एक युग का अंत

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   नहीं रहे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी

भारत रत्न और तीन बार प्रधानमंत्री रहे श्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त को शाम 5.05 बजे निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। वे दो महीने से एम्स में भर्ती थे।

अटलजी को देखने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु, लोकसभाध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, पूर्व उपप्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह, श्रीमती सुषमा स्वराज, श्रीमती स्मृति ईरानी, श्री सुरेश प्रभु, श्री जेपी नड्डा, श्री रामविलास पासवान, डॉ. हर्षवर्धन, श्री जितेंद्र सिंह, श्री अश्वनी कुमार चौबे, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री श्री फारुख अब्दुल्ला, श्रीमती वसुंधरा राजे, श्री शिवराज सिंह चौहान, दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया, बसपा प्रमुख सुश्री मायावती सहित अनेक वरिष्ठ नेतागण एम्स पहुंचे। यहां से उनका पार्थिव शरीर उनके निवास कृष्ण मेनन मार्ग पर लाया गया। यहां पर पूर्व प्रधानमंत्री का शव उनके निवास स्थान पर तिरंगे में लपेटा गया। यहां पर लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

विदित हो कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित शिंदे की छावनी में हुआ था। अटलजी के पिता का नाम श्री कृष्ण बिहारी वाजपेयी और मां का नाम श्रीमती कृष्णा वाजपेयी था। अटलजी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। वे 1968 से 1973 तक भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। श्री वाजपेयी 10 बार लोक सभा के सांसद रहे। वहीं वे दो बार 1962 और 1986 में राज्यसभा के सांसद भी रहे। सन् 1957 से 1977 तक वे लगातार बीस वर्षों तक जन संघ के संसदीय दल के नेता रहे। उन्होंने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष किया। आपातकाल के बाद देश की जनता द्वारा चुनी गयी मोरारजी देसाई जी की सरकार में वे विदेश मंत्री बने। सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए विचारधारा की राजनीति करने वाले श्री वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद पहले अध्यक्ष बने। उन्होंने तीन बार 1996, 1998-99 और 1999-2004 में प्रधानमंत्री के रूप में देश का प्रतिनिधित्व किया।

आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए 17 अगस्त की सुबह से ही कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास पर लोगों की लंबी कतारें लग गई थीं। अटलजी के प्रशंसक उनके अंतिम दर्शन करने के लिए अलग-अलग राज्यों से आए हुए थे। कोई सीधे रेलवे स्टेशन से पहुंचा तो कोई सीधे एयरपोर्ट से उनके आवास पर पहुंचा। आवास पर प्रशंसकों की तादाद इतनी अधिक हो गई कि बहुत से लोगों को बिना अंतिम दर्शन के ही वापस जाना पड़ा।
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडु, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, श्री लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह, श्रीमती सुषमा स्वराज, श्री सुरेश प्रभु, श्री रविशंकर प्रसाद, श्री धर्मेंद्र प्रधान, श्री किरन रीजिजू, श्री कलराज मिश्रा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री कृष्ण गोपाल, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपानी, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री बिप्लव कुमार देव, असम के राज्यपाल श्री जगदीश मुखी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव, कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी, कांग्रेस नेता श्री दिग्विजय सिंह, कर्नाटक के मुख्य‍मंत्री श्री एचडी कुमारस्वामी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडु, दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल, फिल्म अभिनेत्री श्रीमती शबाना आजमी, शायर श्री जावेद अख्तर, हास्य कवि श्री सुरेंद्र शर्मा सहित अनेक विशिष्टजनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

अंतिम यात्रा में देश भर से उमड़े लोग

17 अगस्त को अटलजी के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को वाहनों के काफिले के साथ उनके आवास से अकबर रोड, इंडिया गेट होते हुए दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय लाया गया। यहां सभी दलों के नेता, बॉलीवुड अभिनेता से लेकर आम लोगों ने अपने प्रिय नेता अटलजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां जाति, धर्म, संप्रदाय, बोली या पार्टी को छोड़कर सब लोग भाइचारे की मिसाल कायम करते हुए अपने प्रिय नेता को विदाई दी।
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, शिवसेना प्रमुख श्री उद्धव ठाकरे, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडु, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक, जम्मू–कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस नेता श्री गुलाम नबी आजाद, श्री मल्लिकार्जुन खड़गे एवं श्री आनंद शर्मा, लोकसभा डिप्टी स्पीकर श्री एम. थंबीदुरई, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री ए. राजा, एमडीएमके प्रमुख वाइको, तृणमूल कांग्रेस नेता श्री दिनेश त्रिवेदी, सेना प्रमुख श्री बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख श्री सुनील लंबा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोवाल सहित अनेक विशिष्टजनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही विदेशी गणमान्य व्यक्तियों में भूटान के राजा श्री जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, अफगानिस्तन के राष्ट्रपति श्री हामिद करजई, नेपाल के विदेश मंत्री श्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली, श्रीलंका के कार्यकारी विदेश मंत्री श्री लक्ष्मण किरिएला एवं बंगलादेश के विदेश मंत्री श्री अबुल हसन मोहम्मद अली ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। दीनदयाल उपाध्याय मार्ग ‘अटलजी अमर रहे’ ‘भारत की माता की जय’ आदि के नारों से गुंजित होता रहा।

मुख्यालय के बाहर स्क्रीन

भारी भीड़ के चलते कई वरिष्ठ नेताओं से लेकर आम लोग अटलजी के अंतिम दर्शन नहीं कर सके। भीड़ को ध्यान में रखते हुए मुख्यालय के बाहर स्क्रीन लगाई गई थी, जहां लाइव चल रहा था। देश के कोने-कोने से पहुंचे लोग इसी स्क्रीन के आगे फूलों के गुलदस्ते रखकर अटलजी को श्रद्धांजलि देते दिखे। दोपहर 2 बजे पार्टी मुख्यालय से फूलों से सजा सैन्य ट्रक धीरे-धीरे आगे बढ़ता चला आ रहा था। पीछे-पीछे लोगों का हुजूम था। अंतिम यात्रा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह सहित तमाम मुख्यमंत्री और मंत्री 6 किलोमीटर तक पैदल ही स्मृति स्थल तक गए। इनके पीछे करीब एक किलोमीटर लंबा काफिला भी था, लेकिन वाहनों की कतार से ज्यादा लोगों का सैलाब दिखाई दे रहा था।

गुलाब की पंखुड़ियों से सजाया मार्ग

अंतिम यात्रा मार्ग को गुलाब की पंखुड़ियों से सजा दिया गया था। पुष्पवर्षा के जरिए लोगों ने श्रद्धांजलि भी दी। सड़कों के दोनों छोर पर लगे बड़े-बड़े होर्डिंग में अटलजी की तस्वीरें नजर आ रहीं थी। साथ में लिखा था, मैं जी भर जिया, मैं मन से मरुं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरुं…। वहीं कुछ होर्डिंग पूर्व प्रधानमंत्री को शत-शत नमन के लिए भी थे। भीड़ में भी अटल जी की तस्वीरें दिखाई दे रही थीं। लोग हाथों में कटआउट लेकर दौड़ते जा रहे थे।

मदरसों के बच्चों ने की पुष्प वर्षा

आईटीओ से बहादुरशाह जफर मार्ग पर कोटला का तिराहा पार करते ही मस्जिद के बाहर मौजूद मदरसों के बच्चों ने गुलाब की पुष्पवर्षा की। इसके बाद अंतिम यात्रा दिल्ली गेट पहुंची और वहां से राष्ट्रीय स्मृति स्थल पहुंची। करीब छह किलोमीटर लंबे इस सफर को तय करने के बाद भी लोगों का हुजूम कम नहीं हुआ था।

स्मृति स्थल पर सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व़ अटल बिहारी वाजपेयी को सलामी दी। इस दौरान राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडु, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी, डॉ़ मुरली मनोहर जोशी सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित थे।
अटलजी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के राजघाट के पास स्थित स्मृति स्थल में सम्पन्न हुआ। अटलजी द्वारा गोद ली गई बेटी नमिता ने उन्हें मुखाग्नि दी। राष्ट्र ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

हरिद्वार में गंगा में लीन हुईं अटल की अस्थियां

देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां 19 अगस्त को हरिद्वार में गंगा में विसर्जित कर दी गईं। इससे पहले दिल्ली से अस्थि कलश पहुंचने पर भल्ला कॉलेज ग्राउंड से हर की पौड़ी तक दो किलोमीटर लंबी यात्रा निकाली गई थी।

इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। इस अस्थि कलश यात्रा में भाजपा के कार्यकर्ताओं समेत हजारों लोग शामिल थे।