पोरबंदर में गांधी जी का घर हमें क्या सिखाता है

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गांधी जयंती पर विशेष (2 अक्टूबर)

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है, “हमारे किसान को पानी दो और देखें कि हमारा किसान क्या कर सकता है।”

श्री मोदी प्राय: इस बात को दोहराते हैं, “जब मैंने पहली बार मुख्यमंत्री का पद संभाला था, तो किसान मेरे पास आते थे और कहते थे कि हमें बिजली की जरूरत है। नागरिक आते थे और कहते थे, कम से कम हमारे शाम के भोजन के दौरान हमें बिजली प्रदान करें। मैंने उनसे कहा कि हां, हो जाएगा लेकिन आप सब पानी पर ध्यान दें। जल है तो कल है (अगर पानी है तो एक उज्ज्वल भविष्य है)। संतोष है कि उन्होंने मेरे सुझाव पर ध्यान दिया और 24 घंटे बिजली के साथ-साथ जल स्तर में भी वृद्धि हुई है।”

जल संरक्षण भारत सरकार के लिए अत्यधिक ध्यान देने वाला क्षेत्र है। देश भर में जल संसाधनों और स्वच्छ नदियों के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए अभिनव साधनों पर विचार किया जा रहा है।
इस संबंध में महात्मा गांधी से बहुत कुछ सीखना है। प्रधानमंत्री ने पोरबंदर में गांधी जी के घर का एक आकर्षक उदाहरण दिया, जहां पानी का संरक्षण किया जाता है। उन्होंने अप्रैल, 2016 में ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान कहा था, “मैंने हमेशा कहा है कि जो लोग पोरबंदर में महात्मा गांधी के घर जाते हैं, उन्हें वहां लगभग 200 साल पहले बने भूमिगत टैंकों को भी देखना चाहिए, जिन्हें बारिश का पानी बचाने के लिए बनाया गया था। इन टंकियों में एकत्रित पानी शुद्ध रहता था।”

गांधी जी ने अपने अनोखे तरीके से हमें जल संरक्षण का एक महत्वपूर्ण संदेश दिया, जिससे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पेयजल और उनके उपयोग के लिए पर्याप्त पानी मिले।
                                                                 स्रोत: @मोदी आर्काइव