10,000 नए एफपीओ के गठन और प्रोत्साहन हेतु ‘कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना और संवर्द्धन’ को मंजूरी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 19 फरवरी को किसानों के लिए अर्थव्यवस्था के व्यापक लाभ को सुनिश्चित करने हेतु 2019-2022 से 2023-24 की पांच वर्ष की अवधि के दौरान 10,000 नए एफपीओ के गठन को अपनी स्वीकृति दे दी। प्रत्येक एफपीओ के शुभारंभ वर्ष से पांच वर्षों तक के लिए सहायता जारी रखी जाएगी।

लाभ

छोटे और सीमांत किसानों के पास मूल्य संवर्द्धन सहित उत्पादन तकनीक, सेवाओं और विपणन को अपनाने के लिए आर्थिक क्षमता नहीं होती है। एफपीओ के गठन के माध्यम से किसान सामूहिक रूप से अधिक सुदृढ़ होने के साथ-साथ अधिक आय अर्जित करने हेतु अर्थव्यवस्था के व्यापक स्तरों के लाभ के माध्यम से ऋण और बेहतर विपणन एवं गुणवत्तायुक्त उत्पाद और प्रौद्योगिकी तक पहुंच बनाने में सक्षम होंगे।

योजना की संक्षिप्त जानकारी

 पांच वर्ष की अवधि (2019-2022 से 2023-24) के लिए 4496.00 करोड़ रुपए के कुल बजटीय प्रावधान के साथ 10,000 नए एफपीओ के गठन और संवर्द्धन के लिए ‘कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना और संवर्द्धन’ नामक केन्द्रीय क्षेत्र की एक नवीन योजना, इसमें प्रत्येक एफपीओ को पांच वर्षों के लिए आवश्यक सहयोग देने के लिए 2024-25 से 2027-28 की अवधि के लिए 2369 करोड़ रुपये की प्रतिबद्ध देनदारी भी शामिल है।
 प्रारंभिक तौर पर एफपीओ के गठन और प्रोत्साहन के लिए तीन कार्यान्वयन एजेंसियां नामत: स्मॉल फारमर्स एग्री-बिजनेस कन्सोर्टियम (एसएफएसी), नेशनल कोओपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) और नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (एनएबीएआरडी) होंगी। राज्य भी अगर इच्छुक हों तो डीएसी एंड एफडब्ल्यू के साथ विचार-विमर्श के माध्यम से एजेंसी को कार्यान्वित करने के लिए नामित कर सकते हैं।
 डीएसी एंड एफडब्ल्यू एजेंसियों को कार्यान्वित करने के लिए समूह/राज्यों का आबंटन करेगा, जो इसी क्रम में राज्यों में समूह आधारित व्यापारिक संगठन का गठन करेगा।
 एफपीओ को कार्यान्वयन एजेंसियों के द्वारा राज्य/समूह स्तर पर जुड़े समूह आधारित व्यापार संगठनों (सीबीबीओ) के माध्यम से गठित और प्रोत्साहित किया जाएगा। सीबीबीओ में फसल कृषि कर्म, कृषि विपणन/मूल्य संवर्धन और संसाधन, सामाजिक संग्रहण, विधि और लेखा एवं सूचना प्रौद्योगिकी/एमआईएस जैसे क्षेत्रों से विशेषज्ञों की पांच श्रेणियां होगी। ये सीबीबीओ एफपीओ के संवर्धन की दिशा में आने वाले सभी मुद्दों के लिए एक पूर्ण ज्ञान मंच के रूप में होंगे।
 एकीकृत पोर्टल और सूचना प्रबंधन एवं निगरानी के माध्यम से समग्र परियोजना दिशा-निर्देश, डाटा-संग्रहण और रखरखाव जैसी सुविधा प्रदान करने के लिए एसएफएसी के स्तर पर एक राष्ट्रीय परियोजना प्रबंधन एजेंसी (एनपीएमए) होगी।
 प्रारंभ में मैदानी क्षेत्र में एफपीओ में सदस्यों की न्यूनतम संख्या 300 और पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 100 होगी। हालांकि डीएसी एंड एफडब्ल्यू केन्द्रीय कृषि मंत्री की स्वीकृति के साथ आवश्यकता और अनुभव के आधार पर न्यूनतम सदस्यों की संख्या में संशोधन कर सकता है।
 देश में आकांक्षापूर्ण जिलों के प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक एफपीओ के साथ आकांक्षापूर्ण जिलों में एफपीओ के गठन को प्राथमिकता दी जाएगी।
 एफपीओ द्वारा विशेष और बेहतर प्रसंस्करण, विपणन, ब्रांडिंग और निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए ‘एक जिला एक उत्पाद’ समूह के अंतर्गत एफपीओ को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
 एफपीओ के इक्विटी आधार को मजबूत करने के लिए इसमें इक्विटी अनुदान का भी एक प्रावधान होगा।
 डीएसी एंड एफडब्ल्यू और नाबार्ड के द्वारा समान योगदान के साथ नाबार्ड में 1,000 करोड़ रुपये तक का ऋण गारंटी कोष और डीएसी एंड एफडब्ल्यू और एनसीडीसी के द्वारा समान योगदान के साथ एनसीडीसी में 500 करोड़ रुपये का ऋण गारंटी कोष होगा, ताकि एफपीओ को ऋण प्रदान करने के मामले में वित्तीय संस्थानों के जोखिम को न्यूनतम करते हुए एफपीओ को संस्थागत ऋण के निरंतर प्रवाह हेतु उपयुक्त ऋण गारंटी प्रदान की जा सके।

पृष्ठभूमि


किसानों की आय को दोगुना करने की रिपोर्ट में 2022 तक 7,000 एफपीओ के गठन की सिफारिश और ‘किसानों की आय को दोगुना (डीएफआई)’ करने पर बल दिया गया है। केन्द्रीय बजट 2019-20 में सरकार ने 10,000 नये एफपीओ के सृजन की घोषणा की थी कि आगे अगले पांच वर्षों में किसानों के लिए अर्थव्यवस्था के व्यापक लाभ को सुनिश्चित किया जा सके। इसके लिए एक समर्पित सहायता और समग्र योजना के रूप में केन्द्रीय क्षेत्र की योजना को ईपीओ के लक्षित विकास और इसकी दीर्घकालिकता के लिए प्रस्तावित किया गया है।