समय सीमा से पहले पूरा हुआ लक्ष्य
आजादी के सत्तर साल के लंबे इंतज़ार के बाद 28 अप्रैल को अंततः हर गांव में बिजली पहुंची। भाजपानीत केंद्र की राजग सरकार के सघन प्रयासों के चलते अभी तक अंधेरे में डूबे 18 हजार से अधिक गांवों में अब बिजली पहुंच गयी है। दरअसल, मणिपुर का लीसांग देश का आखिरी गांव था, जहां बिजली पहुंचाई गयी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से एक हजार दिन के भीतर इन गांवों में बिजली पहुंचाने की घोषणा की थी और यह लक्ष्य समय सीमा पूरी होने से 12 दिन पहले ही हासिल कर लिया गया। इन गांवों में बिजली पहुंचने के बाद देश के सभी गांव अब विद्युतीकृत हो गए हैं। अब मार्च, 2019 तक हर घर को बिजली देने का काम ज्यादा तेजी से आगे बढ़ सकेगा। उल्लेखनीय है कि 10 प्रतिशत विद्युतीकृत परिवारों वाले गांव को विद्युतीकृत गांव कहा जाता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल को ट्वीट कर कहा- ‘भारत की विकास यात्रा में 28 अप्रैल 2018 एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। कल हमने एक वादा पूरा किया, जिससे कई भारतीयों का जीवन हमेशा के लिए बदल जाएगा। मुझे इस बात की खुशी है कि भारत के हर गांव में बिजली पहुंच गई है।’
श्री मोदी ने एक और ट्वीट में कहा, ‘मणिपुर के लीसांग जैसे पूरे भारत के हजारों अन्य गांवों को सशक्त बनाया गया है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं उन लोगों के प्रयासों को सलाम करता हूं, जिन्होंने अथक रूप से जमीन पर काम किया है। अधिकारियों, तकनीकी कर्मचारियों और अन्य सभी लोगों की टीम ने एक शक्तिशाली भारत के सपने को वास्तविकता बनाने के लिए काम किया।’
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘आज पूरा देश हर गांव में बिजली का जश्न मना रहा है, जबकि कांग्रेस एक परिवार के हाथ से सत्ता के जाने का शोक कर रही है।’ देश के हरेक गांव तक बिजली पहुंचने पर केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बधाई दी और इसका श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व को दिया।
दरअसल, बिजली मंत्रालय ने यह काम एक मई 2018 तक पूरा करने की योजना बनायी थी, लेकिन इसे 28 अप्रैल को ही पूरा कर लिया गया। जिन गांवों में सबसे बाद में बिजली पहुंची है वे घने जंगल या दुर्गम पहाड़ी इलाकों में हैं।
जिन गांवों में बिजली पहुंचायी गयी है उसमें सबसे ज्यादा उड़ीसा, झारखंड, बिहार, असम और उत्तर प्रदेश जैसे गरीब राज्यों के गांव हैं। साथ ही सात हजार से अधिक गांव नक्सल और वामपंथी अतिवाद से प्रभावित क्षेत्रों में हैं। इसलिए यहां बिजली पहुंचाना बहुत मुश्किल था। हर गांव में बिजली पहुंचाने के बाद सरकार का अगला लक्ष्य ‘सौभाग्य’ योजना के जरिए हर घर तक बिजली पहुंचाने का है। इसके तहत गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है।