अटलजी को श्रद्धांजलि!

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भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पूरा देश शोक में डूब गया। राजनेताओं से लेकर तमाम क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

अटल जी की कद-गरिमा ने मुझे सार्वजनिक जीवन के प्रति किया आकर्षित : रामनाथ कोविंद

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन को अपने लिए निजी क्षति करार दिया और कहा कि यह वाजपेयी का कद और गरिमा ही थी जिसने उन्हें कानूनी पेशा त्यागकर सार्वजनिक जीवन में आने को आकर्षित किया। वाजपेयीजी के निधन पर शोक जताते हुए राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य को लिखे पत्र में कहा कि उनके साथ काम करना एक अविस्मरणीय अनुभव था।

अटल जी का निधन आपके और घर में अन्य सदस्यों के लिए एक निजी क्षति है। यह मेरे लिए भी एक निजी क्षति है। यह उनका कद और गरिमा थी जिसने मुझे सार्वजनिक जीवन के प्रति आकर्षित किया, क्योंकि मैंने उनका सहकर्मी बनने के लिए कानूनी पेशा त्याग दिया।”

राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद जब मैंने उनसे मुलाकात की तो वह बिस्तर पर थे, लेकिन उनकी आंखों की हलचल से जवाब मिला। मैंने महसूस किया कि उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया है।” राष्ट्रपति ने कहा कि वाजपेयी के निधन से देश के लाखों घरों ने क्षति महसूस की है।

श्री रामनाथ कोविंद ने कहा, “वह हमारे अत्यंत लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री, दुर्लभ विशिष्टता वाले राष्ट्रीय नेता और आधुनिक भारत के राजनेता थे। उन्होंने अपने लंबे और असाधारण सार्वजनिक जीवन में अनगिनत तरीकों से असंख्य लोगों को प्रभावित किया-स्वतंत्रता सेनानी और बुद्धिजीवी के रूप में, लेखक और कवि के रूप में, सांसद और प्रशासक के रूप में और अंतत: प्रधानमंत्री के रूप में। वह भारतीय राजनीति में नवजागरण करने वाले सच्चे व्यक्ति थे।”

राष्ट्रपति ने कहा कि जीवन से भी बड़े हृदय वाले नेता के निधन से हुई क्षति न केवल भारत में, बल्कि विश्व में भी महसूस की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री अटल जी दबाव में भी न झुकने तथा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में निर्णायक नेतृत्व का एक उदाहरण थे। 1998 के परमाणु परीक्षण, 1999 के करगिल युद्ध में विजय, उनकी सरकार में आर्थिक बदलाव, प्रगति एवं विकास-उनका कार्यकाल उपलब्धियों से भरा रहा।

श्री रामनाथ कोविंद ने पत्र में लिखा, “कृपया एक बार फिर मेरी सांत्वना स्वीकार करें और इसे अटल जी के अनगिनत मित्रों तथा प्रशंसकों तक पहुंचाएं। ईश्वर आपको और परिवार के अन्य सदस्यों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति एवं साहस प्रदान करें।”

दक्षेस देशों के नेताओं ने दी विदाई

श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 वर्ष पहले कहा था कि ‘‘आप दोस्त बदल सकते हैं पड़ोसी नहीं’’, और पड़ोसी देशों के साथ उनकी सौहार्दता की झलक तब मिली जब पाकिस्तान सहित दक्षेस देशों के नेता उनके अंतिम संस्कार में उपस्थित हुए। भूटान नरेश जिम्मे खेसर नामायाल वांगचुक, पाकिस्तान के कानून मंत्री अली जाफर, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूह अली और श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरीला सहित कई विदेशी हस्तियों ने नई दिल्ली में वाजपेयीजी के अंतिम संस्कार के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी वाजपेयीजी को मध्य दिल्ली के स्मृति स्थल पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। कई देशों के राजनयिक भी लोकप्रिय नेता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने ‘‘अटल बिहारी अमर रहे’’ के नारों के बीच उन्हें मुखाग्नि दी। पूर्व प्रधानमंत्री ने हमेशा पाकिस्तान सहित पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने के प्रयास किए। वाजपेयी ने 2003 में संसद के अंदर कहा था, ‘‘आप दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं।’’

चीन-भारत संबंधों में वाजपेयी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: चीन

चीन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। वाजपेयीजी को शानदार नेता बताते हुए चीन ने कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘‘भारत के शानदार नेताओं में शामिल वाजपेयी ने चीन-भारत संबंधों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’

यह समाचार बेहद दुःखद है कि अटलजी नहीं रहे। मैं आज सुबह ही उनकी सेहत की जानकारी लेने के लिए एम्स गया था। मैं सोच भी नहीं सकता हूं कि यह दुःखद समाचार इतनी जल्दी मिलेगा। देश में शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने और लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है। बहुमुखी व्यक्तित्व, वाणी और कर्त्तव्यपरायणता के धनी, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा याद किए जाएंगे।
– एम. वेंकैया नायडु, उपराष्ट्रपति

मैं निःशब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटलजी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है। अटलजी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा।
– नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

भारतीय राजनीति के आसमान का तेजस्वी तारा अस्त हो गया। भारत रत्न ही नहीं सचमुच भारत माता के मुकट का एक दैदीप्यमान रत्न, जिसने साहित्य हो या राजनीति, सामाजिक सौहार्द की बात हो या राजनीतिक संयम और सभी दलों के नेताओं को सुरम्य भाषा से प्रभावित कर, एकत्रित कर एक अनूठी मिसाल कायम की।
– सुमित्रा महाजन, लोकसभा अध्यक्ष

अटलजी की उदारता और उनके सख्त राष्ट्रहित निर्णयों का भारत क्या संपूर्ण विश्व गवाह है, क्योंकि ऐसे महापुरुषों को न केवल सुना और देखा गया, बल्कि उनको भारत रत्न से सुशोभित भी किया गया; ‘अटल’ मात्र उनका नाम नहीं; बल्कि उनके व्यक्तित्व की पहचान है।
– हरिवंश नारायण सिंह, उपसभापति, राज्यसभा

अटलजी एक लोकतांत्रिक नेता थे, जो विपक्ष की तर्कसंगत आलोचना करते थे। उनके निधन से दु:खी हूं। एक युग खत्म। भारत ने एक महान् पुत्र खो दिया है। मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।
– प्रणब मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति

उनके निधन से गहरा आघात लगा है; वे अपने दुश्मनों के लिए भी कटु भाषा का इस्तेमाल नहीं करते थे; वे श्रेष्ठ नेता व उच्चकोटि के सांसद थे। वे किसी के मन को कभी चोट नहीं पहुंचाते थे।
– एचडी देवगौड़ा, पूर्व प्रधानमंत्री

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के दुःखद निधन के बारे में पता चला। वह एक शानदार वक्ता, प्रभावी कवि, अद्वितीय लोकसेवक, उत्कृष्ट सांसद और महान् प्रधानमंत्री रहे। वाजपेयी जी आधुनिक भारत के शीर्षस्थ नेताओं में से एक थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया।
– डाॅ. मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री

मैं वाजपेयी जी के कारण ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर पहुंच पाया। मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा ने मुझे समर्थन किया। इसका श्रेय वाजपेयीजी को जाता है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं लोकसभा का अध्यक्ष बन जाऊंगा, लेकिन वाजपेयीजी के कारण मैं लोकसभा का अध्यक्ष भी बना। वाजपेयीजी के व्यक्तित्व का ही नतीजा था कि शिवसेना और भाजपा के बीच गठबंधन लंबे समय तक चल सका।
– मनोहर जोशी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष

उन्होंने अपने तप और अथक परिश्रम से पार्टी को सींच कर एक वटवृक्ष बनाया और भारतीय राजनीति में अमिट छाप छोड़ी। अटलजी एक ऐसे लोकप्रिय राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरे थे जिनका मानना था कि सत्ता सेवा का साधन है और राष्ट्रीय हितों से समझौता किए बगैर उनका राजनीतिक जीवन बेदाग रहा और इसलिए लोगों ने राजनीतिक तथा सामाजिक सीमाओं से परे हटकर उनके प्रति प्यार और सम्मान दिखाया।
– अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष

65 वर्षों का साथ छूट गया। अटलजी को केन्द्र में पहली स्थिर और गैर-कांग्रेसी सरकार के अगुवा के रूप में याद किया जाएगा। मुझे छह साल तक उनके ‘डिप्टी’ के तौर पर काम करने का विशेष अधिकार मिला। वरिष्ठ के रूप में हमेशा मुझे हरसंभसव तरीके से प्रोत्साहित किया।
– लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व उपप्रधानमंत्री

बाल ठाकरे के बाद वाजपेयी के रूप में भीष्म पितामह को खो दिया। वे सत्ता के अहंकार से कोसों दूर थे। एनडीए गठबंधन सरकार में सभी घटक दले को साथ लेकर चले। उनका व्यवहार अभिभावक जैसा थी। उनके निधन से लोकतंत्र और देश की भारी हानि हुई है।
– उद्धव ठाकरे, अध्यक्ष, शिवसेना

अटलजी को मित्र कहते हुए मुझे सम्मान महसूस होता है। उनके राजनीति से अलग होने के बाद भी मैं उनके आवास पर जाता रहा।
-दलाई लामा, बौद्ध धर्मगुरु

वह एक निर्णायक नेता थे जो सभी को स्वीकार्य थे। अपने विचारों और आचरण से उन्होंने सार्वजनिक जीवन में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को स्थापित किया। वह कर्मठ, निर्णायक नेता थे जो सभी को स्वीकार्य थे। उनके जैसे नेता के निधन से जो शून्य पैदा हुआ है, उसे भरना आसान नहीं होगा।
– मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर हम सभी दु:खी हैं। गजब के हास्यबोध और करुणा भाव रखने वाले वह महान् नेता थे। उन्हें लोग हमेशा याद रखेंगे।
– रतन एन टाटा, सुप्रसिद्ध उद्योगपति

अटलजी अप्रतिम आकर्षण वाले राष्ट्रीय नेता थे जिन्हें विभिन्न वैचारिक दलों से भी बराबर सम्मान मिला। उनके साथ मेरी कई यादगाार वार्ताएं हुईं। किसी भी उदीयमान नेता के लिए वह आदर्श हैं।
– श्री श्री रविशंकर

वाजपेयी जी एक कालजयी, आजातशत्रु, दूरद्रष्टा, सर्व समादेशी, अप्रतिम प्रधानमंत्री थे। उनको मैंने योग भी सिखाया और उनसे बहुत कुछ सीखा भी। उनका महाप्रयाण एक युग के अंत जैसा है।
– स्वामी रामदेव, योगगुरू

अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन से बहुत दुःखी हूं। वह हमारे राष्ट्रीय जीवन में एक विशाल व्यक्तित्व थे। वह पूरा जीवन लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खड़े रहे और एक सांसद, केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री के तौर पर उनके हर काम में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता परिलक्षित हुई।
– सोनिया गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष

आज भारत ने अपने एक महान् सपूत को खो दिया। अटल बिहारी वाजपेयी को करोड़ों लोग चाहते थे। हम लोग हमेशा उन्हें याद करेंगे। लाखों-करोड़ों लोग अटलजी से प्रेम और उनका सम्मान करते थे।
– राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष

हमने एक महान् नेता खो दिया। उनके निधन से मेरी व्यक्तिगत क्षति हुुई है। हमने उनके साथ संसद में कई साल साथ बिताए। वाजपेयीजी का निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
– शरद पवार, अध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस

अटलजी का भाषण सुनने का विरोधी दलों के नेताओं को भी इंतजार रहता था। सभी उनका सम्मान करते थे। अटलजी का स्नेह सबको राजनीति से ऊपर उठकर मिलता था। अटलजी में जरा भी घमंड न था; उनका निधन अपूरणीय क्षति है।
– मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

वाजपेयी एक ऐसे व्यक्ति थे जिनकी विशेषताओं की तुलना शब्दों में नहीं की जा सकती है। वे ओजस्वी कवि, नेता और कुशल प्रशासक थे।
– शरद यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री

कवि मन वाले अटल बिहारी वाजपेयी के सार्वजनिक जीवन में योगदान को हमेशा ही याद किया जाएगा। वह देश के एक ऐसे नेता थे जो पार्टी हित से ऊपर उठकर समाज के हित में सोचते थे।
– मायावती, बसपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

एक महान जीवन का अंत लेकिन एक प्रेरणा जो सदा जीवित रहेगी। ऐसे विराट व्यक्तित्व के स्वामी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
– अखिलेश यादव, सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

अटलजी का जाना राजनीति में एक महायुग का अवसान है। एक अपूरणीय क्षति है। अटलजी के स्वर्गवास से भारत मां ने एक अपना महान् सपूत खो दिया है। अटलजी के निधन से राष्ट्र को जो क्षति हुई है उसकी भरपायी होना कठिन है।
– योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया; वह योद्धा थे। वह प्रेरणा थे। वह हमारे बीच नहीं रहे, इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।
– शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश

अटलजी हमारे बीच नहीं रहे। मैंने जिन नेताओं को देखकर राजनीति की सीढ़ियां चढ़ीं, उनमें से वाजपेयी एक थे।
देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र

अटलजी के निधन से राष्ट्र को हुई क्षति अपूरणीय है। श्री अटल बिहारी वाजपेयी एक उच्चकोटि के राजनैतिक चिंतक व विचारक थे। उनमें अपने राजनैतिक विरोधियों को भी साथ लेकर चलने की क्षमता थीं। उनके व्यंग्य व हास्य में भी प्रेरणा मिलती थी। वे हमेशा समाज के भविष्य की सोचते थे।
– मनोहरलाल खट्टर, मुख्यमंत्री, हरियाणा

जन-जन के प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन से पूरा देश स्तब्ध है। भारत माता के मुकुट का एक प्रदीप्त रत्न खोया है। ईश्वर से प्रार्थना है अटलजी की आत्मा को शांति प्रदान करें।
– त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

भारत ने अपने सबसे बड़े नेता को खो दिया है।
– नवीन पटनायक, मुख्यमंत्री, ओडिशा

अटलजी के रूप में देश ने सबसे बड़ी राजनीतिक शख्सियत के साथ ही प्रख्यात वक्ता, कवि, लेखक, चिंतक, विचारक और करिश्मायी व्यक्तित्व को खो दिया है। वाजपेयी उच्च राजनीतिक मूल्यों एवं आदर्शों की बदौलत सार्वजनिक जीवन में उच्च शिखर पर पहुंचे। उनमें अपने व्यक्तित्व के बदौलत राजनीतिक सीमाओं से परे सभी विचारधारा के लोगों को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी और जीवन में लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोपरि रखा।
– नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

मैं बहुत दु:खी हूं कि महान् राजनेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयीजी हमारे बीच नहीं रहे। उनका निधन हमारे राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं उनसे जुड़ी यादों को हमेशा संजोकर रखूंगी। उनके परीवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।
– ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

मुझे बहुत दु:ख है, यह देश के लिए बड़ा नुकसान है।
– अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली

ऋषिनुमा अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की खबर सुनकर अत्यंत दु:ख हुआ। वह मेरे लिए पिता समान थे। मैं इस समय उतनी ही दु:खी हूं, जितनी मैं अपने पिता के गुजर जाने के समय थी।
– लता मंगेशकर, सुप्रसिद्ध गायिका

महान् राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुु:ख हुआ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।
– रजनीकांत, प्रख्यात अभिनेता

एक कवि, एक लेखक, एक प्रबुद्ध मन और दयालु शख्स इस दुनिया से रूखसत हो गए हैं। वह मेरे पिता और उनके कामों के प्रशंसक थे और ऐसे कई अवसर रहे, जब मैं दोनों की मुलाकात के दौरान मौजूद रहा। मेरे पिता अटलजी को तब से जानते थे, जब वह (अटलजी) छात्र थे। वह अटलजी की वाक्शैली और सज्जनता से बेहद प्रभावित थे। उनकी भाषण कला बेजोड़ थीं और शब्दों का उपयोग शानदार था।
– अमिताभ बच्चन, सुप्रसिद्ध अभिनेता

अटल बिहारी वाजपेयी का दुनियाभर में बड़ा सम्मान था। उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने दोनों देशों के बीच दोस्ताना और गौरवपूर्ण रणनीतिक साझेदारी में व्यक्तिगत तौर पर बड़ा योगदान दिया।
– ब्लादिमीर पुतिन, राष्ट्रपति, रूस

राष्ट्रीय क्षति के इस समय मैं भारत की जनता और सरकार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।
-अब्दुल्ला यामीन, राष्ट्रपति, मालदीव

मुझे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की खबर सुनकर बड़ा दु:ख हुआ। भगवान दिवंगत अटल बिहारी वााजपेयी की आत्मा को शांति प्रदान करें।
-के़ पी़ शर्मा ओली, प्रधानमंत्री, नेपाल

अटलजी के रूप में भारत ने एक महान बेटा खो दिया, लेकिन उनकी विरासत जिंदा रहेगी, इस दुःख की घड़ी में वह भारतीय जनता के साथ हैं और अटलजी की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। अटलजी मॉरिशस के प्रथम प्रधानमंत्री शिवसागर रामगुलाम के अच्छे दोस्त थे। न सिर्फ अच्छे नेता, बल्कि अच्छे कवि भी थे। अटलजी संस्कृति से जुड़े ऐसे इंसान थे, जिनमें दूसरों के लिए बहुत करुणा थी। उन्होंने कभी उसूलों से समझौता नहीं किया और न ही कभी कटुता दिखाई।
– डॉ. नवीन रामगुलाम, पूर्व प्रधानमंत्री, मॉरिशस

वाजपेयी ने अपने साहसी नेतृत्व और आम आदमी के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति से भारत को दिशा प्रदान की। वाजपेयी के सम्मान में मॉरिशस के भवनों पर भारतीय ध्वज के साथ मॉरिशस का ध्वज भी आधा झुका रहेगा।
– प्रविंद कुमार जगन्नाथ, प्रधानमंत्री, मॉरिशस

आज हम सबने एक महान मानववादी और श्रीलंका के एक सच्चे मित्र को खो दिया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक दूरदर्शी नेता और लोकतंत्र के रक्षक थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार एवं पूरी दुनिया में उनके लाखों प्रशंसकों के साथ हैं।
– सिरिसेना, प्रधानमंत्री, श्रीलंका

वे भारत के महान सपूतों में से एक थे और आम लोगों से जुड़े मुद्दों को रेखांकित करने तथा सुशासन में उनके योगदान को सदैव याद रखा जायेगा। भारत के महान सपूतों में से एक, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दु:खद निधन से हम स्तब्ध हैं।
– शेख हसीना, प्रधानमंत्री, बांग्लादेश

वाजपेयी ने बहुत पहले ही पहचान कर ली थी कि भारत-अमेरिका के बीच साझेदारी दुनिया में आर्थिक समृद्धि और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों लोकतंत्र आज भी उनकी इस दूर-दृष्टि से लाभान्वित हो रहे हैं। भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने वाजपेयी के योगदानों की दिशा में भारतीय आगे बढ़ेंगे।
– माइक पोम्पिओ, अमेरिकी विदेशी मंत्री

उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध में ‘बदलाव’ लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और विकास के लिए क्षेत्रीय सहयोग का वह लगातार समर्थन करते रहे। भारत-पाकिस्तान के बीच शांति बहाली के लिए उनके प्रयासों को हमेशा याद रखा जाएगा। वाजपेयी एक लोकप्रिय नेता थे जिन्होंने भारत-पाक के संबंधों में बदलाव लाने में योगदान दिया।
– इमरान खान, प्रधानमंत्री, पाकिस्तान