भारत ने ई-वीज़ा शक्ति का विस्तार किया

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प्रियदर्शी दत्ता

देश में एक नई उदारवादी ई-वीज़ा व्यवस्था 1 अप्रैल, 2017 से लागू हुई है। यह दुनिया भर में भारत की यात्रा की योजना बना रहे 161 देशों के नागरिकों के लिए खुशियां लाएगी। इससे ऑनलाइन आवेदन करने की निर्धारित अवधि तथा भारत में रहने की अवधि साथ-साथ ही बढ़ा दी गई है। हालांकि, भारतीय राजनयिक मिशनों द्वारा वीजा प्रदान करने की परंपरागत प्रक्रिया को बंद नहीं किया जाएगा।

वास्तव में ई-वीज़ा की प्रणाली पिछले सात वर्षों से शुरू हुई है। नव वर्ष दिवस 2010 पर भारत ने पांच देशों- जापान, सिंगापुर, फिनलैंड, लक्समबर्ग और न्यूजीलैंड के नागरिकों के लिए ही आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) की शुरूआत की थी। एक साल बाद ही सरकार ने कंबोडिया, लाओस वियतनाम, फिलीपींस, म्यांमार और इंडोनेशिया के नागरिकों के लिए इस योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया।

केंद्र में सरकार के बदलने के बाद इस प्रणाली को काफी बढ़ावा मिला। भारत की यात्रा को एक सहज अनुभव बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकार (ईटीए) से युक्त आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) की सुविधा 27 सितंबर, 2014 को शुरू की गई। टीवीओएए-ईटीए आशय और क्षेत्र में अलग था। यह 9 नामित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के माध्यम से भारत में प्रवेश के लिए 43 देशों के नागरिकों को ऑनलाइन पूर्व प्राधिकार था। इन देशों के नागरिक Https://indianvisaonline.gov.in/evisa/tvoa.html वेबसाइट पर वीज़ा के लिए आवेदन कर सकते हैं, उन्हें भारत आगमन पर वीजा सौंप दिया जाएगा। यह एक एकल प्रवेश वीजा है, जो 30 दिनों के लिए वैध होगा। हालांकि, टीवीओएए-ईटीए का नामकरण भी भ्रम से भरा था। अनेक पर्यटक यह मानते थे कि वीज़ा हवाई अड्डे पर उतरने पर दिया जाएगा। कुछ पर्यटक ऑनलाइन आवेदन किए बिना या स्थानीय भारतीय दूतावास से वीजा प्राप्त किए बिना ही यहां आए। इसलिए देश की नीति के अनुरूप एक नए नाम का गठन करने के लिए गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और आप्रवासन ब्यूरो (बीओआई) के अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है। Mygov.in पर इस नाम के बारे में एक प्रतियोगिता का आयोजन करके ई-टूरिस्ट वीजा को सबसे अच्छा विकल्प चुना गया। इस योजना को दोबारा ई-टूरिस्ट वीजा (ईटीवी) नाम दिया गया था, जो 15 अप्रैल, 2015 से प्रभावी हो गई। इस समय तक टीवीओए-ईटीए के तहत सरकार द्वारा पहले ही 1,10,000 (एक लाख दस हजार) वीजा जारी किए जा चुके थे। 2015 के अंत तक, कुल 113 देशों को इस योजना के दायरे के तहत लाया गया। अगस्त 2016 तक यह संख्या बढ़कर 150 हो गई थी।

डॉ महेश शर्मा, पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने 6 फरवरी, 2017 को लोकसभा को सूचित किया कि वर्ष 2014, 2015 और 2016 के दौरान विभिन्न उद्देश्यों के लिए भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या क्रमश: 7.68 मिलियन, 8.03 मिलियन और 8.90 मिलियन (अनंतिम) रही है। इनमें से आगमन पर ई-वीजा वाले पर्यटकों की संख्या 2014, 2015 और 2016 में क्रमशः 0.39 लाख, 4.45 लाख और 10.80 लाख रही है। 149 देशों के पर्यटकों ने ई-वीज़ा सुविधा का लाभ उठाया।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्यापार को आसान बनाने, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने तथा विदेशी मुद्रा की आय में वृद्धि करने के लिहाज से 30 नवंबर, 2016 को वीजा व्यवस्था उदार, सरल और तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया। इसे अभी हाल ही में 1 अप्रैल से लागू किया गया है। अब ई-वीज़ा में पर्यटक, व्यापार, चिकित्सा और रोजगार श्रेणियां हैं। इंटर्न वीजा और फिल्म वीजा जैसी नई श्रेणियों को भी शामिल किया है।

विभिन्न देशों के क्रूज़ पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए अब ई-वीजा सुविधा 24 हवाई अड्डों के साथ-साथ 3 बंदरगाहों (कोचीन, गोवा और मैंगलोर) के माध्यम से भारत प्रवेश के लिए 161 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्ध है। जल्दी ही मुंबई और चेन्नई बंदरगाहों को ई-वीज़ा सुविधा के तहत शामिल किया जाएगा। ई-वीज़ा योजना के तहत आवेदन की अवधि को 30 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है। ताकि पर्यटक अपनी यात्रा की योजना को बेहतर ढंग से तैयार कर सके। ई-पर्यटक, ई-व्यापार वीजा पर दोहरे प्रवेश तथा ई-चिकित्सा वीजा पर तिहरे प्रवेश के साथ भारत में रूकने की अवधि को 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिनों तक कर दिया गया है। चिकित्सा पर्यटकों के लाभ के लिए ऐसे पर्यटकों की बड़ी संख्या में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे कुछ भारतीय हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए अलग से आव्रजन काउंटर और सुविधा डेस्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
अब अधिकांश देशों के नागरिक पांच वर्ष की अवधि के लिए वह पर्यटन और व्यापार उद्देश्यों के लिए बहु प्रवेश वीजा प्राप्त कर सकते हैं। तत्काल जरूरत वाले मामलों में आवेदन के 48 घंटों के भीतर व्यापार और चिकित्सा वीज़ा प्रदान किए जा सकते हैं। बायोमेट्रिक नामांकन सुविधा वाले 94वीं भारतीय मिशनों ने 1 मार्च, 2017 से 5 साल के बहु प्रवेश वाले वीजा जारी करने शुरू कर दिए हैं। बाकी राजनयिक मिशनों में भी आने वाले समय में ऐसा कर दिया जाएगा।

यह लगता है कि एनडीए सरकार इस क्षेत्र में पिछली यूपीए -2 सरकार की तुलना में अधिक साहसिक कदम उठा रही है। 2014 से ई-वीजा का मुद्दा बहुत तेजी से आगे बढ़ा है। नई वीजा व्यवस्था से भारत के एक अधिक अनुकूल पर्यटन स्थल बन जाने की संभावना है। इससे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में सुविधा मिलेगी, जिसमें विदेशी निवेशकों की अनेकों बार भारत यात्रा करने की जरूरत पड़ती है। यह योजना डिजिटल इंडिया के विजन के भी समरूप है। इस कदम से राजनयिक मिशनों का मैन्युअल भार भी कम होने की संभावना है। मिशनों की वीजा खिड़कियां उन पर्यटकों के लिए खुली रहेंगी, जो ऑफ़लाइन की पद्धति से आवेदन करना चाहते हैं, लेकिन दुनिया के विभिन्न देश ई-वीजा विकल्प के मार्ग को चुन रहे हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि भारत ने समय के अनुसार कदम उठाने का निर्णय लिया है।