्रेसी की बात नहीं करनी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि सरकार हमेशा सदन में मणिपुर पर चर्चा करने के लिए तैयार है और मैं स्वयं चर्चा में हर बात का जवाब देने के लिए तैयार हूं, लेकिन विपक्ष मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहता।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा विजिलेंस विभाग को इसीलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वहां आबकारी घोटाले और मुख्यमंत्री के नए बंगले के निर्माण पर अवैध रूप से हुए खर्च की फ़ाइलें बंद थीं। श्री शाह ने कहा कि इस विधेयक में धारा 3 ए को भारत सरकार ने खुद ही हटा लिया है और अब दिल्ली की विधानसभा भी सेवा संबंधित नियम बना सकेगी, लेकिन वो कानून केन्द्र द्वारा बनाए गए कानून का विरोधाभासी नहीं होगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि 1993 से ही दिल्ली में शासन नियमों के हिसाब से चल रहा था, लेकिन इन नियमों को कानून का हिस्सा बनाना पड़ा क्योंकि दिल्ली में एक ऐसी सरकार आई जो नियमों को नहीं मानती है।