‘तृणमूल नेता जितना हिंसा का कीचड़ फैलाएंगे, कमल उतना ही अधिक खिलकर निकलेगा’

| Published on:

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 25 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से पंडित दीनदयाल कार्य विस्तारक योजना का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जी इस योजना के अंतर्गत 15 दिनों तक पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, लक्षद्वीप, गुजरात एवं उड़ीसा में तीन-तीन दिन तक बूथ में प्रवास कर पार्टी के विस्तार के लिए काम करेंगे और इस अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। नक्सलबाड़ी के बूथ संख्या 93 में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करने से पूर्व माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक गरीब परिवार में भोजन किया, इसके बाद उन्होंने 60 बूथ कार्यकर्ताओं के साथ लगभग सवा घंटे तक बातचीत की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

भाजपा अध्यक्ष ने देश के पूर्वी भाग के अंतिम गांवों में से एक गांव कठाईगाई में नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां बूथ से लेकर देश के अध्यक्ष नक्सलबाड़ी के इस गांव में आये हुए हैं, यह गांव भूटान, नेपाल और बंगलादेश के बॉर्डर पर स्थित है। उन्होंने कहा कि मैं बता नहीं सकता कि भारतीय सीमा पर बसे अंतिम गांवों में से एक इस गांव में आकर मुझे कितना हार्दिक आनंद आ रहा है। उन्होंने कहा कि जब नक्सलबाड़ी के गांव में कमल खिला हुआ देखते हैं तो हृदय आनंद से गद्गद् हो उठता है। उन्होंने कहा कि यह वही नक्सलबाड़ी है जहां से हिंसा की शुरुआत हुई थी, आज भी उस हिंसा में पूरा देश झुलस रहा है, आज उसी नक्सलबाड़ी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र गूंजता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हिंसा पर विकास की विजय निश्चित रूप से होगी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल में पहले कम्युनिस्टों और फिर तृणमूल कांग्रेस की सरकार चली है, उससे यह प्रदेश गरीब से गरीब होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोनार बांग्ला कहलाने वाला यह प्रदेश कभी देश के समृद्ध प्रदेशों में से एक था, आज यह बेरोजगारी, हिंसा और तुष्टीकरण का केंद्र बन गया है, आज यहां हर जगह अराजकता का माहौल दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज यहां के लोगों का जो उत्साह मैंने यहां देखा है, उससे मुझे निश्चित भरोसा है कि पश्चिम बंगाल में भी कमल खिलने वाला है। उन्होंने कहा कि मैं यहां के सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करना चाहता हूं कि इतनी हिंसा के बावजूद इन्होंने भारतीय जनता पार्टी का काम करना और उसे आगे बढ़ाना जारी रखा है।

श्री शाह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मशती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता दीनदयाल उपाध्याय कार्य विस्तारक योजना को लेकर 15 दिन, 6 महीना और साल भर पार्टी के विस्तार के लिए गांव-गांव, घर-घर जाने वाले हैं और देश भर के कई गांवों में पूरा-पूरा दिन बिताने वाले हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती कार्य विस्तारक योजना के अंतर्गत 3 लाख 68 हजार कार्यकर्ताओं ने अपना 15 दिन का पूरा समय पार्टी की योजना के अनुरूप घर से बाहर जाकर विस्तारक के रूप में देने और कार्य करने का तय किया है। इसके अतिरिक्त 4 हजार कार्यकर्ताओं ने 6 माह तथा 1 वर्ष के लिए पूरा समय पार्टी के काम को आगे बढ़ाने और विस्तार देने के लिए तय किया है।

amit-shah-welcome-poor-in-wb

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंसा का दौर चाहे जितना भी लंबा हो, हमेशा नहीं चल सकता। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का पश्चिम बंगाल में उद् भव, विस्तार और अंत में विजय सुनिश्चित है, इसको कोई रोक नहीं सकता, इसका परिचय आने वाले 2019 के चुनाव में देश की जनता देने वाली है। पश्चिम बंगाल की जनता भी इसका परिचय कराने वाली है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में तो ठीक से चल रही है लेकिन पश्चिम बंगाल में गांव के गरीब बहनों के घर में गैस पहुंचाने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को यदि लगता है कि विकास कार्यों में बाधा डाल कर वे मोदी जी के रथ को रोक पायेंगे तो यह उनकी भूल है। उन्होंने कहा कि मैं तृणमूल के नेताओं को कहना चाहता हूं कि आप जितना दमन करेंगे, आप जितना अत्याचार करेंगे, जितना हिंसा का कीचड़ फैलायेंगे, कीचड़ में से कमल उतना ही अधिक खिलकर बाहर निकलेगा।

श्री शाह ने कहा कि मैंने कई सभाओं को संबोधित किया है, हजारों-लाखों की भीड़ को संबोधित किया है, लेकिन गांव के नुक्कड़ पर यह छोटी सी सभा मेरे मन को असीम संतोष और आनंद देने वाली है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की सरहद पर ये गांव जो तीन देशों की सीमाओं से जुड़ता है और जहां से नक्सलवाद का विचार पनपा, आगे बढ़ा और अब अंत की ओर जा रहा है, तब आज यहां भी कमल खिलता हुआ दिखाई पड़ रहा है, यह देश के करोड़ों लोगों के लिए और मेरे जैसे कार्यकर्ता के लिए भी यह एक सौभाग्यपूर्ण दिन है।