सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान

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संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने 31 जुलाई को लोक सभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी कि देश में घरेलू पर्यटकों की संख्या में 2015 की तुलना में 2016 में 12.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसमें धार्मिक उद्देश्यों के साथ-साथ चिकित्सा के लिए भी सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में घरेलू पर्यटकों की यात्राएं शामिल है। 2015 में 143.2 करोड़ लोगों की तुलना में 2016 में 161.4 करोड़ लोगों ने एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा की।

भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 2015 के 2.3 करोड़ से बढ़कर 2016 में 2.5 करोड़ हो गई। कुल मिलाकर 2016 में 2015 की तुलना में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसमें धार्मिक और चिकित्सा पर्यटन दोनों शामिल हैं। इस वर्ष देश में जनवरी से जून के बीच 48.8 लाख पर्यटक आये, जोकि पिछले वर्ष इसी अवधि में आने वाले पर्यटकों की तुलना में 17.2 फीसदी अधिक है।

भारत के दूसरे पर्यटन सेटेलाइट अकाउंट के अनुसार पर्यटन क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में 2009-2010, 2010-2011, 2011-2012, 2012-2013 में कुल अनुमानित योगदान क्रमशः 6.77, 6.76, 6.76 और 6.88 प्रतिशत रहा। गौरतलब है कि पर्यटन के क्षेत्र में वायु / रेल / सड़क होटल और रेस्टोरेंट आदि जैसी सेवाएं शामिल हैं। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने कई कदम उठाए है।

देश में पर्यटन को बढ़ावा देने और प्रोत्साहन के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा संचालित प्रमुख योजनाएं :

-स्वदेश दर्शन – विशिष्ट विषयों पर पर्यटन परिपथों का समन्वित विकास

-तीर्थयात्रा पुनरुद्धार और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) के लिए राष्ट्रीय मिशन

-बाजार के विकास में सहायता और विदेशों में प्रचार और प्रसार

-आईएचएम / एफसीआई / आईआईटीटीएम / एनसीएचएमसीटी को सहायता

-आतिथ्य क्षेत्र सहित देश में प्रचार और प्रसार

-सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम

-कम्प्यूटरीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी