इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने डिजिटल और पेपरलेस मोड में खोले पांच करोड़ खाते

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कुल खाताधारकों में से लगभग 48 प्रतिशत महिलाएं खाताधारक हैं। लगभग 98 प्रतिशत महिलाओं के खाते उनके घर जाकर खोले गए और 68 प्रतिशत से अधिक महिलाएं डीबीटी का लाभ उठा रही हैं

केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 18 जनवरी को जारी विज्ञप्ति के अनुसार इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने लगभग 1.47 लाख डोरस्टेप बैंकिंग सेवा प्रदाताओं की मदद से 1.36 लाख डाकघरों में (इनमें से 1.20 लाख ग्रामीण डाकघरों में) डिजिटल और पेपरलेस मोड में पांच करोड़ खाते खोले। इससे आईपीपीबी ने 2,80,000 डाकघर कर्मचारियों की ताकत का लाभ उठाते हुए वित्तीय रूप से जागरूक और सशक्त ग्राहक आधार बनाकर दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम अर्जित किया है।

दरअसल, आईपीपीबी ने एनपीसीआई, आरबीआई और यूआईडीएआई की इंटरऑपरेबल पेमेंट्स एंड सेटलमेंट सिस्टम्स के माध्यम से जमीनी स्तर पर डिजिटल बैंकिंग को अपनाया है और यह 13 से अधिक भाषाओं में डिजिटल बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।

उल्लेखनीय है कि कुल खाताधारकों में से लगभग 48 प्रतिशत महिलाएं खाताधारक हैं, जबकि 52 प्रतिशत पुरुष हैं जो यह दर्शाता है कि यह बैंक महिला ग्राहकों को बैंकिंग नेटवर्क के तहत लाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। लगभग 98 प्रतिशत महिलाओं के खाते उनके घर जाकर खोले गए और 68 प्रतिशत से अधिक महिलाएं डीबीटी का लाभ उठा रही हैं।

एक अन्य उपलब्धि यह है कि आईपीपीबी ने युवाओं को डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आकर्षित किया है। 41 प्रतिशत से अधिक खाताधारक 18 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के हैं।

गौरतलब है कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की स्थापना डाक विभाग, संचार मंत्रालय के तहत की गई है। इसकी 100 प्रतिशत इक्विटी भारत सरकार के स्वामित्व में है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 1 सितम्बर, 2018 को आईपीपीबी का शुभारंभ किया था। देश में आम आदमी को सबसे सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बैंक बनाने के दृष्टिकोण से इस बैंक की स्थापना की गई थी।

आईपीपीबी का मूल उद्देश्य गैर-बैंकिंग और कम-बैंकिंग वाले लोगों के लिए बाधाओं को दूर करना और पोस्टल नेटवर्क का लाभ अंतिम छोर तक पहुंचाना है।