केंद्रीय बजट 2023-24 की मुख्य बातें

| Published on:

प्रति व्यक्ति आय 9 वर्षों में दोगुनी

 प्रति व्यक्ति आय करीब 9 वर्षों में दोगुनी होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है।
 भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है और यह पिछले 9 साल में विश्व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन गई है।
 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में सदस्यों की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 27 करोड़ तक पहुंच गई है।
 वर्ष 2022 में यूपीआई के माध्यम से 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 करोड़ डिजिटल भुगतान किए गए हैं।
 स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 11.7 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए हैं।
 उज्ज्वला योजना के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिये गए।
 102 करोड़ लोगों को लक्षित करते हुए कोविड रोधी टीकाकरण का आंकड़ा 220 करोड़ से पार।
 47.8 करोड़ प्रधानमंत्री जनधन बैंक खाते खोले गए।
 पीएम सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवरेज।
 पीएम सम्मान किसान निधि के तहत 11.4 करोड़ किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण।
 पीएम आवास योजना के लिए परिव्यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये किया गया।
 लक्षित राजकोषीय घाटा 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से नीचे रहने का अनुमान है।

पूंजीगत व्यय में अभूतपूर्व वृद्धि

 केन्द्र का ‘प्रभावी पूंजीगत व्यय’ 13.7 लाख करोड़ रुपये।
 रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत निधि का प्रावधान, जो 2013-14 में उपलब्ध कराई गई धनराशि से 9 गुना अधिक और अब तक की सर्वाधिक राशि है।
 अवसंरचना में निवेश बढ़ाने और पूरक नीतिगत कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को 50 साल के ब्याज रहित कर्ज को 1 और साल के लिए जारी रखा जाएगा।
 हमारे शहरों को ‘भविष्य के स्थायी शहरों’ में बदलने के लिए राज्यों और शहरों को शहरी नियोजन सुधारों एवं कार्यों को प्रोत्साहन।
 बंदरगाहों, कोयला, इस्पात, उर्वरक और खाद्यान्न क्षेत्रों में 100 महत्वपूर्ण परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं के लिए 75,000 करोड़ रुपये का निवेश, जिसमें निजी क्षेत्र का 15,000 करोड़ रुपये शामिल है।
 अवसंरचना में निजी निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए नया अवसंरचना वित्त सचिवालय स्थापित

किया गया।
 शहरी अवसंरचना विकास कोष (यूआईडीएफ) की स्थापना प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आई ऋण की कमी के उपयोग के माध्यम से होगी। इसका प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा और इसका उपयोग टीयर 2 तथा टीयर 3 शहरों में शहरी अवसंरचना के निर्माण के लिए सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।
 राज्यों के निमित संपूर्ण 50 वर्षीय ऋण को वर्ष 2023-24 के अंदर पूंजीगत व्यय पर खर्च किये जाने हैं, इनमें से अधिकांश ऋण व्यय राज्यों के विवेक पर निर्भर करेंगे, परन्तु इस ऋण का एक हिस्सा उनके द्वारा वास्तवित पूंजी व्यय को बढ़ाने की शर्त पर दिया जाएगा।
 राज्यों को जीएसडीपी के 3.5 प्रतिशत के राजकोषी घाटे की अनुमति होगी, जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र में सुधार से जोड़ा जाएगा।

शिक्षा व कौशल विकास

 वर्ष 2014 से स्थापित मौजूदा 157 चिकित्सा महाविद्यालयों के साथ ही संस्थानों में 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
 केन्द्र अगले तीन वर्षों में 3.5 लाख जनजातीय विद्यार्थियों के लिए 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में 38,800 अध्यापकों तथा सहयोगी कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा।
 प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 को अगले तीन वर्षों में लाखों युवाओं को कौशल सम्पन्न बनाने के लिए शुरू की जाएगी और इसमें उद्योग जगत 4.0 से संबंधित नई पीढ़ी के आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, मेकाट्रॉनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे।
 विभिन्न राज्यों से कुशल युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसर उपलब्ध कराने के लिए 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
 5जी सेवाओं पर आधारित एप्लीकेशन विकसित करने के लिए 100 लैब्स स्थापित की जाएंगी, जिनसे नये अवसरों, बिजनेस मॉडलों और रोजगार संबंधी संभावनाओं को तलाशने में सहायता मिलेगी।
 ‘कृत्रिम बुद्धिमता को भारत में बनाएं और कृत्रिम बुद्धिमता से भारत के लिए कार्य कराएं’ के विजन को साकार करने के लिए, देश के शीर्ष शैक्षिक संस्थानों में कृत्रिम बुद्धिमता के लिए तीन उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
 स्टार्ट-अप्स और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार और अनुसंधान शुरू करने के लिए राष्ट्रीय डाटा शासन नीति लाई जाएगी।
 शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए सर्वोत्कृष्ट संस्थान के रूप में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान विकसित किए जाएंगे।
 भूगोल, भाषा सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट पुस्तकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल बाल एवं किशोर पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी।
 एकीकृत स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरूआत कर कौशलवर्द्धन हेतु मांग आधारित औपचारिक कौशलवर्द्धन सक्षम करने, एमएमएमई सहित नियोक्ताओं के साथ जोड़ने और उद्यमिता योजनाओं की सुलभता सुगम करने के लिए डिजिटल तंत्र को और विस्तार प्रदान किया जाएगा।
 अखिल भारतीय राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में 47 लाख युवाओं को वृत्तिका सहायता प्रदान करने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर शुरू किया जाएगा।

20 लाख करोड़ रुपये तक कृषि ऋण

 कृषि ऋण के लक्ष्य को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य उद्योग को ध्यान में रखते हुए 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा।
 पीएम मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना को 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य मछली पालकों, मत्स्य विक्रेताओं और सूक्ष्म तथा लघु उद्योगों को अधिक सक्षम बनाना है। इससे मूल्य शृंखला दक्षताओं में सुधार लाया जाएगा तथा बाजार तक पहुंच को बढ़ाया जाएगा।
 कृषि के लिए डिजिटल जन-अवसंरचना को एग्री-टेक उद्योग और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करने और किसान केन्द्रित समाधान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार किया जाएगा।
 सरकार ने 2,516 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों (पीएसीएस) के कंप्यूटरीकरण कार्य शुरू किया है।
 व्यापक विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता बढ़ाने का प्रावधान किया गया है, जिससे किसानों को अपने

उत्पादों का सुरक्षित भंडारण करने और उचित समय पर उनकी बिक्री करके लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
 भारत को ‘श्री अन्न’ के लिए वैश्विक केन्द्र बनाने के उद्देश्य से हैदराबाद के भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे यह संस्थान सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणालियों, अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा कर सके।
 आत्मनिर्भर स्वच्छ पादप कार्यक्रम का शुभारंभ 2,200 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्यय के साथ उच्च गुणवत्ता वाली बागवानी फसल के लिए रोग-मुक्त तथा गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने की उद्देश्य से किया जाएगा।

प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर

 सरकार अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी और उनकी सहायता करेगी। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर वितरित सूक्ष्म उर्वरक और कीट नाशक विनिर्माण नेटवर्क तैयार करते हुए 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
 युवा उद्यमी ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री-स्टार्टअप्स शुरू कर सकें, इसके लिए कृषि वर्धक निधि की स्थापना की जाएगी।
 सतत लघु सिंचाई उपलब्ध कराने और पेयजल के लिए टंकियों को भरने के लिए भद्र परियोजना के लिए केन्द्रीय मदद के रूप में 5300 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
 चक्रीय अर्थव्यवथा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गोबरधन (गैल्वनाइजिंग आर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) नामक योजना के तहत 10,000 हजार करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ 50 नए अपशिष्ट से आमदनी संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। प्राकृतिक और बायोगैस का विपणन कर रहे सभी संगठनों के लिए 5 प्रतिशत का कम्प्रेस्ड बायोगैस अधिशेष भी लाया जाएगा।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

 राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की मदद से अर्थव्यवस्था को निम्न कार्बन सघनता वाली स्थिति में ले जाने, जीवाश्म ईंधन के आयातों पर निर्भरता को कम करने 2030 तक 5 एमएमटी के वार्षिक उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा।
 ऊर्जा-परिवर्तन तथा निवल-शून्य उद्देश्यों और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में प्राथमिकता प्राप्त पूंजीगत निवेशों के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
 अर्थव्यवस्था को धारणीय विकास के मार्ग पर ले जाने के लिए बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
 लद्दाख से नवीकरणीय ऊर्जा के निष्क्रमण और ग्रिड एकीकरण के लिए अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली 20,700 करोड़ रुपये के निवेश के साथ निर्मित की जाएगी।
 ‘पृथ्वी माता के पुनरुद्धार, इसके प्रति जागरूकता, पोषण और सुधार हेतु प्रधानमंत्री कार्यक्रम’ राज्यों और संघ राज्य-क्षेत्रों को रासायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग तथा इनके स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु शुरू किया जाएगा।
 मनरेगा, सीएएमपीए कोष और अन्य स्रोतों के बीच तालमेल के माध्यम से तटीय रेखा के साथ-साथ और लवण भूमि पर, जहां भी व्यवहार्य हो मेंग्रूव पौधारोपण के लिए ‘तटीय पर्यावास और ठोस आमदनी के लिए मैंग्रूव पहल, मिश्टी की शुरुआत की जाएगी।
 पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत हरित ऋण कार्यक्रम को अधिसूचित किया जाएगा, ताकि पर्यावरण की दृष्टि से संधारणीय और उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य करने के लिए प्रोत्साहन मिले।
 अमृत धरोहर योजना को आर्द्र भूमि के इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देने तथा जैव-विविधता, कार्बन स्टॉक, पर्यावरणीय-पर्यटन के अवसरों तथा स्थानीय समुदायों के लिए आय सृजन बढ़ाने के लिए अगले तीन वर्षों में कार्यान्वित किया जाएगा।

एमएसएमई को मजबूती

 एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना को नवीनीकृत किया गया है। यह पहली अप्रैल, 2023 से कार्प्स में 9,000 करोड़ रुपये जोड़कर क्रियान्वित होगी। इसके अतिरिक्त इस योजना के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपये का संपार्श्विक मुक्त गांरटीयुक्त ऋण संभव हो पाएगा। इसके अलावा, ऋण की लागत में करीब 1 प्रतिशत की कमी आएगी।
 कंपनी अधिनियम के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालय में दाखिल विभिन्न फॉर्मों के केन्द्रीकृत प्रबंधन के माध्यम से कंपनियों की त्वरित कार्रवाई के लिए एक केन्द्रीय डाटा संसाधन केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, बड़े व्यवसाय तथा चेरिटेबल ट्रस्टों के लिए निकाय डिजीलॉकर की स्थापना की जाएगी, जिससे आवश्यक दस्तावेज़ों को ऑनलाइन साझा और सुरक्षित रखने में आसानी होगी।
 कोविड अवधि के दौरान एमएसएमई अपनी संविदाओं को निष्पादित करने में विफल रहे हों, तो बोली या निष्पादन प्रतिभूति से संबंधित जब्त राशि का 95 प्रतिशत भाग सरकार और सरकारी उपक्रमों द्वारा उन्हें लौटा दिया जाएगा।
 प्रतिस्पर्धी विकास जरूरतों के लिए दुर्लभ संसाधनों को बेहतर तरीके से आबंटित करने के लिए ‘परिणाम-आधारित’ वित्त पोषण।

अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य

 अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत अगले 3 वर्षों में प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये।
 सेप्टिक टैंकों और नालों से मानव द्वारा गाद निकालने या सफाई का काम पूरी तरह से मशीनयुक्त बनाने के लिए शहरों को तैयार किया जाएगा।
 स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और आधारभूत अवसंरचना जैसे कई क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं को बढ़ाने के लिए 500 प्रखंडों को शामिल करते हुए आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
 राज्यों के उनके स्वयं के ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद), जीआई उत्पाद और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए और उनकी बिक्री करने के लिए एक यूनिटी मॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
 सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम जल्द ही शुरू होगा।
 सहयोगपरक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए चुनिंदा आईसीएमआर प्रयोगशालाओं के माध्यम से संयुक्त सार्वजनिक और निजी चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा।
 ओषधि निर्माण में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

कारोबार में सुगमता

 कारोबारी सुगमता के लिए 39,000 अनुपालनों को हटा दिया गया और 3,400 से अधिक कानूनी प्रावधानों को अपराध मुक्त कर दिया गया।
 सरकारी की विश्वसनीयता बढ़ाने की दिशा में 42 केन्द्रीय कानूनों में संशोधन के लिए जन विश्वास विधेयक लाया गया।
 व्यक्तियों की पहचान और पते के मिलान और अद्यतनीकरण के लिए वन स्टॉप समाधान की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें डिजीलॉकर सेवा और आधार का मूलभूत पहचान के रूप में प्रयोग किया जाएगा।
 लाखों सरकारी कर्मचारियों को उनका कौशल बढ़ाने और जन केन्द्रित सुविधाएं उपलब्ध कराने योग्य बनाने के लिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच आई-गोट कर्मयोगी का शुभारंभ।

पैन को सामान्य पहचानकर्ता के रूप में प्रयोग

 स्थायी खाता संख्या (पैन) का इस्तेमाल विनिर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए पैन को सामान्य पहचानकर्ता के रूप में प्रयोग किया जाएगा। इससे कारोबार करना आसान होगा।
 न्याय के प्रशासन में दक्षता लाने के लिए, 7,000 करोड़ रुपये के परिव्यय से ई-न्यायालय परियोजना का चरण-3 शुरू किया जाएगा।
 एलजीडी सीड्स और मशीनों के स्वदेश में ही उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए और आयात पर निर्भरता घटाने के लिए अनुसंधान और विकास अनुदान प्रदान किया जाएगा।

7 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं

 नई कर व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। इस प्रकार नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक के आय वाले व्यक्तियों को कोई कर का भुगतान नहीं करना होगा।
 नयी व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में स्लैबों की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई और कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है। इस नई कर व्यवस्था में सभी कर प्रदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
 नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी व्यक्ति को 50 हजार रुपए की मानक कटौती का लाभ देने और परिवार पेंशन से 15 हजार तक कटौती करने का प्रस्ताव है।
 गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के सेवानिवृत्ति पर छुट्टी नगदीकरण पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख की गई।
 नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जाएगा, हालांकि नागरिकों के लिए पुरानी कर व्यवस्था का लाभ लेने का विकल्प जारी रहेगा।

अग्निवीर कॉर्पस फंड द्वारा किया गया भुगतान कर दायरे से बाहर

 अग्निवीर निधि को ईईई स्तर प्रदान करने और अग्निपथ योजना 2022 में पंजीकृत अग्निवीरों को अग्निवीर कॉर्पस फंड द्वारा किया गया भुगतान को कर के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव। अग्निवीरों की कुल आय में कटौती को अग्निवीरों को देने का प्रस्ताव, जो उन्होंने अपना योगदान दिया है या केन्द्र सरकार ने इनकी सेवा के लिए उनके खाते में हस्तांरित किया है।

बेसिक सीमा शुल्क दरों की संख्या को 21 से घटाकर 13 किया गया

 वस्त्रों और कृषि को छोड़कर बेसिक सीमा शुल्क दरों की संख्या को 21 से घटाकर 13 किया गया।
 कुछ वस्तुओं की बेसिक सीमा शुल्कों, उपकरों और अधिभारों में मामूली परिवर्तन हुआ है जिसमें खिलौने, साइकिल, ऑटोमोबाइल और नाफ्था शामिल हैं।
 सम्मिलित कंप्रेस्ड बायो गैस, जिस पर जीएसटी भुगतान किया गया है, उस पर उत्पाद शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव।
 हरित मोबिलिटी को और संवेग प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयुक्त बैटरियों के लिथियम आयन सेलों के विनिर्माण के लिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दी जा रही है।
 मोबाइल फोनों के विनिर्माण में घरेलू मूल्यवर्धन को और बढ़ाने के लिए कुछ एक पूर्जों और कैमरा लैंसो जैसे आदानों के आयात पर बेसिक सीमा शुल्क में राहत देने और लिथियम-आयान बैटरी सेलों पर रियायती शुल्क को एक और वर्ष लिए जारी रखना प्रस्तावित।
 टीवी पैनल के ओपन सेलों के पूर्जों पर बेसिक सीमा शुल्क को घटाकर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।

कम से कम 50 पर्यटन गंतव्यों को किया जाएगा विकसित

 चुनौती मोड के माध्यम से चुने जाने वाले कम से कम 50 पर्यटन गंतव्यों को घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए एक सम्पूर्ण पैकेज के रूप में विकसित किया जाएगा।
 ‘देखो अपना देश’ पहल का उद्देश्य हासिल करने के लिए क्षेत्र विशिष्ट कौशलवर्धन और उद्यमशीलता विकास का समन्वयन स्थापित किया जाएगा।
 वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत सीमावर्ती गांव में पर्यटन के बुनियादी ढाचों का विकास किया जाएगा और पर्यटन सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
 बैंक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए और निवेशक संरक्षण बढ़ाने के लिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, बैंकिंग कम्पनी अधिनियम और भारतीय रिजर्ब बैंक अधिनियम में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव किया गया है।
 आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में एक एकल नई लघु बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाण-पत्र शुरू किया जाएगा। महिलाओं या बालिकाओं के नाम पर आंशिक आहरण विकल्प के साथ दो वर्षों की अवधि के लिए 7.5 प्रतिशत की नियत ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक की जमा सुविधा का प्रस्ताव देगा।
 मासिक आय खाता योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा को एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खाते के लिए 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया।
 वरिष्ठ नागरिक बचत खाता योजना में अधिकतम जमा की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़कर 30 लाख रुपये हो जाएगी।
 पहले चरण में 1 लाख पुरातन अभिलेखों के डिजिटलीकरण के लिए डिजिटल एपीग्राफी संग्रहालय में ‘भारत शेयर्ड रिपोजटरी ऑफ इनस्क्रिप्शंस’ की स्थापना।

स्टार्ट-अप को बढ़ावा

 स्टार्ट-अप द्वारा आयकर लाभ प्राप्त करने हेतु निगमन की तारीख 31.03.23 से बढ़ाकर 31.03.2024 तक करने का प्रस्ताव।
 स्टार्ट-अप की शेयरधारिता में परिवर्तन पर हानियों के अग्रेनयन के लाभ को निगमन के सात वर्ष से 10 वर्ष तक प्रदान करने का प्रस्ताव।
 गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट में या इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड को गोल्ड में परिवर्तित करने पर इसे पूंजीगत लाभ के तौर पर नहीं माना जाएगा।
 चीनी सहकारी संस्थाओं को भुगतान के रूप में मूल्यांकन वर्ष 2016-17 से पूर्व अवधि के लिए गन्ना किसानों को किए गए भुगतान का दावा करने का अवसर दिया गया है। इससे इन्हें लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की राहत उपलब्ध होने की उम्मीद है।
 प्राथमिक कृषि कॉपरेटिव सोसाइटी (पीएसीएस) और प्राथमिक कॉपरेटिव कृषि ग्रामीण विकास बैंक

(पीसीएआरडीबी) को नगद में दिए गए जमा एवं ऋणों हेतु 2 लाख रुपये प्रति सदस्य की उच्चतम सीमा का प्रस्ताव।
 सहकारी समितियों को टीडीएस के लिए नगदी निकासी पर 3 करोड़ रुपये की उच्चतम सीमा प्रदान किए जाने का प्रस्ताव।

संशोधित अनुमान 2022-23

 उधारियों से इतर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 24.3 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से निवल कर प्राप्तियां 20.9 लाख करोड़ रुपये हैं।
 कुल व्यय का संशोधित अनुमान 41.9 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग 7.3 लाख करोड़ रुपये हैं।
 राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 6.4 प्रतिशत है, जो बजट अनुमान के अनुरूप है।

बजट अनुमान 2023-24

 बजट 2023-24 में कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 27.2 लाख करोड़ रुपये और 45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है।
 निवल कर प्राप्तियां 23.3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
 राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान।
 2023-24 में राजकोषीय़ घाटे का वित्त पोषण करने के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों से निवल बाजार उधारियां 11.8 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
 सकल बाजार उधारियां 15.4 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।