यह वाङ्मय कार्यकर्ताओं के व्यक्तित्व के विकास में सहायक होगा: अमित शाह

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भारत सरकार ने भी पंडित दीन दयाल जी के जन्मशती वर्ष को ‘गरीब-कल्याण’ वर्ष के रूप में मनाने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि 15 खण्डों में पंडित जी के सम्पूर्ण जीवन को ‘दीनदयाल उपाधाय सम्पूर्ण वाङ्मय’ के रूप में देश की जनता के सामने रखने का एक महत्त्वपूर्ण कार्य प्रभात जी और उनकी टीम के द्वारा संपन्न हुआ है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्पूर्ण वाङमय’ के लोकार्पण समारोह में भाग लिया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में तब के कालीकट और अब के कोझिकोड में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा वर्ष भर चलने वाले पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्मशती समारोहों की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पूरा वर्ष पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्मशती के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भी पंडित दीन दयाल जी के जन्मशती वर्ष को ‘गरीब-कल्याण’ वर्ष के रूप में मनाने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि 15 खण्डों में पंडित जी के सम्पूर्ण जीवन को ‘दीनदयाल उपाधाय सम्पूर्ण वाङ्मय’ के रूप में देश की जनता के सामने रखने का एक महत्त्वपूर्ण कार्य प्रभात जी और उनकी टीम के द्वारा संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि 15 खण्डों में दीन दयाल जी के द्वारा लिखे गए आलेखों, दिए गए भाषणों, वक्तव्यों, प्रस्तुत किये गए प्रस्तावों और समसामयिक परिस्थितियों पर दिए गए उनके दृष्टिकोणों को संकलित करने का कार्य संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि यह वांङमय निश्चित रूप से न केवल भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं, बल्कि सार्वजनिक और राजनीतिक क्षेत्र में देश के लिए काम करने वाले हरेक कार्यकर्ताओं के व्यक्तित्त्व के विकास के लिए भी महत्त्वपूर्ण सि( होगा।
श्री शाह ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी ने जिन समस्याओं पर उस वक्त प्रकाश डाला था, आज वह वह समस्या विकराल रूप में हमारे सामने खड़ी है। उन्होंने कहा कि पंडित जी ने मनुष्य और प्रकृति के परस्पर आवलंबन को समझाते हुए विकास और प्रकृति में अंतद्र्वंद्व नहीं बल्कि उसमें एक संतुलन स्थापित करने पर बल दिया था। उन्होंने कहा कि पंडित जी का यह चिंतन कितना प्रासंगिक था कि हम ग्लोबल वार्मिंग के रूप में उनकी चिंताओं को सामने पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दीन दयाल जी के एकात्म मानववाद के दिखाए गए रास्ते पर पर यदि विकास की अवधारणा सुनिश्चित की गई होती तो आज ये सारी समस्याएं न होती।

भाजपा अधक्ष ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी को हमेशा एक चिन्तक, विचारक और एक संगठनकर्ता के रूप में ही देखा गया है, लेकिन मेरे विचार में यह बिंदु भी देश की जनता के सामने आना चाहिए कि वे एक सफल राजनेता भी थे। उन्होंने कहा कि 60-70 के दशक में जब कांग्रेस अपने मध्याह्न पर थी, तब लोकसभा चुनावों में जनसंघ ने निरंतर प्रगति ही की और 1967 में जब पंडित जी जनसंघ के अध्यक्ष बने तब जनसंघ अन्य कई राजनीतिक दलों की तुलना में बड़ी पार्टी बनी, इतना ही नहीं, कई राज्यों में उसकी सम्मिलित सरकारें भी थीं।

श्री शाह ने कहा कि सि(ांत, संगठन और राष्ट्रवाद के आधार पर राजनीति करके एक पार्टी को मजबूत बनाने का एक बहुत अच्छा उदाहरण दीन दयाल जी ने प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की कल्पना और राष्ट्रवाद पर आधारित राजनीति की कल्पना पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की भारतीय राजनीति को भेंट है। उन्होंने कहा कि पहली बार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को रेखांकित करने का काम दीन दयाल जी ने किया था। उन्होंने कहा कि दीन दयाल जी ने जो विचार पर आधारित राजनीति का बीज बोया था, मुझे इस बात की खुशी है कि भारतीय जनता पार्टी के रूप में बटवृक्ष बनकर वह बीज खड़ा है, अब भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं का दायित्त्व है कि वे पंडित जी के दिखाए हुए रास्ते पर चलें और देश के कल्याण के लिए सतत प्रयासरत रहें।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह एक सुखद समन्वय ही है कि दीन दयाल जन्मशती वर्ष में आज देश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में चलनेवाली केंद्र सरकार ने जिस तरह अंत्योदय के विचारों को सरकार की योजनाओं में ढाल कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करते हुए गरीब-कल्याण की अवधारणा को चरितार्थ करने का सार्थक प्रयास किया है, वह अप्रतिम है। उन्होंने कहा कि गरीब को विकास की प्रथम पंक्ति में लाने की दिशा में जितना प्रयास पिछले ढाई वर्षों में मोदी सरकार में हुआ, उतना पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गरीब-कल्याण और समृ( भारत के द्वंद्व से सरकार को बाहर निकालते हुए गरीब-कल्याण और समृ( भारत की कल्पना को सरकार का पर्याय बनाया है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा की केंद्र सरकार ने यह सि( कर दिया है कि गरीब-कल्याण की परिकल्पना को चरितार्थ करने के साथ-साथ देश को एक समृ( राष्ट्र के पथ पर भी आगे ले जाया सकता है, भारत आज सबसे तेज गति से विकास करने वाला अर्थतंत्र बना है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित भारत की कल्पना को भी मोदी सरकार ने बड़े संयम के साथ चरितार्थ किया है। उन्होंने कहा कि शांति के रास्ते से एक पग भी इधर-उधर हुए बगैर धैर्य के साथ अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ-साथ पंडित जी के चिंतन पर आधारित एक गौरवशाली भारत के पुनर्निर्माण का काम भी भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने किया है।

श्री शाह ने ने कहा कि आज दीन दयाल सम्पूर्ण वाङ्मय का लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और श्री भय्या जी जोशी जी के हाथों से हुआ है, इस वाङ्मय को जनता तक पहुंचाने के लिए जिस टीम ने इतना बड़ा पुरुषार्थ किया है, उस टीम को जितनी भी बधाई दी जाय, वह कम है। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी की ओर से श्री प्रभात जी, श्री महेश चन्द्र शर्मा जी, श्री राम बहादुर राय जी, श्री अच्युतानंद मिश्र, श्री जवाहर लाल जी एवं उनके नेतृत्त्व में इस वाङ्मय को मूर्त रूप देने के लिए विचारकों, नेताओं और पार्टी के कार्यकर्ताओं को हृदय से धन्यवाद देता हूं।