81.35 करोड़ लाभार्थियों को पांच साल तक मिलेगा नि:शुल्क अनाज

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केंद्र पीएमजीकेएवाई के तहत खाद्य सब्सिडी पर अगले 5 वर्षों में लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपए व्यय करेगा

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 29 नवंबर को निर्णय लिया कि केंद्र सरकार 1 जनवरी, 2024 से पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों को नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराएगी।

यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जो पीएमजीकेएवाई को विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण योजनाओं में शामिल करता है, जिसका उद्देश्य 5 वर्ष की अवधि में 11.80 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर 81.35 करोड़ व्यक्तियों के लिए भोजन और पोषण संबंधी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

1 जनवरी, 2024 से 5 वर्षों के लिए पीएमजीकेएवाई के तहत नि:शुल्क खाद्यान्न (चावल, गेहूं और मोटा अनाज/पोषक अनाज) खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ बनाएगा और जनसंख्या के निर्धन और निर्बल वर्गों की किसी भी वित्तीय कठिनाई में कमी लाएगा। यह एक समान लोगो के तहत 5 लाख से अधिक उचित मूल्य की दुकानों के नेटवर्क के माध्यम से सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण में राष्ट्रव्यापी एकरूपता प्रदान करेगा।

यह ओएनओआरसी-वन नेशन वन राशन कार्ड पहल के तहत लाभार्थियों को देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से नि:शुल्क खाद्यान्न उठाने की अनुमति देने के जरिए जीवन को सुगम बनाने में भी सक्षम बनाएगा।

उल्लेखनीय है कि एक अंत्योदय परिवार के लिए 35 किलो चावल की आर्थिक लागत 1371 रुपए है, जबकि 35 किलो गेहूं की कीमत 946 रुपए है, जो पीएमजीकेएवाई के तहत भारत सरकार द्वारा वहन की जाती है और परिवारों को खाद्यान्न पूरी तरह से नि:शुल्क प्रदान किया जाता है। इस प्रकार नि:शुल्क खाद्यान्न के कारण राशन कार्ड धारकों को होने वाली मासिक बचत महत्वपूर्ण है।

भारत सरकार की राष्ट्र के नागरिकों के लिए पर्याप्त मात्रा में गुणवत्ता वाले खाद्यान्न की उपलब्धता के माध्यम से उन्हें भोजन और पोषण संबंधी सुरक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके एक सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता है। यह योजना पीएमजीकेएवाई के तहत कवर किए गए 81.35 करोड़ व्यक्तियों के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने में योगदान देगी।