महिला सशक्तीकरण : प्रधानमंत्री मोदी के अग्रणी प्रयास

| Published on:

मोदी स्टोरी                                                                                          — आनंदीबेन पटेल

जैसाकि भारतीय संसद ने महिला आरक्षण के लिए ऐतिहासिक विधेयक पारित किया है, वैसे ही महिलाओं के लिए समान अवसर प्रदान करना हमेशा श्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली का मुख्य आकर्षण रहा है।

यहां तक कि 90 के दशक में गुजरात भाजपा के संगठन मंत्री के रूप में श्री मोदी ने महिलाओं को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया, जो अन्यथा महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं थे।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कुछ ऐसे किस्से साझा किया, जहां श्री मोदी ने अलग-अलग समय में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए साहसिक फैसले लिए हैं।

वह मेहसाणा की एक घटना को याद करती हैं जब श्री मोदी ने उस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारने का फैसला किया था। इससे पहले श्री मोदी ने तब उम्मीदवारों की सूची को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था, जब उन्होंने देखा कि इस सूची में कोई महिला उम्मीदवार शामिल नहीं थी। बाद में श्री मोदी ने स्वयं श्रीमती जयश्रीबेन पटेल के नाम की घोषणा की और पार्टी कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वह जीतें। श्रीमती पटेल दो बार जीतीं और लोकसभा में मेहसाणा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

एक अन्य घटना में जब श्रीमती आनंदीबेन पटेल गुजरात भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष थीं, तब वह

श्री मोदी ने यह अनिवार्य कर दिया था कि कम से कम एक महिला को जिला और तालुका में पदाधिकारी का दायित्व दिया जाए। इसी तरह पंचायत और नगर निगम चुनाव में भी मेयर के अलावा कोई आरक्षण नहीं था। तो उसमें भी श्री मोदी ने एक महिला के लिए मेयर, डिप्टी मेयर या स्थायी समिति का अध्यक्ष होना अनिवार्य कर दिया

कच्छ में एक बैठक के बाद लौटीं तो उन्हें कई सवालों का सामना करना पड़ा। श्री मोदी ने उनसे पूछा कि बैठक में कितनी महिलाएं उपस्थित थीं, उनकी प्रोफाइल जैसे पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा के बारे में क्या जानकारी है। इसके अतिरिक्त उन्होंने उनके कामकाज की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।

जब उनसे पूछा गया कि श्री मोदी यह सब क्यों पूछ रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि यदि विभिन्न क्षेत्रों की महिलाएं बैठक में भाग लेंगी, तो इससे उन्हें जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उनकी जमीनी स्तर पर जानकारी मिल जाएगी। उन्होंने अपनी समस्याएं बताने वाली किसान परिवार की महिलाओं, इसी तरह डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कामकाजी महिलाओं का उदाहरण दिया।

वह इन सभी समस्याओं को जानना चाहते थे ताकि जब भाजपा सत्ता में आए तो पार्टी इन समस्याओं को दूर कर सके। श्री नरेन्द्र मोदी महिलाओं को जिम्मेदारियां प्रदान करने को लेकर बहुत सजग थे।

श्रीमती आनंदीबेन एक और किस्सा साझा करती हैं जहां श्री मोदी ने यह अनिवार्य कर दिया था कि कम से कम एक महिला को जिला और तालुका में पदाधिकारी का दायित्व दिया जाए। इसी तरह पंचायत और नगर निगम चुनाव में भी मेयर के अलावा कोई आरक्षण नहीं था। तो उसमें भी श्री मोदी ने एक महिला के लिए मेयर, डिप्टी मेयर या स्थायी समिति का अध्यक्ष होना अनिवार्य कर दिया और यह भी कहा कि इस मानदंड के बिना समिति को स्वीकार नहीं किया जाएगा।