डेयरी क्षेत्र में महिलाओं का योगदान लगभग 60 प्रतिशत है : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री ने 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस को किया संबोधित

पिछले 9 वर्षों में सिर्फ उर्वरक सब्सिडी पर 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक जुलाई को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस को संबोधित किया। 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस का मुख्य विषय ‘अमृत काल: जीवंत भारत के लिए सहयोग के माध्यम से समृद्धि’ है। श्री मोदी ने सहकारी विपणन, सहकारी विस्तार और सलाहकार सेवा पोर्टल के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट के ई-पोर्टल लॉन्च किए।

उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सभी को बधाई दी और कहा कि देश ‘विकसित और आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की दिशा में अग्रसर है। श्री मोदी ने भारत को दुनिया का अग्रणी दूध उत्पादक देश बनाने में डेयरी सहकारी समिति के योगदान और भारत को दुनिया के शीर्ष चीनी उत्पादक देशों में से एक प्रमुख देश बनाने में सहकारी समितियों की भूमिका का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि डेयरी क्षेत्र में महिलाओं का योगदान लगभग 60 प्रतिशत है। इसलिए सरकार ने विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहकारी क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने का फैसला किया। इसलिए पहली बार एक अलग मंत्रालय का गठन किया गया था और सहकारी समितियों के लिए बजट का आवंटन किया गया।

इस आयोजन से बड़ी संख्या में जुड़े किसानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 9 वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए किए गए उपायों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अतीत में किसान बिचौलियों के चुंगल में फंसे थे, अब करोड़ों किसानों को सीधे उनके खातों में किसान सम्मान निधि मिल रही है। पिछले 4 वर्षों में पारदर्शी माध्यम से इस योजना के तहत 2.5 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। श्री मोदी ने बताया कि पिछले 9 वर्षों में सिर्फ उर्वरक सब्सिडी पर 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा, एशिया प्रशांत के लिए अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री दिलीप संघानी भी उपस्थित थे।

छोटे वर्ग की आजीविका के लिए सहकारिता क्षेत्र में बहुत काम हुआ है : अमित शाह

17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने एक जुलाई को कहा कि भारत में सहकारिता आंदोलन आज़ादी से भी पहले लगभग 115 साल पुराना है और आज़ादी के बाद से ही सहकारिता क्षेत्र से जुड़े कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांग थी कि एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया जाए।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 75 सालों से लंबित अलग सहकारिता मंत्रालय की मांग को पूरा करते हुए एक स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय बनने और प्रधानमंत्री जी का सीधा मार्गदर्शन मिलने से सहकारिता के क्षेत्र में कई बदलाव संभव हुए हैं।

उन्होंने कहा कि कृषि ऋण वितरण में लगभग 29 प्रतिशत हिस्सा सहकारिता क्षेत्र का है, उर्वरक वितरण में 35 प्रतिशत, उर्वरक उत्पादन में 25 प्रतिशत, चीनी उत्पादन में 35 प्रतिशत, स्पिंडल के क्षेत्र में लगभग 30 प्रतिशत, दूध की खरीद, बिक्री और उत्पादन में लगभग 15 प्रतिशत, गेहूं की खरीद में 13 प्रतिशत, धान की खरीद में 20 प्रतिशत हिस्सा सहकारिता क्षेत्र का है।

श्री शाह ने कहा कि इनके अलावा कई क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटीज़, हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसायटीज़, मत्स्य उत्पादन समितियां और सहकारी बैंक के माध्यम से विशेषकर छोटे वर्ग की आजीविका के लिए सहकारिता क्षेत्र में बहुत काम हुआ है।