नहीं रहे छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम दास टंडन

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                                                                             (जन्म 1927 – निधन 2018)

त्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बलराम दास टंडन का 14 अगस्त को निधन हो गया। उन्होंने रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। श्री टंडन का जन्म एक नवंबर 1927 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय लाहौर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वे निरन्तर सामाजिक और सार्वजनिक गतिविधियों में सक्रिय रहे।

अपने शुरुआती दिनों में वे पंजाब व चंडीगढ़ में न केवल गरीब व जरूरतमंद मरीजों के लिए मुफ्त डिस्पेंसरी चलाई, बल्कि भारत-पाक बंटवारे के समय लोगों के लंगर भी लगाया। श्री टंडन 1951 में जनसंघ से जुड़े और 1953 में अमृतसर में पार्षद बने। उसके बाद वह छह बार विधायक रहे। अमृतसर सेंट्रल विधान सभा क्षेत्र से 1957, 1962, 1967, 1969 और 1977 में विधायक बने। 1997 में वह राजपुरा से चुनाव जीते और तत्कालीन बादल सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री बने। जस्टिस गुरनाम सिंह की पहली गैर कांग्रेसी सरकार में वह 1969-70 में उप-मुख्यमंत्री बने। 1977-79 और 1997-2002 में वह कैबिनेट मंत्री रहे। उन्होंने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाई थी और जेल में रहे। श्री टंडन ने 18 जुलाई 2014 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का पद संभाला।

बलरामजी दास टंडन ने पंजाब की प्रगति और शांति के लिए दशकों तक काम किया : नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन के निधन पर शोक व्यक्त किया। शोक संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं श्री टंडन के निधन से व्यथित हूं। हमने एक सम्मानित जन सेवक खो दिया है। समाज के लिए उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखा जाएगा। दु:ख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और शुभचिंतकों के साथ हैं। श्री बलरामजी दास टंडन ने पंजाब की प्रगति और शांति के लिए दशकों तक काम किया। उद्योग और श्रमिकों के कल्याण के लिए उनके लगाव तथा उनके प्रशासनिक अनुभवों ने राज्य का महत्व बढ़ाया। आपातकाल के विरोध का साहस दिखाने के लिए उनको हमेशा याद किया जाएगा।’

बलराम जी का पूरा जीवन जनसेवा को समर्पित रहा : अमित शाह

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। अपने शोक संदेश में श्री शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं वर्तमान में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बलराम दास टंडन के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। बलराम जी का पूरा जीवन जनसेवा को समर्पित रहा, वे जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। वे पंजाब के उपमुख्यमंत्री व छः बार विधानसभा सदस्य भी रहे, पंजाब में संगठन के विस्तार में भी उनका अहम योगदान रहा।भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बहुआयामी प्रतिभा के धनी श्री टंडन की जीवन-यात्रा काफी प्रभावशाली रही है। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक भी रह चुके हैं। 1969-70 के दौरान वे अकाली दल-जनसंघ सरकार में पंजाब के उप-मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 1977-79 में और 1997-2002 में प्रकाश सिंह बादल के मुख्यमंत्रित्व काल में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य किया। देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्षरत श्री टंडन जी को आपातकाल के दौरान 1975 से 1977 तक जेल की यातना भी सहनी पड़ी थी।श्री शाह ने कहा कि श्री बलराम दास टंडन अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले एक जुझारू नेता के रूप में सदैव याद किये जायेंगे। वे लगातार सामाजिक और सार्वजनिक गतिविधियों में सक्रियता से हिस्सा लेते रहे। समाज सेवा और जनकल्याण कार्य करने की वजह से श्री टंडन पंजाब की जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे। राष्ट्र व संगठन को निःस्वार्थ भाव से अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले बलराम जी का निधन भाजपा के लिए एक अपूर्णीय क्षति है।भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से मैं ईश्वर से स्व. श्री टंडन के परिवार एवं उनके सहयोगियों को इस असीम कष्ट को सहन करने की शक्ति, साहस और धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।