यह स्वार्थी गठबंधन बिहार को फिर से जंगलराज की दिशा में ले जानेवाला है : अमित शाह

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‘मेरी माटी, मेरा देश’, झंझारपुर (बिहार )

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 16 सितंबर, 2023 को बिहार के झंझारपुर में एक जनरैली को संबोधित किया। रैली में उन्होंने बिहार सरकार एवं विपक्षी इंडी एलायंस पर सवाल उठाए। रैली में भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राधा मोहन सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार प्रदेश भाजपा प्रभारी श्री विनोद तावड़े, बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह, श्री नित्यानंद राय और श्री अश्विनी चौबे के साथ कई वरिष्ठ नेतागण उपस्थित रहे।
श्री शाह ने कहा कि कुछ दिन पहले लालूजी और नीतीशजी की सरकार ने फतवा जारी करते हुए बिहार में रक्षाबंधन, जन्माष्टमी की छुट्टी खत्म करने कि घोषणा की। उसके विरोध मे बिहार की जनता ने जो आक्रोश दिखाया है, मैं बड़े हृदय से आपका सम्मान करता हूं।

उन्होंने कहा कि अभी यहां लालू-नीतीशजी की सरकार चल रही है। मैं बारीकी से बिहार के अखबार पढ़ रहा हूं, रोज बिहार के अंदर गोलीबारी लूट, अपहरण, पत्रकारों की हत्या, दलितों की हत्या के केस बढ़ते जा रहे हैं। आज मैं बिहार की जनता को कहने आया हूं यह जो स्वार्थी गठबंधन बना है, वह बिहार को फिर से जंगलराज की दिशा में ले जानेवाला है। आप मुझे बताओ झंझारपुरवालो, आपको फिर से जंगलराज चाहिए क्या? यह जो नया अलाइअन्स किया है उसका नाम बदलने की जरूरत पड़ी। नाम क्यों बदला? पहले यूपीए के नाम से वह काम करते, 12 लाख करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया, रेलवे मंत्री रहते हुए लालूजी ने अरबों-खरबों का भ्रष्टाचार किया। कोर्ट में कैसे चल रहे हैं और नीतीशजी के भ्रष्टाचार को नहीं देखते हैं। उनको मालूम है कि बिहार के विकास के लिए यूपीए ने कुछ नहीं किया, भ्रष्टाचार किया। यूपीए के नाम से वह नहीं आ सकते हैं इसलिए इंडी एलायंस के नाम से वह आ रहे हैं।
श्री शाह जी ने कहा कि रामायण सर्किट में तीन शहर सीतामढ़ी, बक्सर और दरभंगा को शामिल करके हमने यहां के टूरिज्म को बढ़ावा दिया मिथिला के मखाने को जीआई टैग देने का काम नरेन्द्र मोदीजी ने किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुरू की ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ की नई परंपरा

‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने केंद्र के ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के आधिकारिक समारोह में बोलते हुए कहा कि 17 सितंबर, 1948 को हैदराबाद राज्य की पूर्ववर्ती रियासत का भारतीय संघ में विलय किया गया था, लेकिन यह ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि लगभग एक दशक पहले तेलंगाना राज्य के गठन के बाद भी राजनीतिक दल अपनी वोट बैंक की राजनीति के कारण राज्य में ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने से झिझकते रहे।

श्री शाह ने कहा, “मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि देश की जनता उन लोगों का साथ कभी नहीं देती जो अपने देश के इतिहास से दूर हो जाते हैं।” उन्होंने कहा कि तेलंगाना और देश को केवल हमारे राष्ट्र के इतिहास, शहीदों के बलिदान और स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष का सम्मान कर ही आगे बढ़ाया जा सकता है। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

श्री शाह ने हैदराबाद की मुक्ति का श्रेय देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को दिया और कहा कि उनके प्रयासों के कारण निजाम के रजाकारों ने भारतीय संघ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे 2 सितंबर, 1947 को परकाला में निजाम सेना के कमांडर ने जनरल डायर की तरह गोलीबारी का आदेश दिया था, जिसमें सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानी मारे गए थे।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में किसी भी सरकार ने ऐतिहासिक ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ नहीं मनाया और युवा पीढ़ी को इस महान दिन की याद दिलाने के लिए कार्यक्रम नहीं बनाए। उन्होंने कहा, ‘तुष्टीकरण की नीतियों’ के कारण पिछली सरकारें हमेशा डरी रहती थीं और इसका जश्न नहीं मनाती थीं।’ 2022 से यह दिवस मनाकर एक नई परंपरा शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह हैदराबाद मुक्ति संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि है और युवा पीढ़ी के लिए एक संदेश भी है। ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने के कारणों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह युवा पीढ़ी के बीच देशभक्ति की भावना पैदा करने, ‘मुक्ति’ संघर्ष के शहीदों को श्रद्धांजलि देने और राष्ट्र की सेवा में फिर से समर्पित होने का अवसर है।