नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत दशकों बाद कम हुए अशांत क्षेत्र

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असम के 23 जिलों को पूर्ण रूप से और 1 जिले को आंशिक रूप से ‘आफ्स्पा’ के प्रभाव से हटाया जा रहा है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों से उत्तर-पूर्वी राज्यों में ऐसे अनेक कदम उठाये गए हैं जिससे सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और विकास में तेजी आयी है। वर्ष 2014 की तुलना में वर्ष 2021 में उग्रवादी घटनाओं में 74% की कमी आई है। उसी प्रकार इस अवधि में सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मृत्यु में भी क्रमश: 60% और 84% की कमी आई है।
केंद्र सरकार के लगातार प्रयासों से तथा पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति में सुधार के परिणामस्वरूप भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA-आफ्स्पा) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम किया है।

दरअसल, प्रधानमंत्री श्री मोदी पूरे उत्तर-पूर्व क्षेत्र को उग्रवाद मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार समय-समय पर राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ संवाद करती रही है। मोदी सरकार द्वारा सुरक्षा स्थिति में सुधार के कारण आफ्स्पा के अंतर्गत अशांत क्षेत्र अधिसूचना को त्रिपुरा से 2015 में और मेघालय से 2018 में पूरी तरह से हटा लिया गया।

संपूर्ण असम में वर्ष 1990 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना लागू है। 2014 में मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के कारण अब 01 अप्रैल, 2022 से असम के 23 जिलों को पूर्ण रूप से और 1 जिले को आंशिक रूप से ‘आफ्स्पा’ के प्रभाव से हटाया जा रहा है।

संपूर्ण मणिपुर (इंफाल नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर) में अशांत क्षेत्र घोषणा वर्ष 2004 से चल रही है। मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशन क्षेत्र को 01.04.2022 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना से बाहर किया जा रहा है।

केंद्र सरकार के लगातार प्रयासों से तथा पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति में सुधार के परिणामस्वरूप भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA-आफ्स्पा) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम किया है। दरअसल, प्रधानमंत्री श्री मोदी पूरे उत्तर-पूर्व क्षेत्र को उग्रवाद मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं, इस संबंध में केंद्र सरकार समय-समय पर राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ संवाद करती रही है

अरुणाचल प्रदेश में 2015 में 3 जिले, अरुणाचल प्रदेश की असम से लगने वाली 20 किमी. की पट्टी और 9 अन्य जिलों में 16 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में आफ्स्पा लागू था, जो धीरे-धीरे कम करते हुए वर्तमान में सिर्फ 3 जिलों में और 1 अन्य जिले के 2 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में लागू है।

सम्पूर्ण नागालैण्ड में अशान्त क्षेत्र अधिसूचना वर्ष 1995 से लागू है। केन्द्र सरकार ने इस सन्दर्भ में गठित कमेटी की चरणबद्ध तरीके से आफ्स्पा हटाने की सिफारिश को मान लिया है। नागालैंड में 01.04.2022 से 7 जिलों के 15 पुलिस स्टेशनों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना को हटाया जा रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी की अटूट प्रतिबद्धता के कारण हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो दशकों से उपेक्षित था, अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है, इसके लिए मोदी जी का धन्यवाद करता हूं। साथ ही, इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं।