न्याय के हित में सब कुछ बलिदान करने की भावना जनजातीय समाज की विशेषता रही है: राष्ट्रपति

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जनजातीय समुदाय मानवता और प्रकृति को समान महत्व देता है। वे व्यक्ति की अपेक्षा समुदाय को, प्रतिस्पर्धा की अपेक्षा सहयोग को और विशिष्टता की अपेक्षा समानता को प्राथमिकता देते हैं

भारत की प्रथम जनजातीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर 15 नवंबर को झारखंड के उलिहातु गांव का दौरा किया और भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर श्रीमती मुर्मु ने कहा कि न्याय के हित में सब कुछ बलिदान करने की भावना जनजातीय समाज की विशेषता रही है। हमारे स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न विचारधाराओं और गतिविधियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में जनजाति समुदायों के संघर्षों की कई धाराएं भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि झारखंड के भगवान बिरसा मुंडा और सिद्धू-कान्हू, मध्य प्रदेश के तांतिया भील तथा भीमा नायक, आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू, मणिपुर की रानी गाइदिन्ल्यू और ओडिशा के शहीद लक्ष्मण नायक जैसे महान व्यक्तित्वों ने जनजातीय गौरव के साथ-साथ देश के गौरव को भी बढ़ाया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकांश जनजातीय क्षेत्र वन और खनिज संपदा से समृद्ध रहे हैं। हमारे जनजातीय भाई-बहन प्रकृति पर आधारित जीवन-यापन करते हैं और सम्मानपूर्वक प्रकृति की रक्षा करते हैं। इस प्राकृतिक सम्पदा को शोषण से बचाने के लिए उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बहादुरी से संघर्ष किया था। वन संपदा का संरक्षण काफी हद तक उनके बलिदान से ही संभव हो सका।

उन्होंने कहा कि आज के जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के दौर में सभी को जनजातीय समाज की जीवन शैली और वन संरक्षण के प्रति उनके संकल्प से सीख लेने की जरूरत है।

श्रीमती मुर्मु ने कहा कि जनजातीय समुदाय मानवता और प्रकृति को समान महत्व देता है। वे व्यक्ति की अपेक्षा समुदाय को, प्रतिस्पर्धा की अपेक्षा सहयोग को और विशिष्टता की अपेक्षा समानता को प्राथमिकता देते हैं। पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता जनजातीय समाज की विशेषता रही है। सामान्य जनसंख्या की तुलना में, जनजातीय समाज में लिंगानुपात बेहतर है। जनजातीय समाज की ये विशेषताएं सभी के लिए अनुकरणीय हैं।

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महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन करता हूं। सिर्फ 25 वर्ष की आयु में जनजातीय समाज पर हो रहे अत्याचार को समाप्त करने और स्वधर्म की रक्षा की अलख जगाने वाले भगवान बिरसा अमर हैं। आप सभी को जनजातीय गौरव दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।।
– जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष