मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ महंगाई काबू में

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केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 24 अक्टूबर को देश की अर्थव्यवस्था पर एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था न केवल मजबूत हुई है, बल्कि इसमें स्थिरता भी आई है। यहां प्रस्तुत है रिपोर्ट के प्रमुख अंश का दूसरा एवं अंतिम भाग:

विमुद्रीकरण सहित काले धन के विरुद्ध धर्मयुद्ध

काले धन को नियंत्रित करने के लिए ढ़ांचे की निगरानी और समीक्षा के लिए मई, 2014 में गठित काले धन के संबंध में विशेष जांच टीम; (ख) 01 जुलाई, 2015 से लागू किए गए काला धन (अघोषित विदेशी आय और आस्तियां) और टैक्स आरोपण अधिनियम, 2015; (ग) आय घोषणा योजना, 2016; और (घ) 01 नवंबर, 2016 से प्रभावी रूप से लागू किए गए समग्र बेनामी लेनदेन (प्रतिबंध) संशोधन अधिनियम, 2016 जैसी पहलों ने काले धन के सृजन और धारिता के विरुद्ध छेड़े गए युद्ध में सफलता दिलाई। 08 नवंबर, 2016 से प्रभावित उच्च मूल्य वर्ग के नोटों के विमुद्रीकरण से काले धन पर भारी प्रहार हुआ है।

आवास विकास

सरकार ने अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बजट सत्र 2017-18 में विभिन्न उपायों की घोषणा की है, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ सस्ते आवास को अवसंरचना का दर्जा देकर अवसंरचना विकास की गति बढ़ाना, राजमार्ग निर्माण को अधिक अावंटन, तटीय संपर्क पर विशेष ध्यान देना शामिल है। अन्य विकास संवर्धन उपायों में निम्नलिखित शामिल हैः 50 करोड़ रुपए तक वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए कम आयकर; मैट क्रेडिट को वर्तमान की 10 वर्षों की बजाए 15 वर्ष की अवधि तक आगे स्थानांतरित करने की अनुमति देना; व्यवसाय करना आसान बनाने को उन्नत बनाने के लिए और उपाय तथा डिजीटल अर्थव्यवस्था को मुख्य रूप से आगे बढ़ाना शामिल है। बजट में भी अधिक कृषि ऋण देने और काफी हद तक रोजगार बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया।

संस्थागत सुधार

संस्थागत सुधारों में, व्यय का यौक्तिकीकरण और लक्ष्य एवं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण पर विशेष जोर देते हुए सार्वजनिक सुपुर्दगी में रिसाव को प्रगामी रूप से समाप्त करना; सुदृढ़ी कारगर वित्तीय समावेषण कार्यक्रम की शुरूआत; अभिशासन और निर्णय लेने में नीतिगत पारदर्शिता लाने के उपाय; डिस्कॉम के लिए उज्जवल डिस्कॉम आश्वासन योजना (यूडीएवाई) कार्यक्रम; विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का उदारीकरण; और भारत में बौद्धिक संपदा हेतु भावी दिशा-निर्देश बनाने के लिए राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति का अनुमोदन।

व्यवसाय करना आसान बनाना

प्रायोगिक मेक इन इंडिया कार्यक्रम के इर्दगिर्द संपूरक का निर्माण, इसमें व्यवसाय करना आसान बनाने में सुधार लाने के लिए व्यापक उपाय, स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया पहलों के अंतर्गत उभरते उद्यमशील प्रतिभा को प्रोत्साहित करना तथा विज्ञापन एवं वैश्विक अभियान में प्रत्यक्ष रूप से व्यावसायिक केंद्र के रूप में भारत के वैश्विक दर्जा में सुधार लाया है। भारत ने एकीकृत भुगतान केंद्र वाले सप्ताह के 24 घंटे एकल पोर्टल पर सभी व्यापार निवेश संबंधी निकासी और अनुपालना उपलब्ध करके व्यापार और निवेशक अनुकूल प्रास्थिति के सृजन के लिए ईबिज मंच शुरू किया है।

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति में अामूल-चूल परिवर्तन

सरकार ने 20 जून, 2016 को एफडीआई के क्षेत्र को एकाएक उदार बना दिया, इसका उद्देश्य मुख्य रूप से रोजगार और नौकरी के सृजन को गति प्रदान करना है। नवम्बर, 2015 में घोषित प्रमुख परिवर्तनों के बाद यह दूसरा प्रमुख सुधार है। अब छोटी सी नकारात्मक सूची को छोड़कर अधिकांश क्षेत्र स्वतः अनुमोदन मार्ग पर कार्य करेंगे। नीति में शुरू किए गए परिवर्तनों में क्षेत्रीय अंतराल बढ़ाना, स्वतः मार्ग के अंतर्गत अधिक क्रियाकलापों को लाना और विदेशी निवेश के लिए शर्तों को आसान बनाना शामिल है। इन परिवर्तनों से भारत एफडीआई के लिए विश्व में सबसे अधिक खुला देश बन गया है।
अत्यन्त निर्धन महिलाओं को 3 करोड़ से भी अधिक एलपीजी कनेक्शन

अत्यन्त निर्धनों की सहायता करने तथा उनका जीवन स्तर सुधारने के लिए विशेषकर महिलाओं के लिए सरकार ने मई, 2016 और जून, 2017 के बीच 3 करोड़ से भी अधिक एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया है, जो गंदगी भरे पारंपरिक ईंधनों की जगह लेंगे, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इसी प्रकार मानवकृत तथा प्राकृतिक आपदाओं के सदमें से गरीब जनता को सुरक्षित करने के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री स्वस्थ बीमा योजना के अंतर्गत सितम्बर, 2017 तक कुल 14 करोड़ व्यक्तियों का नामांकन किया गया।

अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) पर बल

सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को नये सिरे से गति प्रदान करने के उद्देश्य से अवसंरचना पर सार्वजनिक व्यय में निरंतर वृद्धि की है। इस वर्ष 21.46 लाख करोड़ रुपए के बजटीय व्यय (पिछले वर्ष की तुलना में 1.2 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि) में से, भारत सरकार का कुल व्यय 11.47 लाख करोड़ रुपए (सितम्बर, 2017) से अधिक हो चुका है।

इस अभियान का विशेष जोर ग्रामीण सड़कों, आवासन, रेलवे, विद्युत, राजमार्गों और डिजिटल अवसंरचना सहित महत्वपूर्ण विकास के क्षेत्रों पर है। वर्ष 2017-18 के लिए भारत सरकार का पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 3.09 लाख करोड़ रुपए है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 31.28 प्रतिशत अधिक है, जिसमें से सितम्बर, 2017 तक 1.46 लाख करोड़ रुपए की राशि पूंजीगत कार्यों पर खर्च की जा चुकी है। इसके अलावा, भारत सरकार ने वर्ष 2017-18 के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य 3.85 लाख करोड़ रुपए नियत किया है, जिसमें से सितम्बर, 2017 तक सीपीएसई द्वारा 1.3 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय के खर्च का लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है।

रेलवे

रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय हेतु 1,31,000 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य के विपरीत, 50,762 करोड़ रुपए का व्यय किया जा चुका है। मुख्य जोर सुरक्षा को बेहतर बनाने, नई लाइनें बनाने और यात्रियों को सुख-सुविधाएं प्रदान करने के लिए अवसंरचना के उन्नयन पर है।
निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य पूरे किए गए: नई लाइनें (निर्माण) (4531.93 करोड़ रुपए), गेज बदलना (1842.24 करोड़ रुपए), ईबीआर-भागीदारी (11504.29 करोड़ रुपए), पटरी को डबल करना (4069.60 करोड़ रुपए), यातायात सुविधाएं (517.05 करोड़ रुपए), रोलिंग स्टॉक (8214.11 करोड़ रुपए), पट्टे पर दी गई परिसंपत्तियां – मुख्य घटक (7781.97 करोड़ रुपए), रोड ओवर/अंडर ब्रिज (1068.09 करोड़ रुपए), पटरियों का नवीकरण (2837.72 करोड़ रुपए), विद्युतीकरण परियोजनाएं (1119.17 करोड़ रुपए), यात्रियों को सुख-सुविधाएं (539.73 करोड़ रुपए), जेवी/एसपीवी में निवेश (1263.52 करोड़ रुपए), महानगरीय परिवहन परियोजनाएं (446.16 करोड़ रुपए) आदि।

सौभाग्य (प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना)

इस कार्यक्रम के अंतर्गत, मार्च, 2019 तक देश में बिजली प्राप्त करने से वंचित रह गए सभी उपभोक्ताओं को कनेक्टिविटी और बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए सर्वसुलभ विद्युतीकरण का कार्य शुरू किया जा रहा है। यह कार्यक्रम ग्रामीण विद्युतीकरण की चालू योजना (दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) के अतिरिक्त है।

ग्रामीण सड़कें – प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)

पीएमजीएसवाई के फेस-I और II को पूरा करने के लिए, भारत सरकार का राज्यों के साथ मिलकर 2017-18 से शुरू करके 03 वर्षों में 88,185 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने का प्रस्ताव है। इससे 1,09,302 किलोमीटर की ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा, जिससे 36,434 बस्तियों को लाभ होगा।
इसके अतिरिक्त, 11,725 करोड़ रुपए की लागत की सड़कों का निर्माण 2019-20 तक पूरा कर लिया जाएगा, जिसमें मौजूदा सड़कों के 5411 किलोमीटर का उन्नयन और 44 एलडब्ल्यूई जिलों में नई सड़कों का निर्माण शामिल है।

पीएम आवास योजना (पीएमएवाई) – शहरी और ग्रामीण

निर्माण सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए सभी के लिए सार्वभौमिक किफायती आवासन का क्रियान्वयन किया जा रहा है और इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। पीएमएवाई (शहरी) के अधीन, अगले 03 वर्षों में 1,85,069 करोड़ रुपए के परिव्यय से 1.2 करोड़ यूनिटों का निर्माण किया जाएगा। पीएमएवाई (ग्रामीण) के अधीन, मार्च, 2019 तक केंद्र और राज्यों द्वारा 126,795 करोड़ रुपए के परिव्यय से 1.02 करोड़ यूनिटों (इस वर्ष 51 लाख यूनिट) का निर्माण किया जाएगा।

भविष्य में अधिक मजबूत आर्थिक विकास

जीडीपी वृद्धि द्वारा मापी जाने वाली अर्थव्यवस्था की वास्तविक वृद्धि ने लगातार सुधार दर्शाया है। पिछले दो वर्षों में 5.9 प्रतिशत की तुलना में 2014-15 और 2016-17 के बीच इसका औसत 7.5 प्रतिशत है। वर्ष 2016-17 के लिए कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा जारी खाद्यान्न उत्पादन के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार खाद्यान्नों का कुल उत्पादन 275.7 मिलियन टन होने की आशा है, जो पिछले वर्ष 251.6 मिलियन टन कुल खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 9.6 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2017-18 के लिए पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार खरीफ मौसम के लिए खाद्यान्नों का उत्पादन 134.67 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2016-17 के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार खाद्यान्नों का उत्पादन 138.52 टन मिलियन था।

वैश्विक आर्थिक स्थिति में गिरावट के परिणामस्वरूप भारत के निर्यात की मांग कम होने के बावजूद औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक (आईआईपी) 2016-17 के दौरान 4.6 प्रतिशत बढ़ा, जबकि 2015-16 में यह वृद्धि 3.3 प्रतिशत (संशोधित आईआईपी श्रृंखला के अनुसार) थी। अप्रैल-अगस्त, 2017 के दौरान सामान्य आईआईपी वृद्धि 2.2 प्रतिशत थी, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 5.9 प्रतिशत थी। अगस्त, 2017 के दौरान आईआईपी में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो जून में (-)0.2 प्रतिशत तथा जुलाई, 2017 में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि से काफी अधिक है। सवारी वाहनों की बिक्री में सितम्बर, 2017 के लिए 11.3 प्रतिशत और अप्रैल-सितम्बर के लिए 9.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसी प्रकार वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री सितम्बर, 2017 में 25.3 प्रतिशत और अप्रैल-सितम्बर, 2017 के लिए 6 प्रतिशत बढ़ी।

वास्तविक जीडीपी वृद्धि

अक्तूबर, 2017 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकलन के अनुसार भारत का विकास 2017 में 6.7 प्रतिशत और 2018 में 7.4 प्रतिशत होने की आशा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी पूर्वानुमान लगाया है कि 2022 तक भारत का विकास 8.2 प्रतिशत बढ़ जाएगा। चीन का विकास 2016 में 6.7 प्रतिशत था और क्रमशः 2017 तथा 2018 में 6.8 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत होने की आशा है। हम आशा करते हैं कि इस तिमाही में दुबारा मजबूत विकास करेंगे और हमारे भावी वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमानों से भी बेहतर होंगे।