भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा विश्व व्यापार का आधार बनेगा : नरेन्द्र मोदी

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इतिहास इस बात को हमेशा याद रखेगा कि इस आर्थिक गलियारे का सूत्रपात भारत की धरती पर हुआ था

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अफ्रीकी संघ को जी20 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किए जाने और ‘भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा’ का उल्लेख करते हुए 24 सितंबर को कहा कि इन फैसलों ने विश्व के शक्तिशालों देशों के इस समूह में भारत के नेतृत्व का लोहा मनवाया है।

प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 105वीं कड़ी में देशवासियों के साथ अपने विचार साझा करते हुए इस प्रस्तावित आर्थिक गलियारे के बारे में कहा कि ये गलियारा आने वाले सैकड़ों वर्षों तक विश्व व्यापार का आधार बनने जा रहा है और इतिहास इस बात को हमेशा याद रखेगा कि इस गलियारे का सूत्रपात भारत की धरती पर हुआ था।

श्री मोदी ने ‘मन की बात’ में जहां चंद्रयान-3 और जी-20 की सफलता के साथ ही रोजगार सृजन में पर्यटन की भूमिका, भारत में विश्व विरासत स्थलों की बढ़ती संख्या और भारतीय संगीत के प्रति दुनिया भर में लोगों के बढ़ते आकर्षण का उल्लेख किया, वहीं त्योहारों के दौरान स्थानीय उत्पादों की खरीद का मंत्र भी याद दिलाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा पर उतरने वाला था, तब करोड़ों लोग अलग-अलग माध्यमों से इस घटना के पल-पल के साक्षी बनें। इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के यू-ट्यूब चैनल पर 80 लाख से ज्यादा लोगों ने इस घटना को देखा। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इससे पता चलता है कि चंद्रयान-3 से करोड़ों भारतीयों का कितना गहरा लगाव है।

चंद्रयान-3 की सफलता तथा जी20 का सफल आयोजन

प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद जी-20 के सफल आयोजन ने हर भारतीय की खुशी को दोगुना कर दिया और आयोजन स्थल ‘भारत मंडपम’ तो अपने आप में एक ‘सेलिब्रिटी’ की तरह हो गया है जहां लोग जा रहे हैं, ‘सेल्फी’ ले रहे हैं और गर्व से उसे सोशल मीडिया मंचों पर साझा कर रहे हैं।

जी-20 के आयोजन में भारत की युवा शक्ति के योगदान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरान साल भर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कई कार्यक्रम हुए तथा इसी शृंखला में दिल्ली में एक और एक शानदार कार्यक्रम होने वाला है।

उन्होंने बताया कि ‘जी-20-यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम’ के माध्यम से देश भर के लाखों छात्र एक दूसरे से जुड़ेंगे और इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र भाग लेंगे।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में और विशेष रूप से जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की तरफ दुनिया का आकर्षण बहुत बढ़ा है। उन्होंने जी20 सम्मेलन में शिरकत करने आए विदेशी प्रतिनिधियों का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान उन्हें भारत की विविधता, विभिन्न परम्पराओं, खानपान और विरासत को देखने को अवसर मिला और उन्होंने इस दौरान जो अनुभव हुआ, उससे पर्यटन और बढ़ेगा।

27 सितम्बर को मनाए जाने वाले विश्व पर्यटन दिवस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन पर्यटन का बहुत बड़ा पहलू है और यह क्षेत्र कम से कम निवेश के साथ अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देता है।

भारत में इस समय 42 विश्व विरासत स्थल

श्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में विश्व विरासत स्थलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने हाल में शांति निकेतन और कर्नाटक के होयसल मंदिर समूह को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भारतीय परम्परा को भी सम्मान मिला है।

उन्होंने कहा कि भारत में विश्व विरासत स्थलों की संख्या अब 42 हो गई है और भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया जाए।

श्री मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि जब भी वे किसी नयी जगह जाएं, तो भारत की विविधता को अवश्य देखें, विभिन्न राज्यों की संस्कृति को समझें और विरासत स्थलों को देखें।