पिछले चार वर्षों में अभूतपूर्व महिला सशक्तिकरण

| Published on:

डॉ. सुधा मलैया

नरेंद्र मोदी ने 2014 से 2018 तक चार वर्षों में भारतीय राजनीति का मौसम ऐसा बदला कि मौसम विभाग के सारे आंकड़े भविष्यवाणियां गलत सिद्ध हो गईं। सारे अनुमान धरे रह गए और कयास बेमानी। देश का राजनीतिक मौसम ऐसा बदला कि सारे राज्यों में बदली–बदली सी सरकार नजर आती है। केंद्र से जो अश्वमेध घोड़ा दौड़ा तो प्रत्येक राज्य में साठ वर्षों से आतताई बनकर बैठी कांग्रेस सरकारों का सफाया करता चला गया और 2009 में कांग्रेस मुक्त भारत का मोदी जी का सपना साकार होता चला गया। यह संकल्प छोटा नहीं था। प्राचीन चक्रवर्ती सम्राट के समान मध्य प्रदेश, उत्तरापथ, उत्तर–पूर्व व पश्चिम में विजय पताका फहराता हुआ बढ़ता रहा है यह अद्भुत अश्वरोही Modi=Making of Developed India की ओर।

विश्व में भारत को सशक्त व स्वाभिमानी बनाने के लिए आवश्यक है कौशलयुक्त भारत, डिजिटलाईज्ड भारत और आत्मनिर्भर व स्वावलंबी भारत। जो होगा, एक ओर देश की तरुणाई को कुशल व स्वावलंबी बनाने से और दूसरी ओर महिला शक्ति को सशक्त करने से। मोदी सरकार के असरकारी 4 सालों में महिला सशक्तिकरण की दिशा में महती कार्य हुआ है।

जीवन भर चूल्हे में लकड़ी झोंकते हुए धुंए से माता की आंखों से बहते पानी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री पुत्र ने एक मई 2016 में प्रारम्भ उज्ज्वला योजना द्वारा मात्र दो वर्षों में 3.8 करोड़ महिलाओं को एल.पी.जी. कनेक्शन देकर उनके गहरे अंधेरे में गुम हो गई जीवन की डगर की चांदनी को उजालों से भरा है। जिससे कि देश की माताओं की नज़र की चांदनी न मैली हो और न धुंधली पड़े। हानिकारक ईधन की खपत को समाप्त करते हुए, उज्ज्वला योजना का लक्ष्य 8 करोड़ किया और किया कांग्रेसी सरकारों की देन कोटा राज को समाप्त।

देश की कोई बेटी जन्म से पहले या बाद में असमय मृत्यु को प्राप्त न हो, अभावों में पलती शिक्षा से वंचित न रह जाये, लड़की होने के कारण प्रतिबंधित न हो इसलिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत 104 चिन्हित जिलों में बेटियों का जन्म लेना सुरक्षित करके बेटियों का अनुपात भी सुधारा। बेटियां बोझ न हो उनकी शिक्षा भी बेटों की शिक्षा के समान महत्वपूर्ण बनाने के लिए अनेक छात्रवृत्तियों की व्यवस्था से माध्यमिक विद्यालयों में लड़कियों की संख्या बढ़ी है।

गर्भवती महिला मां बनने का आनंद महसूस सके और भावी संतान को पालने के इंद्रधनुषी सपने संजो सके, इसलिए ‘मिशन इंद्रधनुष’ के तहत 80 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित किया और गर्भवती अथवा नवप्रसूता दुग्धपान कराने वाली माताओं को छ: हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रधान की जिससे सुरक्षित रहे जच्चा भी और बच्चा भी। 50 लाख से अधिक माताएं इसका लाभ ले सकेंगी। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना में शिशु की मां और शिशु दोनों स्वस्थ रहें इसलिए 271.66 करोड़ रुपये का भुगतान करके, 1.16 करोड़ गर्भवती महिलाओं की, प्रसव पूर्व 12900 से अधिक स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों पर समय पर जांच की और छ: लाख से अधिक हाई रिस्क गर्भधारण से पीड़ित महिलाओं की पहचान करके उनके सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था की गई।

केवल इतना ही नहीं उन्हें मातृत्व सुख अनुभव कराने और निश्चिंत करने के लिए मातृत्व लाभ (संशोधित) अधिनियम 2017 के अन्तर्गत मातृत्व अवकाश 3 से 6 महीने करके विश्व में कीर्तिमान रचा गया। अब किसी महिला को पर्ल्सबक (Pearls Buck) के गुड अर्थ (Good Earth) की नायिका के समान बच्चे को जन्म देते ही हाथों में कुदाल या कुदाली नहीं लेनी होगी। बच्चा कुपोषित न रहे इसका ध्यान रखते हुए बहु माॅडल हस्तक्षेप अर्थात् प्रौद्योगिकी के प्रयोग तथा अनेक मंत्रालयों के सम्मिलित प्रयासों से किया जा रहा है।

‘कब उसका हर दिल अजीज शौहर उससे किसी भी बात पर नाराज होकर या किसी और नाजनीन से दिल लगा कर उसे अपनी जिन्दगी से तीन तलाक कह कर रफा–दफा कर देगा,’ की आशंका में जीती मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनने की दिशा में तीन तलाक के खिलाफ विधेयक लोकसभा में पारित किया। देश की सभी महिलाओं को बराबरी से सम्मानपूर्वक जीने का हक मिले, इस दृष्टि से मुस्लिम महिलाओं को बिना पुरुष अभिभावक के हज पर जाने की प्रक्रिया सरल करके, एकल मां के लिए पासपोर्ट नियम आसान बनाकर तथा प्रधानमंत्री आवास योजना में महिलाओं को प्राथमिकता देकर सामाजिक सशक्तिकरण के ठोस कदम उठाए गए हैं।

स्त्री अपने होने के गर्व को महसूस करे या स्त्री होने के कारण कभी भी कहीं भी दुष्कर्म हो जाने की आशंका में जीने वाली महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने और बलात्कारी, दुष्कर्म करने से डरे, इस हेतु बलात्कारी की सजा पर सरकार अध्यादेश लाई। जिसमें 12 साल से कम उम्र की बालिका से बलात्कार के दोषी को मौत की सजा और 16 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार के दोषी को 10 साल से बढ़ा कर 20 साल की सजा की गई।

केवल यही नहीं नारी शक्ति का भविष्य भी सुरक्षित हो इसलिए ‘प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना’ के तहत 1.26 करोड़ से अधिक खाते खोले गए जिसमें लगभग 20 हजार करोड़ रुपये जमा किए गए। महिलाओं की गरिमा सुनिश्चित करने और खुले में शौच को रोकने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत पूरे देश में 7.25 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण करके 36 लाख से अधिक गावों और 17 से अधिक राज्यों केन्द्र शासित प्रदेशों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया।

नारी शक्ति के कौशल युक्त हुए बगैर कुशल भारत का निर्माण नहीं हो सकता है। इसलिए कौशल युक्त मुद्रा योजना तथा स्टैंडअप योजना के अंतर्गत महिला/एस.सी./एस.टी/ओ.बी.सी/ उद्यमियों को एक करोड़ रुपये तक के गारंटी मुक्त ऋण देकर नौ करोड़ महिलाओं को लाभ पहुंचाया।

इन सब योजनाओं से महिलाओं का न केवल उनका आत्मविश्वास जगा, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी हुईं। देश की वायु सेना के लड़ाकू बेड़े में फाइटर पॉयलट के रूप में तीन महिलाओं–अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह की नियुक्ति ने पूरे देश को गर्व से भर दिया। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार देश की उत्तर–पूर्व में नेपाल, म्यांमार, भूटान सीमा पर तैनात 106 महिला कमांडो ने 26 बाईक पर हैरतअंगेज करतब दिखाकर सबको हैरान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी तमाम योजनाएं बनाई हैं, जिनसेे देश की महिलाएंं खुद को आत्मनिर्भर और सुरक्षित महसूस कर रही है। वे महिलाओं को यह यकीन दिलाने में भी सफल रहे हैं कि उनके सम्मान और विकास के बारे में सोचने और कुछ कर गुजरने वाला आज सरकारी तंत्र के उच्च शिखर पर बैठा है जो नारी शक्ति के साथ खड़ा है।

(लेखिका भाजपा प्रकाशन एवं पत्रिका विभाग की सदस्या हैं)