लोकंतत्र हमारी रगों में है, हमारी परंपरा में हैः नरेंद्र मोदी

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मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 7 फरवरी को लोक सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि लोकंतत्र हमारी रगों में है, हमारी परंपरा में है, जबकि कांग्रेस ने भारत का विभाजन किया और ऐसा जहर बोया, जिसके कारण आजादी के 70 साल बाद भी एक दिन ऐसा नहीं गुजरता कि उस पाप की सजा सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी न भुगतते हों। यहां प्रस्तुत है उनके संबोधन का सारांशः

माननीय राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर उन्हें आभार व्यक्त करते हुए कुछ बातें जरूर करना चाहूंगा। करीब 34 माननीय सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए। किसी ने पक्ष में कहा, किसी ने विपक्ष में कहा, लेकिन एक सार्थक चर्चा इस सदन में हुई। राष्ट्रपति जी का अभिभाषण किसी दल का नहीं होता है। देश की आशा-आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति का और उस दिशा में हो रहे कार्यों का एक आलेख होता है। उस दृष्टि से राष्ट्रपति जी के अभिभाषण का सम्मान होना चाहिए। सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना कितना उचित है?

हमारे देश में तीन नए राज्यों की रचना आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भी की थी। नेतृत्व अगर दूरदृष्टा हो, राजनीतिक स्वार्थ की हड़बड़ाहट में निर्णय नहीं होते हों तो कितने स्वस्थ निर्णय होते हैं, इसका उदाहरण तीन राज्यों के निर्माण के समय दिया था, जिसका आज देश अनुभव कर रहा है। जब कांग्रेस दल ने भारत का विभाजन किया और जो जहर बोया, आज आजादी के 70 साल बाद भी एक दिन ऐसा नहीं जाता कि आपके उस पाप की सजा सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी न भुगतते हों।

लोकंतत्र हमारी रगों में है, हमारी परंपरा में है। हाल ही में चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने कहा था कि जहांगीर की जगह पर शाहजहां आए, शाहजहां की जगह पर औरंगजेब आए। क्या वहां चुनाव हुआ था, उनके यहां भी आ गए। फिर भी आप लोकतंत्र की बात करते हैं। कांग्रेस पार्टी के एक पूर्व प्रधान मंत्री ने हैदराबाद के एअरपोर्ट पर एक दलित मुख्यमंत्री को, एक चुने हुए जन प्रतिनिधि को खुले आम अपमानित किया था।

कांग्रेस पार्टी द्वारा इस देश में 90 से अधिक बार धारा 356 का दरुपयोग करते हुए राज्य सरकारों को हटाया गया। कांग्रेस पार्टी ने लोकतंत्र में जब आत्मा की आवाज उठती है तो लोकतंत्र को दबोचा जाता है। इस संबंध में श्री नीलम संजीव रेड्डी का उदाहरण स्पष्ट है। इसलिए कृपा करके कांग्रेस हमें लोकतंत्र का पाठ न पढ़ाए। जब देश में कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए चुनाव हुआ तो उस समय पंद्रह कांग्रेस कमेटिया थीं, उसमें से बारह कांग्रेस कमेटियों ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को चुना था और तीन कमेटियों ने किसी को भी वोट नहीं देने का निर्णय किया था, उसके बावजूद भी नेतृत्व सरदार वल्लभ भाई पटेल को नहीं दिया गया। वह कौन सा लोकतंत्र था? अगर देश के पहले प्रधान मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल होते तो मेरे कश्मीर का यह हिस्सा आज पाकिस्तान के पास नहीं होता।

क्या कारण था कि पिछली सरकार ने हर रोज 11 किलोमीटर नेशन हाईवे बनते थे, आज एक दिन में 22 किलोमीटर नेशनल हाईवेज बन रहे हैं। पिछली सरकार के आखिरी 3 सालों में 80 हजार किलोमीटर सड़कें बनीं। हमारी सरकार के 3 साल में 1 लाख 20 हजार किलोमीटर सड़कें बनीं। पिछली सरकार के आखिरी 3 वर्षों में लगभग 1100 किलोमीटर नई रेल लाइन का निर्माण हुआ। सरकार के इन तीन वर्षों में 2100 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण हुआ। पिछली सरकार के आखिरी 3 वर्षों में 2500 किलोमीटर रेल लाइन का बिजलीकरण हुआ, इस सरकार के 3 सालों में 4300 किलोमीटर से ज्यादा का काम हुआ।

मैं गर्व से कह सकता हूं, देश में आज सबसे लंबी सुरंग, सबसे लंबी गैस पाइप लाइन, सबसे लम्बा समुद्र के अंदर ब्रिज, सबसे तेज ट्रेन, सारे निर्णय यही सरकार कर सकती है और समय सीमा में आगे बढ़ा रही है। इसी काल खंड में 104 सैटेलाइट छोड़ने का कार्य भी हो रहा है। रोजगारी और बेरोजगारी के आधार पर आलोचना करने वालों से मैं पूछना चाहता हूं कि वे जब बेरोजगारी का आंकड़ा देते हैं तो बेरोजगारी का आंकड़ा पूरे देश का देते हैं। अगर बेरोजगारी का आंकड़ा पूरे देश का है तो रोजगारी का आंकड़ा भी पूरे देश का होना चाहिए।

पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा और केरल की सरकारों का दावा है कि वहां करीब-करीब एक करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। क्या आप उनको भी इन्कार करेंगे? सभी जानते हैं कि ईपीएफ में एक साल में 70 लाख नए नाम रजिस्टर हुए हैं और ये 18 से 25 साल के नौजवान हैं, क्या यह रोजगार नहीं है? प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 10 करोड़ से ज्यादा लोन की स्वीकृति हुई है। 10 करोड़ की लोन स्वीकृति में कहीं बीच में कोई दलाल आया, उसकी कोई शिकायत नहीं है। यह इस सरकार के वर्क कल्चर का परिणाम है। इसमें तीन करोड़ लोग बिल्कुल नए उद्यमी हैं। क्या यह भारत की रोजगारी बढ़ाने का काम नहीं हो रहा है, लेकिन उन्होंने आंखें बंद करके रखी हैं। यह मानसिकता उन्हें वहीं रहने देगी। अस्सी के दशक में 21वीं सदी के सपने दिखाए जाते थे।
21वीं सदी की बात करने वाली सरकार इस देश में ऐवीएशन पॉलिसी तक नहीं ला पाई। हमने एक ऐवीएशन पॉलिशी बनाई और छोटे-छोटे शहरों में जो छोटी-छोटी हवाई पट्टियां पड़ी हुईं थीं, उनका हमने उपयोग किया और 16 नई हवाई पट्टियों पर जहाज आना-जाना शुरू हो गया, 80 से ज्यादा एवीएशन के लिए संभावनाएं पड़ी हुई हैं।

चार करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने की सौभाग्य योजना हम लाए हैं। वे कहेंगे कि लोगों के घरों में बिजली देने की योजना उनके समय की है, लेकिन 18 हजार गांवों में खम्भे तक नहीं लगे थे और लोग बिना बिजली के जीने को मजबूर हुए थे और वे कह रहे हैं कि यह उनकी योजना है। ट्रांसफॉर्मर कैपेसिटी पिछले तीन सालों में हमने बढ़ायी है। कश्मीर से कन्याकुमारी, कच्छ से कामरूप निर्बाध रूप से बिजली का ट्रांसमिशन करने के लिए नेटवर्क हमने खड़ा कर दिया है। पॉवर डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम को मजबूत करने के लिए वर्ष 2015 में उज्जवल डिसकॉम एश्योरेंस योजना यानी ‘उदय’ योजना की शुरुआत की गई है और राज्यों के साथ एमओयू करके इसे आगे बढ़ाया गया है।

बिजली डिस्ट्रिब्यूशन कम्पनियों में बेहतर ऑपरेशन और फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित हो, हमने इस पर बल दिया है। घर में बिजली पहुंचाने के लिए सौभाग्य योजना लांच की गई है। दूसरी तरफ बिजली का काम किया गया है। हमने 28 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे। इससे मध्यम वर्ग को लाभ हुआ है। हमने वेस्टेज ऑफ टाइम को भी बचाया है और वेस्टेज ऑफ मनी को भी रोकने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए हैं। आजादी के 70 वर्षों के बाद भी हमारे देश के किसान, जो फसलों का उत्पादन करते हैं, सप्लाई चेन में कमी के कारण ये सम्पदाएं बर्बाद हो जाती हैं। हमने प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना शुरू की। हम उस इंफ्रास्ट्रक्चर पर बल दे रहे हैं कि किसान जो भी उत्पादन करता है, उनके लिए रख-रखाव की व्यवस्था मिले। सरकार ने सप्लाई चेन में नए इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने के लिए मदद करने का फैसला किया है।