‘राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम’ को एक विशेष उद्देश्य कंपनी के रूप में गठित करने की मिली मंजूरी

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‘राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम’ केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों के स्वामित्व की अतिरिक्त भूमि और भवनों का मुद्रीकरण करेगी। इस निगम की प्रारंभिक अधिकृत शेयर पूंजी 5000 करोड़ रुपये और चुकता शेयर पूंजी 150 करोड़ रुपये होगी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने नौ मार्च को राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (एनएलएमसी) को केन्द्र सरकार के पूर्ण स्वामित्व में गठित करने की मंजूरी दे दी, जिसकी प्रारंभिक अधिकृत शेयर पूंजी 5000 करोड़ रुपये और चुकता शेयर पूंजी 150 करोड़ रुपये होगी। एनएलएमसी केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) के स्वामित्व की अतिरिक्त भूमि और भवनों का मुद्रीकरण करेगी। यह प्रस्ताव बजट 2021-22 की घोषणाओं के अनुरूप है।

गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के माध्यम से उपयोग में नहीं या आंशिक उपयोग वाली परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करके सरकार राजस्व प्राप्त करेगी।

वर्तमान में सीपीएसई के पास बड़ी मात्रा में उपयोग में नहीं या आंशिक उपयोग वाली भूमि और परिसंपत्तियां मौजूद हैं। ऐसे सीपीएसई जो रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया में हैं या बंद होने के कगार पर हैं, इन अतिरिक्त भूमि और गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण उनके मूल्य निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण हैं। एनएलएमसी इन परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करेगा और इस प्रक्रिया का समर्थन करेगा। आंशिक उपयोग वाली इन परिसंपत्तियों के उत्पादन आधारित उपयोग से निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और आर्थिक व सामाजिक अवसंरचना के लिए वित्तीय संसाधन प्राप्त होंगे।