‘अमृत काल’ के विजन को प्रस्तुत करता है केंद्रीय बजट 2023-24

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मध्यम वर्ग के लिए भारी राहत, 7 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी, 2023 को संसद में केन्द्रीय बजट 2023-24 प्रस्तुत किया। केन्द्रीय बजट ‘अमृत काल’ के लिए विजन प्रस्तुत करता है तथा यह एक सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था का ब्लूप्रिंट है।



भारत की आजादी के 75वें वर्ष में पूरी दुनिया ने यह भलीभांति स्वीकार किया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक ‘चमकता सितारा’ है, क्योंकि कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर व्यापक सुस्ती दर्ज किए जाने के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है। दरअसल, भारतीय अर्थव्यवस्था बिल्कुल सही पथ पर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है और मौजूदा समय में तरह-तरह की चुनौतियां रहने के बावजूद भारत उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर है

अमृत काल के लिए विजन– एक सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था

केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि अमृत काल से जुड़े हमारे विजन में मजबूत सरकारी वित्तीय स्थिति के जरिए प्रौद्योगिकी एवं ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था एवं एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र सुनिश्चित करना शामिल है, जिसे हासिल करने के लिए ‘सबका साथ सबका प्रयास’ के जरिए जन-भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।

‘अमृत काल’ के विजन के आर्थिक एजेंडे की तीन प्रमुख प्राथमिकताएं

 नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए व्यापक अवसरों को उपलब्ध कराना
 प्रगति और रोजगार सृजन के लिए मजबूत आधार उपलब्ध कराना
 वृहद आर्थिक सुस्थिरता को मजबूत बनाना

                                                                  ‘सप्तऋषि’
‘अमृत काल’ के पहले बजट का निम्न सात प्राथमिकताओं द्वारा मार्गदर्शन किया जाएगा, जो सप्तऋषि की तरह एक दूसरे का सम्पूरण करती हैं:

1. समावेशी विकास
2. अंतिम व्यक्ति तक पहुंच
3. बुनियादी ढांचा एवं निवेश
4. सक्षमता को सामने लाना
5. हरित विकास
6. युवा शक्ति
7. वित्तीय क्षेत्र

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह उम्मीद की जा रही है कि पिछले बजट में डाली गई मजबूत नींव और भारत@100, जिसमें एक समृद्ध एवं समावेशी भारत की परिकल्पना की गई है, के लिए तैयार किए गए ब्लूप्रिंट के सहारे भारत एक ऐसे मुकाम पर पहुंच जाएगा, जहां आर्थिक विकास के फल सभी क्षेत्रों एवं समस्त नागरिकों विशेषकर हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, ओबीसी, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक निश्चित रूप से पहुंच जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि अनगिनत उपलब्धियों जैसेकि अनूठी विश्वस्तरीय सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना यथा आधार, को-विन और यूपीआई; अभूतपूर्व पैमाने एवं गति से कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाए जाने; अग्रणी क्षेत्रों में अति सक्रिय भूमिका निभाने जैसेकि जलवायु संबंधी लक्ष्यों को हासिल कर लेने, मिशन लाइफ और राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की बदौलत ही भारत की वैश्विक साख निरंतर दमदार होती जा रही है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जिसके लिए सरकार ने 80 करोड़ से भी अधिक लोगों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की विशेष योजना 28 महीनों तक चलाई।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र की प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए सरकार 1 जनवरी, 2023 से पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत सभी अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की योजना चला रही है, जो अगले एक साल तक जारी रहेगी। केन्द्र सरकार द्वारा ही कुल मिलाकर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का समूचा खर्च वहन किया जाएगा।

श्रीमती सीतारमण ने इस ओर ध्यान दिलाया कि अनेक योजनाओं के प्रभावकारी कार्यान्वयन और सभी लोगों को लक्षित लाभ देने की बदौलत समावेशी विकास सुनिश्चित हुआ है। वित्त मंत्री ने कुछ योजनाओं का उल्लेख किया, जैसेकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 11.7 करोड़ घरेलू शौचालय बनाए गए, उज्ज्वला के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए, 102 करोड़ लोगों को कोविड टीके की 220 करोड़ खुराक दी गई, 47.8 करोड़ पीएम जन-धन बैंक खाते खोले गए, पीएम सुरक्षा बीमा और पीएम जीवन ज्योति योजना के तहत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवर दिया गया और पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 11.4 करोड़ से भी अधिक किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण किया गया।