संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चार दिसंबर को मीडिया को अपना वक्तव्य दिया। अपने वक्तव्य में श्री मोदी ने कहा कि ठंड शायद विलंब से चल रही है और बहुत धीमी गति से ठंड आ रही है, लेकिन राजनीतिक गर्मी बड़ी तेजी से बढ़ रही है। कल ही चार राज्यों के चुनाव नतीजे आए हैं, बहुत ही उत्साहवर्द्धक परिणाम हैं।
उन्होंने कहा कि ये उनके लिए उत्साहवर्द्धक हैं जो देश के सामान्य मानवी के कल्याण के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पित हैं। विशेषकर सभी समाजों की सभी समूहों की, शहर और गांव की महिलाएं, सभी समाज के सभी समूह के गांव और शहर के युवा, हर समुदाय के समाज के किसान और मेरे देश के गरीब, ये चार ऐसी महत्वपूर्ण जातियां हैं जिनका सशक्तीकरण उनके भविष्य को सुनिश्चित करने वाली ठोस योजनाएं और उनकी अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, इन उसूलों को ले करके जो चलते हैं, उन्हें भरपूर समर्थन मिलता है।
देश ने नकारात्मकता को नकारा
श्री मोदी ने कहा कि देश ने नकारात्मकता को नकारा है। मैं लगातार सत्र के प्रारंभ में विपक्ष के साथियों के साथ हमारा विचार-विमर्श होता है, हमारी मुख्य टीम उनसे चर्चा करती है, मिल करके भी सबके सहयोग के लिए हम हमेशा प्रार्थना करते हैं, आग्रह करते हैं।
उन्होंने कहा कि हर किसी का भविष्य उज्ज्वल है, निराश होने की जरूरत नहीं है, लेकिन कृपा करके बाहर की पराजय का गुस्सा सदन में मत उतारना। हताशा-निराशा होगी, आपके साथियों को आपका दम दिखाने के लिए कुछ न कुछ करना भी पड़ेगा, लेकिन कम से कम लोकतंत्र के इस मंदिर को वो मंच मत बनाइए।