‘हम देश के गरीबों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सफल हुए हैं’

| Published on:

भाजपा राष्ट्रीय अधिवेशन में केंद्रीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने गरीब कल्याण पर प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसका अनुमोदन झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुबर दास, बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नित्यानंद राय, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री दुष्यंत गौतम ने किया।

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि गरीब के सबलीकरण से ही देश का सबलीकरण होता है। समाज में जब तक विभिन्न वर्गों के पास विकास के समान अवसर नहीं होंगे, तब तक पूरा देश प्रगति नहीं करता। इसके लिए तेज गति से विकास और सबका विकास हो, ये मोदी सरकार की भूमिका पिछले साढ़े चार वर्षों में रही है। मोदी जी के नेतृत्व में 5 साल में गरीब कल्याण के इतने काम हुए हैं कि ये 70 साल का गरीब कल्याण का सबसे बड़ा और सफल कालखण्ड सिद्ध हुआ है, इसके लिए भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय परिषद प्रधानमंत्री जी का एक बार फिर से अभिनंदन और अभिवादन करती है।

हम यहां गरीब कल्याण पर पारित प्रस्ताव का पूरा पाठ प्रकाशित कर रहे हैं:–

भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीब कल्याण व गरीबों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए किये गए कार्यों, लागू की गयी योजनाओं तथा स्पष्ट व दूरगामी नीतियों की सराहना करती है। पिछले साढ़े चार वर्षों में भाजपा सरकार की स्पष्ट नीति, साफ़ नीयत और निर्णयकारी नेतृत्व का परिणाम है कि हम देश के गरीबों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सफल हुए हैं। आज से साढ़े चार वर्ष पूर्व जब श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तब और वर्तमान के बीच परिवर्तन की एक स्पष्ट छाप दिखाई देती है।

आजादी के बाद कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही, लेकिन गरीबों का जीवन स्तर न तो बेहतर हुआ और न ही उन्हें न्याय मिला। कांग्रेस ने देश के गरीबों को हमेशा वोट बैंक ही समझा। गरीबों की समस्याओं का दूरगामी और बुनियादी समाधान देने की बजाय कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए दशकों तक उन्हें टुकड़ों-टुकड़ों में कुछ अस्थायी सहूलियतें (entitlement)देकर उनके वोट हासिल करने की नीयत से काम किया। यही कारण रहा कि दशकों बाद तक गरीबों का सशक्तिकरण (empowerment) नहीं हो पाया और उनको उनके बुनियादी अधिकार तक उचित रूप में नहीं मिल पाए। लेकिन गरीब पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस परिस्थिति को समझते हुए, परिवर्तन लाने की प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया। अंत्योदय का लक्ष्य और गरीब कल्याण के ध्येय के साथ यथास्थिति में आमूलचूल परिवर्तन करके गरीबों एवं आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर लोगों के जीवन में बेहतरी के लिए अनेक ऐतिहासिक निर्णय अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में लिए।

भारतीय जनता पार्टी का यह मानना है कि जब गरीबों का कल्याण होता है तभी पूरे देश के उत्थान का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। अगर हमें अपनी क्षमताओं का संवर्धन करके देश के विकास को नई उंचाई पर पहुंचाना है तो समाज के हर वर्ग की प्रगति के बिना यह हासिल नहीं हो सकता। इसलिए “सबका साथ, सबका विकास” के अपने नारे को यथार्थ करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हर उस व्यक्ति के सशक्तिकरण की चिंता की, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ेपन का शिकार है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों में दलित, शोषित, पीड़ित एवं वंचित वर्गों के कल्याण के लिए वो करके दिखाया जो कांग्रेस के 60 साल में कभी नहीं हुआ। गरीब कल्याण के प्रति समर्पित योजनाओं, नीतियों एवं निर्णयों के लिए भारतीय जनता पार्टी की यह राष्ट्रीय परिषद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का एक स्वर में अभिनंदन करती है।

गरीब का हक गरीब तक पहुंच रहा

आजादी के बाद से ही दशकों तक कांग्रेस ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया, लेकिन गरीबी हटाने में विफल रही। कांग्रेस के विकास के मानकों में ‘गरीबों’ की स्थिति सिर्फ चुनावी नारे तक सीमित थी। कांग्रेस के प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी कहते थे कि मैं 100 रुपए दिल्ली से भेजता हूं तो 15 रुपए ही गरीब को मिलते हैं। यह उस दौर की बात है जब पंचायत से दिल्ली तक ज्यादातर कांग्रेस का राज हुआ करता था। अत: यह बताने की जरूरत नहीं है कि 85 रुपए कहां जाते होंगे। आज स्थिति अलग हो चुकी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा उठाये गये क़दमों की बदौलत विगत साढ़े चार वर्षों में अब यह चित्र बदल चुका है।

भाजपा सरकार ने गरीब का हक सीधे उसके खाते में पहुंचे, इसको सुनिश्चित करने के लिए तमाम योजनाओं में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)को लागू किया। उसका परिणाम है कि आज DBT के माध्यम से 431 योजनाओं के 4 लाख करोड़ रुपए गरीब के खाते में बिना किसी बिचौलिए के सीधे पहुंच रहे हैं। यह परिवर्तन का प्रतीक है कि श्री राजीव गांधी के जमाने में जो 100 में से 15 रुपए ही गरीब को मिलते थे, आज श्री नरेंद्र मोदी के जमाने में अब 100 के 100 रुपए गरीब को मिलते हैं।

नागरिकों पर भरोसा: पहचान का आधार

गरीब कल्याण को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण बहुआयामी है। वे इसको सम्पूर्णता में वो उसको देखते हैं। यही कारण है विकास के इस चक्र की शुरुआत उन्होंने गरीब को पहचान देकर की। आज देश के 122 करोड़ लोगों को आधार कार्ड मिले हैं जिसकी दुनियाभर में प्रशंसा हो रही है, क्योंकि इतना बड़े पैमाने पर पहचान पत्र देनेका काम कोई देश नहीं कर पाया है। 6लाख गांव/25 लाख बस्तियों तक ये आधार कार्ड पहुंचाकर उन्होंने गरीब के हाथ में उसके विकास का पत्र दिया है। आधार कार्ड से गरीबों को सिर्फ पहचान ही नहीं मिली बल्कि उनके विकास का रास्ता मोदी जी ने खोल दिया है।

श्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता की बागडोर सम्भालते ही देश की गरीब जनता एक ऐसा अधिकार दिया, जो सरकार का नागरिक और नागरिक का सरकार, पर भरोसे को मजबूत करता है। ब्रिटिश जमाने से चलती आ रही एक कानूनी परंपरा, जिसे कांग्रेस के जमाने तक आगे चलाया गया, को श्री नरेंद्र मोदी ने समाप्त किया। एक सामान्य व्यक्ति को सत्यापन जैसी सामान्य प्रक्रिया के लिए भी सरकारी मुलाजिम का ठप्पा लगवाना जरूरी था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ये सरकारी ठप्पा लगाने की जरूरत को खत्म किया और उसको खुद का सत्यापन खुद करने का अधिकार दिया। अब देश का कोई भी व्यक्ति अपने हस्ताक्षर से स्व-सत्यापन कर सकता है। यह भी आम नागरिक के सबलीकरण का एक उदाहरण है।

जनधन की पहुंच जन-जन तक

यह एक विडंबना ही थी कि आजादी के बाद सात दशकों में देश की एक बड़ी जनसंख्या मुख्यधारा के अर्थतंत्र का हिस्सा नहीं बन पाई थी। दशकों पूर्व कांग्रेस द्वारा बैंकों का राष्ट्रीयकरण गरीबों के नाम पर ही किया गया था, लेकिन राष्ट्रीयकरण के 47 साल बाद भी करोड़ों ऐसे परिवार थे जिनमें एक भी बैंक में खाते नहीं था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने “जन धन योजना”के माध्यम से देश के करोड़ों गरीब परिवारों को मुख्यधारा के अर्थतंत्र से जोड़ने का बीड़ा उठाया और बहुत कम समय में 32 करोड़ गरीबों के जन धन खाते खोले गये। इन खातों में माध्यम देश के गरीबों ने 80 हजार करोड़ की बचत की है। देश की बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा बनने का सर्वाधिक लाभ गरीबों को यह हुआ कि उन्हें बिचौलियों से मुक्ति मिल गयी। उनके हक़ का पैसा उनके खातों में उन्हें सीधे मिलने लगा। इससे भ्रष्टाचार पर भी प्रहार हुआ है। देश के गरीबों का सालाना 80 हजार करोड़ रुपए जो बिचौलिये खा जाते थे, उसकी बचत हुई और ये पैसा देश के विकास के लिए उपलब्ध हुआ है।

बैंकिंग प्रणाली पोस्ट पेमेंट बैंक शुरू करने का निर्णय भाजपा सरकार ने लिया। यह बैंकिंग व्यवस्था में एक ऐतिहासिक निर्णय है। दशकों तक जिस बैंक तक गरीब और वंचित समाज की पहुंच नहीं हो पाई थी, श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा गरीबों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए संकल्पबद्ध प्रतिबद्धता ने इस व्यवस्था के माध्यम से बैंक की पहुंच गरीब के द्वार तक कर दी। आर्थिक लेनदेन करने के लिए डेढ़ लाख नए केंद्र खुल गए और इससे बैंकिंग व्यवस्था सामान्य जनता के पास सुगमता से पहुंच गई। अब खत पहुंचाने वाला डाकिया भी पैसे की लेन-देन करने लगा है। श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बैंकिंग व्यवस्था का सरलीकरण गरीबों के लिहाज से जितना हुआ है, उतना इतिहास में कभी नहीं हुआ। मोदी सरकार ने गरीब के घर के द्वार पर ही बैंकिंग सेवाओं को उपलब्ध कराया है।

गरीबों को आर्थिक सुरक्षा

गरीबों के आर्थिक सुरक्षा की चिंता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार की प्राथमिकता रही है। बीमा सुरक्षा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के द्वारा 14 करोड़ लोगों ने मात्र 12 रुपए प्रति वर्ष भरकर 2 लाख रुपए की दुर्घटना बीमा योजना का लाभ लिया है। इसमें अब तक करीब 29 हजार लोगों को कुल 580 करोड़ रकम दुर्घटना की परिस्थिति मे मिली है। ऐसी ही जीवन ज्योति बीमा योजना बेहद लोकप्रिय हुई है जिसमें गरीब रोज मात्र 90 पैसे का प्रीमियम देकर स्वंय के नही रहने के बाद परिवार को 2 लाख रुपए मिलने की सुरक्षा प्राप्त करता है। यह दुनिया की सबसे सस्ता प्रीमियम है। इस योजना में भी लगभग 5.50 करोड़ गरीबों ने पॉलिसी खरीदी और अब तक करीब 1 लाख 24 हजार परिवारो को बीमा धारक की प्राकृतिक मृत्यु की परिस्थिति मे करीब 2,480 करोड़ रुपये मिले हैं। इसी के साथ रोज 7 रुपए जमा करके 60 साल के बाद किसीभी व्यक्ति को 5000 रुपए महीने का पेंशन जिंदगी भर मिलने की व्यवस्था अटल पेंशन योजना में की गई है। आज तक इसके 1 करोड 24 लाख खाते खुल गए हैं और हर महीने गरीब अब अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए उसमें बचत कर रहा है। ईपीएस 95 के तहत समाज के अनेक कामगार वर्गों को मात्र रू. 100 200 अथवा 300 रुपए ही पेंशन पहले मिलता था। भाजपा सरकार ने आते ही इस योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए करके ऐसे 36 लाख पेंशनभोगियों को बहुत बड़ा लाभ दिया है।
एक गरीब परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए इन योजनाओं के माध्यम से भाजपा की मोदी सरकार ने लोक कल्याण के उच्च मानदंडों को स्थापित किया है। एक कल्याणकारी, विकासोन्मुख और गरीबों की चिंता करने वाली सरकार के रूप में इस सरकार ने आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया, जो अभिन्दन करने योग्य है।

स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत

आयुष्मान योजना: गरीब को सबसे बड़ी समस्या तब आती है जब उसके परिवार में कोई बीमार होता है। दुनिया की सबसे अनूठी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना शुरू करके श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के 10 करोड़ परिवार एवं 50 करोड़ जनता को आरोग्य का लाभ दिया है। इस योजना के तहत 1350 प्रकार के उपचार में गरीब का प्रतिवर्ष 5 लाख तक के इलाज की निशुल्क व्यवस्था होगी। इसके लिए गरीब जनता को एक कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। और अगर कार्ड न मिला हो तो आधार कार्ड के आधार पर ही उसको यह लाभ मिल रहा है। इसके अंतर्गत पहले 100 दिनों में 6 लाख से ज्यादा बीमार गरीब व्यक्तियों को सरकारी एवं निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिल चुका है। 50 करोड़ जनता को यह राहत बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले इलाज के लिए पैसे न होने की स्थिति में गरीब को जमीन बेचने, घर गिरवी रखने, साहूकार से कर्जा लेने इत्यादि जैसी मजबूरी से गुजरना पड़ता था। अब बिना एक पैसे खर्च किए गरीब का सही और अच्छा इलाज होने लगा है। आजादी के 70 साल बाद आयुष्मान भारत योजना ने गरीब को एक नई जिंदगी दी है। इसके साथ साथ वेलनेस सेंटर शुरू हो रहे हैं जहां गरीब के स्वास्थ्य की हर साल विभिन्न प्रकार के परीक्षण और समुचित सलाह की मुफ्त व्यवस्था होगी।

गरीबों को मिल रही सस्ती और सुलभ चिकित्सा: दवाइयों को सस्ता और सुलभ बनाने के लिए भाजपा सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। गत साढ़े चार वर्षों में 1085 जरूरी दवाओं के दाम घटाए गए जिससे गरीबों के सालाना खर्चे में 15 हजार करोड़ रुपए तक की बचत हुई है। इसके अलावा 4300 जन औषधि केन्द्रों को खोला गया है, जहां अधिकांश दवाएं 50 प्रतिशत सस्ते दर पर अब मिलती है। एक विशेष निर्णय कर मोदी सरकार ने हृदय में लगने वाले स्टेंट की कीमत जो 1.5 से 2 लाख रुपए थी उसे घटाकर 20000-37000 लगभग कर के गरीबों को सीधे राहत पहुंचाई। गरीबों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील मोदी सरकार ने इसी प्रकार का एक और ऐतिहासिक निर्णय लेकर घुटने बदलने के ऑपरेशन में लगने वाले दाम में भी 60 से 70 प्रतिशत तक की कटौती की। कैंसर, हृदय रोग जैसे बीमारियों में जहां दवाओं के दाम बहुत महंगे होते हैं, वहां अमृत फार्मेसी द्वारा अब उसकी महंगी दवा 70 से 80 प्रतिशत डिस्काउंट पर उपलब्ध कराई जाती है। 500 जिलों में गरीब के लिए मुफ्त और सामान्य जनता के लिए सस्ती डायलिसिस की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है।

मिशन इंद्रधनुष: मिशन इंद्रधनुष के तहत 4 करोड़ नवजात शिशुओं को 5 तरह के टीकाकरण करके उनका स्वास्थ्य जन्म से ठीक रहे इसकी व्यवस्था की है। 50 लाख से अधिक प्रसूता महिलाओं को प्रत्येक वर्ष 6000 रुपए प्रोत्साहन राशि दी गई। इसी के साथ-साथ बच्चों का पोषण अभियान भी सघनता से चल रहा है। मोदी सरकार की यह सारी व्यवस्थायें जनता को स्वास्थ्य की सुरक्षा देने में सफल हुई है।

विद्युतीकरण : गांव-गांव से घर-घर तक

वर्ष 2014 में जब देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई, तब लगभग 18000 गांव थे, जो बिजली की पहुंच से दूर थे। श्री नरेंद्र मोदी ने 1000 दिन में यह काम पूरा करने का संकल्प लिया और 1000 दिन से पहले ही इस संकल्प को साकार भी किया। इन हजारों गांव में लोगों ने कभी बिजली नहीं देखी उनको घर में अब बिजली मिलने लगी। इसके अलावा अनेक गांवों में बिजली पहुंचने के बावजूद भी सभी घरों में बिजली कनेक्शन नहीं होती थी। इसके बाद सरकार ‘सौभाग्य योजना’ के तहत घर-घर तक मुफ्त बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया। ऐसे 4 करोड़ घर सरकारने ढूंढ निकाले और उन 4 करोड़ घरों को नि:शुल्क बिजली देने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने अब ऐसे ढाई करोड़ लोंगों के घर में बिजली कनेक्शन पहुंचा भी दिया है। आज बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, त्रिपुरा, मिजोरम, सिक्किम इत्यादि राज्यों में अब एक घर भी बिना बिजली का नहीं बचा है। जो काम 70 साल में नहीं हुआ वो 4 साल में करके दिखाया यही मोदी सरकार की अलग पहचान है।

उज्ज्वला योजना : महिलाओं के जीवन स्तर में परिवर्तन

आज देश की 6 करोड़ गरीब महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस का कनेक्शन,गैस चूल्हा तथा पहला सिलेण्डर मुफ्त मिला है। इससे पहले लकड़ी का चूल्हा जलानेसे महिला के शरीर में रोज 400 सिगरेट के जितना धुआं जाता था। गरीब महिलाओं का जीवन इस धुंए का आदी हो चला था। लेकिन एक गरीब-हितैषी संवेदनशील सरकार गरीबों के दर्द को समझती भी है और उसका निराकरण भी करती है, इसे मोदी सरकार ने साबित किया है। गरीब के घर का धुआं खत्म हुआ और उनमें सही मायने में एक नई रोशनी आई। इसी के साथ अन्य वर्गों में भी 6 करोड़ नए गैस कनेक्शन दिए गए। आज तक कभी भी मात्र 5 साल में 12 करोड़ नए गैस कनेक्शन नहीं दिए गए थे।

आवास : बेघरी से मुक्ति का संकल्प

मनुष्य के जीवन की एक और महत्वपूर्ण जरूरत होती है आवास की। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में गरीबों को पहले 70 हजार रुपए आवास बनाने के लिए मिलते थे, जो अब वर्तमान भाजपा सरकार में बढ़कर 1,50,000 रुपए हो गये हैं। गरीब से गरीब परिवार के पास बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्का मकान हो, सरकार इस दिशा में सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। इसमें 12,000 रुपए गरीब को शौचालय बनाने के लिए भी मिलने लगे हैं। आज 1 करोड़ से ज्यादा गरीबों को खुद के मकान मिल चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना की ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। शहरों में अफोर्डेबल हाउसिंग में फ्लैट लेने वाले मध्यम वर्ग को भी गृह लोन के ब्याज में लगभग 3 लाख रुपए की सहूलियत देने का कार्य वर्तमान सरकार ने किया है।

अन्न सुरक्षा योजना

गरीब की प्राथमिक आवश्यकता पोषण के लिए अनाज है। कांग्रेस के जमाने में केवल 11 राज्यों में 32 करोड़ लोगों को ही “अन्न सुरक्षा योजना” दी गयी थी। मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने “अन्न सुरक्षा योजना” सभी 36 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की। इससे अब 80 करोड़ गरीब एवं सामान्य लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। इसके तहत 2 रुपए किलो गेहूं और 3 रुपए किलो चावल रियायती दरों पर गरीब वर्गों को मिलने लगा है।

भ्रष्टाचार मुक्त मनरेगा

वर्ष 2014 में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के तहत जहां केवल सिर्फ 27 हजार करोड़ रुपए खर्च होते थे, उसे बढ़ाकर 2018 में अब 54 हजार करोड़ रुपए मोदी सरकार दे रही है। इसके कारण 142 करोड़ मानव दिवस का अधिक रोजगार गरीब को सुनिश्चित हुआ है। गरीब को मजदूरी देने वाले इस कार्यक्रम में अब 56 प्रतिशत हिस्सा महिलाओं का है। पहले इस योजना में मजदूरी का भुगतान महीनों बाद होता था, लेकिन सरकार ने इस दिशा में बड़ा सुधार किया है। अब 15 दिन में सरकार सीधे मजदूरों के खाते में उसके मजदूरी का पैसा डालती है जिससे इसमें होने वाली लेट लतीफी और भ्रष्टाचार खत्म हुआ है। गरीब को जीवन-यापन करने के लिए उसकी मेहनत का उचित मूल्य मिलनी चाहिए इसके लिए सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में 42 प्रतिशत वृद्धि करने का ऐतिहासिक फैसला भी लिया, जिसका फायदा 60 लाख मजदूरों को प्रत्यक्ष तौर पर हुआ है।

प्रत्येक मजदूर को प्रोविडेंट फंड का यूनिक खाता सरकार ने बनाया, जिससे अब उसके प्रोविडेंट फंड की बचत राशि उसके नौकरी बदलने के बाद भी नए रोजगार में उसे मिलेगी। मुद्रा योजना में 15 करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को 7 लाख करोड़ से अधिक की राशि मिली है, जिसमें 1 लाख तक का कर्जा बिना गारंटी देने की व्यवस्था है। इसमें 74 प्रतिशत महिलाओं का है जिनको ऋण मिले हैं और उन्होंने अपने छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू किए हैं। कांग्रेस चाय वाला,पकौड़ा वाला बोलकर जब गरीब के स्वरोजगार का मजाक उड़ाती है, तब मोदी सरकार गरीबों को स्वाभिमान से जीने के लिए साधन उपलब्ध करवाती है। यही भाजपा और कांग्रेस सरकार का फर्क है।

आधारभूत संरचना: विकास की रफ्तार हुई तेज

सड़क निर्माण: बुनियादी ढांचे में सुधार विकास की पहली आवश्यकता है। कांग्रेस के जमाने में जहां केवल 70 कि.मी. ग्रामीण सड़कों का प्रतिदिन निर्माण होता था, वह अब दोगुना होकर 140 कि.मी. प्रतिदिन हो चुका है। 1,80,000 कि.मी. की सड़कों के निर्माण का कार्य गत 4 साल में पूरा हुआ है। मई, 2014 में ग्रामीण सड़कें पहले जहां 56 प्रतिशत गांवों तक पहुचीं थी वह अब बढ़कर अगस्त, 2018 में 91 प्रतिशत गांवों तक पहुंच गयी हैं।

संचार व्यवस्था: संचार भी एक महत्वपूर्ण सुविधा है। आज अनेक सरकारी सेवाएं और लोगों के काम ऑनलाइन होने लगे हैं। इसके लिए 4 साल में 2 लाख 25 हजार नए सेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं। आज कुल सेवा केंद्रों की संख्या 3 लाख से भी अधिक हुई है। पहली बार 122000 लाख ग्राम पंचायतों में लगभग 3 लाख कि.मी. ऑप्टिकल फाइबर केबल का जाल पूरे देश में पिछले 4.5 साल में सरकार ने बिछाया है जोकि 2014 में 59 ग्राम पंचायतों में ही था। ग्राम पंचायतों में लोगों के काम मोबाईल से होने लगे और अनेक गांव में वाई-फाई की सुविधा भी अब मिलने लगी है।

विमानन क्षेत्र: प्रधानमंत्री जी का सपना था कि हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी हवाई जहाज से यात्रा करने में सक्षम होना चाहिए और इसलिए उड़ान स्कीम का योजना उन्होंने आरंभ करके 2500 रुपए में अनेक क्षेत्रों में हवाई यात्रा की सुविधा दी है। गत 4 वर्ष में 25 नए एअरपोर्ट का निर्माण और उसका उपयोग शुरू हुआ है और आजादी के बाद विमानन क्षेत्र में सबसे ज्यादा गति से विस्तार पिछले 4 साल में हुआ है।

क्षेत्रीय विकास: देश के ऐसे क्षेत्र जो विकास की दौड़ में पीछे छूट गए, ऐसे 115 जिलों की पहचान करके उनको मोदी जी ने उन्हें आकांक्षी जिला कहा है। वहां बैंकिंग, बीमा, गैस, बिजली, स्वास्थ्य, सड़क आदि 7 प्रकार की सुविधाएं सभी लोगों तक पहुंचाने की एक खास मुहिम चलाई गई और 75 हजार गांवों में ये योजना सफलता से सम्पन्न हुई। देश के सारे क्षेत्र जब समान स्तर पर विकसित होंगे तभी देश का सही विकास होगा यह मोदी जी की कल्पना है और इसलिए इन आकांक्षी जिलों में शिक्षा स्वास्थ्य, यातायात और विकास के अन्य सभी कार्यक्रमों की उपलब्धता कराकर इनका तेज गति से विकास करने की योजना बनाई है।

संसाधनों की पहचान और उपयोग: देश के लगभग 150 जिले जहां विभिन्न खनिज, धातु और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की खदानें हैं, वहां खदानों की नीलामी से आए हुए पैसे का एक बड़ा हिस्सा उसी स्थान की जनता के विकास के लिए खर्च करने का ऐतिहासिक फैसला मोदी सरकार ने किया। परिणामस्वरूप इन 150 जिलों में 18000 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि इसके अंतर्गत विकास के लिए उपलब्ध हुई है। इसी के साथ अन्त्योदय योजना के तहत 2.5 लाख पंचायतों में जो सबसे गरीब तबका है उसे 18 मंत्रालयों के विभिन्न प्रकार के जीविकोपार्जन की योजनाओं से जोड़कर उसके जीवन स्तर को सुधारने का एकीकृत प्रयास सरकार कर रही है।

महिलाओं का सम्मान और सशक्तिकरण:

“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान” में बहुत बड़ी सफलता सरकार को प्राप्त हुई। बेटी का सम्मान बढ़ा और 104 जिलों में लड़के-लड़कियों के लिंगानुपात में अच्छा सुधार हुआ। बेटियों की विद्यालय में संख्या में बढ़ोतरी हुई उनको पढ़ाई के लिए और अधिक छात्रवृत्ति सरकार ने उपलब्ध कराई है। सुकन्या समृद्धि योजना में एक करोड़ 30 लाख खाते खोलकर बेटियों की शिक्षा से लेकर विवाह तक की व्यवस्था सुनिश्चित करने की और उसको सबल बनाने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किया है। बेटियों को सुरक्षा देना भी महत्वपूर्ण है जिसके लिए सरकार ने सख्त कदम अपनाये हैं। बेटियों का बलात्कार करने वालों को अब सीधे फांसी तक की सजा होगी।

समग्र शिक्षा के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय जिसमें समाज के सबसे वंचित वर्ग से आने वाली बेटियों को पहले सिर्फ आठवीं कक्षा तक शिक्षा और छात्रावास की सुविधा थी उसे सरकार ने बढ़ाकर बारहवीं कक्षा तक कर दिया। 597 छात्रावासों में 5,97,000 छात्राएं अब बारहवीं तक पढ़ाई करेंगी। इसी प्रकार वंचित और ग्रामीण वर्ग के छात्रों के लिए 39 नये नवोदय विद्यालय विगत् साढ़े चार वर्षो में सरकार ने खोले हैं। इसके साथ ही अभी इसी सप्ताह सरकार ने एक और बड़ा निर्णय कर सभी नवोदय विद्यालयों में कुल 5,088 नये सीट बढ़ाने की घोषणा की है। अब इस वर्ष से प्रवेश लेने को इच्छुक विद्यार्थियों को इन बढ़े हुए सीटों का लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त सरकार ने पिछले मात्र साढ़े चार वर्षों में 109 नये केन्द्रीय विद्यालय भी विभिन्न स्थानों पर खोले हैं।

आंगनबाड़ी में काम करने वाली महिलाओं को पहले कम पारिश्रमिक मिलता था। ऐसी 27 लाख आंगनबाड़ी महिलाओं को महीने का पारिश्रमिक 1500 रुपए यानी डेढ़ गुणा वृद्धि कर अब दी जा रही है। 1.5 लाख आशाकर्मियों का भी मासिक पारिश्रमिक अब 1000 रुपए से दुगुना कर 2000 रुपए कर दिया गया है। इसके साथ-साथ उन्हें अब सामाजिक सुरक्षा के बीमा योजनाओं का भी लाभ दिया जा रहा है।

शिक्षा गुणवत्ता: पढ़े भारत, बढे़ भारत

सबको शिक्षा अच्छी शिक्षा के तहत सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए “समग्र शिक्षा” की नई योजना का प्रारंभ किया गया है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा अच्छी हो, विद्यार्थियों को लर्निंग आउटकम्स प्राप्त हो, इस दिशा में सरकार ने समग्र प्रयास किया है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियों में भी 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। सभी स्कूलों में लड़कियों के लिए 4 लाख से अधिक अलग शौचालय बनाए गए और जहां विद्यालयों में कम शौचालय थे वहां भी संख्या बढ़ाकर 12.5 लाख शौचालय का निर्माण किया गया है। 11 लाख से ज्यादा सरकारी विद्यालयों को लाइब्रेरी और खेलकूद के सामान के लिए 5000 रुपए से 20000 रुपए सालाना अनुदान देने की व्यवस्था “पढ़े भारत-बढ़े भारत, खेले इंडिया-खिले इंडिया”अभियान में की गई है।

सामान्य वर्ग को 10 फीसद आरक्षण

सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग के लिए ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी निर्णय लिया है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आय के आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण नौकरियों में एवं उच्च शिक्षा में मिलेगा। इसके लिए संविधान संशोधन किया है। इससे ब्राह्मण, बनिया, कापू, मराठा, पटेल, जाट, राजपूत (जहां नहीं मिलता था) आदि सभी आरक्षण न मिलने वाले समूह तथा सभी धर्मों के गरीबों को भी यह लाभ मिलेगा। गरीबों की यह मांग 70 साल में पूरी नहीं हुई थी, जो अब पूरी हो रही है। इस ऐतिहासिक फैसले का यह अधिवेशन स्वागत करती है और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करती है।

दिव्यांगों के लिए विशेष प्रावधान

समाज में 3 से 5 प्रतिशत लोगों को कुछ न कुछ शारीरिक विकलांगता होती है। इसके लिए सुगम्य भारत योजना लाकर सभी सरकारी भवनों में दिव्यांगों के सुगम आवागमन के लिए रैंप तैयार करने की व्यवस्था की गई है। 8 लाख से ज्यादा दिव्यांगों का 7000 से अधिक कैंपों में विभिन्न उपकरण बांटे गए हैं। दिव्यांगों का आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत सरकार ने किया है। दिव्यांगों को तकनीकी शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति की सुविधा बढ़ाई गई है। साइन लंग्वेज के अनुसंधान का केंद्र पहली बार देश में खोला गया है। पहले केवल 7 प्रकार की विकलांगता को ही चिन्हित किया गया था अब इसे बढ़ाकर 21 प्रकार के विकलांगों को इसमें शामिल किया गया है।

आदिवासियों को वनोपज पर पहली बार अब न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था सरकार ने की है जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हुई है। वनबंधु कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं का लाभ आदिवासियों को मिला है। आदिवासियों को खेती के लिए सरकार ने लाखों एकड़ भूमि के वनपट्टे दिए हैं।
डॉ. बाबा साहब अंबेडकर की जन्म भूमि, शिक्षा भूमि, कर्म भूमि, दीक्षा भूमि एवं महापरिनिर्वाण भूमि का पंचतीर्थों के रूप में विकास करके भव्य स्मारक सरकार ने बनाए हैं। अंबेडकर इंटरनेशनल संस्थान की शुरुआत भी इसी सरकार ने की है। दलित,आदिवासी योजनाओं का अलग बजट 95,000 करोड़ रुपये का किया गया और ओबीसी समुदाय के कल्याण के लिए बजट में 41 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। पिछड़े वर्गों के लिए संवैधानिक आयोग बनाने का सपना भी सरकार ने पूरा किया है।

गरीब के सबलीकरण से ही देश का सबलीकरण होता है। समाज में जब तक विभिन्न वर्गों के पास विकास के समान अवसर नहीं होंगे तब तक पूरा देश प्रगति नहीं करता। इसके लिए तेज गति से विकास और सबका विकास हो ये मोदी सरकार की भूमिका पिछले साढ़े चार वर्षों में रही है। मोदी जी के नेतृत्व में 5 साल में गरीब कल्याण के इतने काम हुए हैं कि ये 70 साल का गरीब कल्याण का सबसे बड़ा और सफल कालखण्ड सिद्ध हुआ है, इसके लिए भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय परिषद प्रधानमंत्री जी का फिर से एक बार अभिनंदन करती है और उनका अभिवादन करती है।