‘बच्चे नए भारत के निर्माण के सबसे महत्वपूर्ण हीरो’

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान कहा कि बच्चे नए भारत के निर्माण के सबसे महत्वपूर्ण हीरो हैं, नायक हैं। आपकी चिंता सही है कि पहले जो बीमारियां बड़ी उम्र में आती थीं, जीवन के अंतिम पड़ाव के आस-पास आती थीं – वह आजकल बच्चों में भी दिखने लगी हैं। आज बड़ा आश्चर्य होता है, जब सुनते हैं कि बच्चे भी मधुमेह से पीड़ित हो रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि युवा उम्र में इस तरह की बीमारियों से ग्रस्त होने का एक प्रमुख कारण है – हमारी जीवन शैली में शारीरिक गतिविधि की कमी और हमारे खान-पान के तरीक़ों में बदलाव। समाज और परिवार को इस चीज़ पर ध्यान देने की ज़रुरत है।

उन्होंने कहा कि योग, विशेष रूप से हमारे युवा मित्रों को एक स्वस्थ जीवन शैली बनाये रखने और लाइफस्टाइल डिसऑर्डर से बचाने में मददगार सिद्ध होगा। स्कूल से पहले 30 मिनट का योग, देखिए कितना लाभ देगा! घर में भी कर सकते हैं और योग की विशेषता भी तो यही है – वो सहज है, सरल है, सर्व-सुलभ है और मैं सहज है, इसलिए कह रहा हूं कि किसी भी उम्र का व्यक्ति आसानी से कर सकता है। सरल इसलिए है कि आसानी से सीखा जा सकता है और सर्व-सुलभ इसलिए है कि कहीं पर भी किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आधुनिक अखण्ड भारत की नींव सरदार वल्लभ भाई पटेल ने ही रखी थी। भारत मां की उस महान संतान की असाधारण यात्रा से आज हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। 31 अक्तूबर को श्रीमती इंदिरा गांधी भी इस दुनिया को छोड़ करके चली गईं। सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशेषता ये थी कि वे न सिर्फ़ परिवर्तनकारी विचार देते थे, लेकिन वे, इसको कर दिखाने के लिए जटिल-से-जटिल समस्या का व्यावहारिक हल ढूंढने में क़ाबिल थे। विचार को साकार करना, उसमें उनकी महारत थी।

श्री मोदी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत को एक सूत्र में पिरोने की बागडोर संभाली। ये सुनिश्चित किया कि करोड़ों भारतवासियों को ‘एक राष्ट्र और एक संविधान’ की छत्रछाया में लाया जाए। उनके निर्णय क्षमता ने उन्हें सारी बाधाओं को पार करने का सामर्थ्य दिया। जहां मान-मनौवल की आवश्यकता थी, वहां उन्होंने मान-मनौवल किया; जहां बल-प्रयोग की आवश्यकता पड़ी, वहां बल-प्रयोग किया। उन्होंने एक उद्देश्य निश्चित कर लिया और फिर केवल उसी ओर पूरी दृढ़ता के साथ वो बढ़ते ही गए, बढ़ते ही गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को एक करने का ये कार्य सिर्फ़ वही कर सकते थे, जिन्होंने एक ऐसे राष्ट्र की परिकल्पना की जहां सभी लोग समान हों। उन्होंने कहा था और मैं चाहूंगा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की बात सदा-सर्वदा हम लोगों के लिए प्रेरणा देने वाली हैं। उन्होंने कहा था – “जाति और पंथ का कोई भेद हमें रोक न सके, सभी भारत के बेटे और बेटियां हैं, हम सभी को अपने देश से प्यार करना चाहिए और पारस्परिक प्रेम और सद्भावना पर अपनी नियति का निर्माण करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी, सिक्खों के पहले गुरु ही नहीं, बल्कि वो जगत-गुरु हैं। उन्होंने पूरी मानवता के कल्याण के बारे में सोचा, उन्होंने सभी जातियों को एक समान बताया। महिला सशक्तिकरण एवं नारी सम्मान पर ज़ोर दिया था। गुरु नानक देव जी ने पैदल ही 28 हज़ार किलोमीटर की यात्रा की और अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने सच्ची मानवता का सन्देश दिया। उन्होंने लोगों से संवाद किया, उन्हें सच्चाई, त्याग और कर्म-निष्ठा का मार्ग दिखाया। उन्होंने समाज में समानता का सन्देश दिया और अपने इस सन्देश को बातों से ही नहीं, अपने कर्म से करके दिखाया। उन्होंने लंगर चलाया जिससे लोगों में सेवा-भावना पैदा हुई। इकट्ठे बैठकर लंगर ग्रहण करने से लोगों में एकता और समानता का भाव जागृत हुआ।
श्री मोदी ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने सार्थक जीवन के तीन सन्देश दिए– परमात्मा का नाम जपो, मेहनत करो- काम करो और ज़रुरतमंदों की मदद करो। गुरु नानक देव जी ने अपनी बात कहने के लिए ‘गुरबाणी’ की रचना भी की। आने वाले वर्ष 2019 में, हम गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश वर्ष मनाने जा रहे हैं। आइए, हम उनके सन्देश और शिक्षा के मार्ग पर आगे बढ़ने की कोशिश करें।