राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल थी आजाद हिंद सरकार : प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा गठित आज़ाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में 21 अक्टूबर को लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पट्टिका का अनावरण किया। इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मृति कार्यक्रम में संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा, नेताजी के भतीजे चंद्र कुमार बोस, श्री ललती राम, आईएनए के वयोवृद्ध सेनानी और ब्रिगेडियर आर.एस चिक्कारा भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने आज़ाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ के गौरवान्वित अवसर पर देश को बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज़ाद हिंद सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा निर्धारित मजबूत अविभाजित भारत के विज़न का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कहा कि आजाद हिंद सरकार राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल थी, यहां तक कि उसने अपने बैंक, मुद्रा और टिकट भी शुरू कर दिये थे।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि नेताजी एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने शक्तिशाली औपनिवेशिक ब्रिटिश शासन के विरुद्ध लड़ने के लिए भारतीयों को एकजुट किया। उन्होंनें यह भी कहा कि नेताजी ने युवा अवस्था में ही देशभक्ति का प्रदर्शन कर दिया था। उनकी यह भावना अपनी मां को लिखे उनके पत्रों में दिखाई देती थी।

श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नेताजी न केवल भारतीयों के लिए एक प्रेरणा स्रोत थे, बल्कि वे दुनिया भर में उन लोगों के लिए भी प्रेरणा स्रोत थे, जो अपने देशों में आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए लड़ रहे थे। इस संदर्भ में उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला का उल्लेख किया कि वे किस प्रकार नेताजी से प्रेरित थे।

राष्ट्र को यह स्मरण कराते हुए कि सुभाष चंद्र बोस द्वारा कल्पना किए गए नये भारत का निर्माण करने से पहले उन्हें लंबा रास्ता तय करना है। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे नेताजी से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के विकास की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि भारत ने अनेक बलिदानों के बाद आजादी हासिल की है और यह नागरिकों का कर्तव्य है कि वे अपनी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने रानी झांसी रेजिमेंट के गठन के माध्यम से सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसर प्रदान करने की नींव रखी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सच्चे अर्थों में इस विरासत को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने यह भी दोहराया कि महिलाओं को सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन के लिए समान अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

इससे पहले स्वागत भाषण देते हुए संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सलाम करता है, जिनका बलिदान और नेतृत्व हमारी युवा पीढ़ी का लगातार मार्गदर्शन कर रहा है। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री के सक्षम नेतृत्व को धन्यवाद दिया।

सुभाष चंद्र बोस के नाम पर पुलिसकर्मियों को मिलेगा पुरस्कार

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 21 अक्टूबर को ऐलान किया कि आपदा के दौरान राहत एवं बचाव अभियान में बेहतरीन काम करने वाले पुलिसकर्मी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर एक सालाना राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा।

21 अक्टूबर 1943 को सुभाष चंद्र बोस द्वारा भारत की पहली स्वतंत्र सरकार ‘आजाद हिंद सरकार’ के गठन की घोषणा के 75 साल पूरे होने के मौके पर मोदी ने यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हर साल नेताजी के जन्मदिन 23 जनवरी को इस अवॉर्ड की घोषणा की जाएगी। श्री मोदी ने कहा, ‘‘इस साल से हम ऐसे पुलिसकर्मी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर एक अवॉर्ड देंगे, जो किसी आपदा के दौरान लोगों को राहत एवं बचाव के लिए बेहतरीन काम करते हैं।”