भारतीय जनता पार्टी उच्च सदन के द्विवार्षिक चुनावों के परिणामों के साथ 1988 के बाद से राज्यसभा में 100 सीटों के आंकड़े को छूने वाली पहली पार्टी बन गई है। सदन में भाजपा की संख्या बढ़ने के साथ-साथ कांग्रेस की संख्या में गिरावट आई है, क्योंकि कांग्रेस को 2014 के बाद से कई विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। कई राज्यों में लगातार हार ने कांग्रेस की संख्या को और कम कर दिया है और यही कारण है कि इस साल जुलाई तक कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का दर्जा भी खो सकती है।
• राज्यसभा में भाजपा और एनडीए की बढ़ती ताकत के कारण सदन में कानून पारित करवाना आसान हो जायेगा।
• हाल ही में हुए चुनाव में हिमाचल प्रदेश से भाजपा प्रत्याशी डॉ. सिकंदर कुमार निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए। पार्टी के पास अब संसद के उच्च सदन में राज्य की सभी सीटें हैं।
• नागालैंड भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती एस फांगनोन कोन्याक भी उच्च सदन के लिए निर्विरोध चुनी गईं। वह नागालैंड से भाजपा की पहली राज्यसभा सांसद हैं।
• त्रिपुरा भाजपा अध्यक्ष श्री माणिक साहा ने राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट जीती और उच्च सदन में राज्य से भाजपा के पहले सदस्य बने।
• भाजपा और उसकी सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ने असम की दो राज्यसभा सीटों पर जीत हासिल की, जिसके लिए मतदान हुआ था। पहली बार, कांग्रेस का असम से कोई भी सांसद राज्यसभा में नहीं होगा।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद् चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत
राज्य विधानसभा चुनावों में अपनी रिकॉर्ड जीत के कुछ हफ्तों बाद उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के द्विवार्षिक चुनावों में 12 अप्रैल, 2022 को भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ।
राज्य की विधान परिषद् की 100 सीटों और 36 सीटों पर कुछ दिन पहले मतदान हुआ था। इस जीत के साथ भाजपा दशकों बाद उत्तर प्रदेश के दोनों सदनों में बहुमत हासिल करने में कामयाब हुई है।
अखिलेश यादव की विपक्षी समाजवादी पार्टी चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई है। इन चुनावों में मतदाता सांसद, विधायक, शहरी नगरसेवक और प्रधान जैसे ग्राम स्तर के प्रतिनिधि होते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजयी उम्मीदवारों को बधाई देते हुए एक ट्वीट में कहा कि चुनावों में भाजपा की जीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य के लोग राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन के साथ हैं।