चालू वित्त वर्ष में भारत का निर्यात 350 अरब अमेरिकी डॉलर होने की आशा : सुरेश प्रभु

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ढ़ते वैश्विक संरक्षणवाद के बावजूद चालू वित्त वर्ष में भारत का निर्यात 350 अरब अमेरिकी डॉलर होने की आशा है और इसमें आगे भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज होती रहेगी। यह बात केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने 25 जुलाई को नई दिल्ली में कही।

श्री प्रभु ने कहा कि सेवा क्षेत्र द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को उल्लेखनीय तेज गति प्रदान किया जाना तय है और यह वर्ष 2025 तक 3 ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर से लेकर 5 ट्रिलियन डॉलर तक योगदान करेगा। सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाणिज्य मंत्रालय ने 12 प्रमुख सेवा क्षेत्रों की पहचान की है, जिसके लिए कैबिनेट ने 5000 करोड़ रुपये के एक समर्पित कोष को मंजूरी दी है, ताकि क्षेत्रवार त्वरित गति के लिए आवश्यक पहलों को सहयोग प्रदान किया जा सके।

मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि सेवा क्षेत्र भारत की बढ़ी हुई उत्पादकता एवं प्रतिस्पर्धी क्षमता में उल्लेखनीय योगदान देता है। वहीं, चैम्पियन सेवा क्षेत्रों की उच्च गुणवत्ता भारत से विभिन्न सेवाओं के निर्यात को और ज्यादा बढ़ावा देगी तथा इसके साथ ही रोजगार सृजन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा।

श्री सुरेश प्रभु ने यह भी कहा कि भारत अफ्रीका के कई देशों के साथ-साथ लैटिन अमेरिका को भी सेवाओं का निर्यात बढ़ाने पर विशेष जोर दे रहा है। भारत ने अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ एक द्विआयामी एजेंडा तैयार किया हैः भारत से प्रोफेशनलों को विदेश यात्रा की अनुमति देना और सेवा निर्यात में व्यापार संबंधी सहूलियत प्रदान करना। मंत्री महोदय ने एसोचैम का आह्वान किया कि वह सेवाओं के लिए विदेश जाने वाले प्रोफेशनलों के उच्च मानकों को बनाए रखें, ताकि निर्यात की जाने वाली सेवाएं उच्च गुणवत्तापूर्ण रह सकें।