कर्नाटक को ‘मिशन सरकार’ चाहिए, न कि ‘कमीशन सरकार’ : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मैसूर में 19 फरवरी को एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने सिद्धारमैया सरकार पर प्रहार करते हुए उपस्थित लोगों से पूछा- “आपको कर्नाटक में कैसी सरकार चाहिए? कमीशन लेने वाली या मिशन वाली। हमारी सरकार मिशन के लिए काम करती है। हमने कई काम मिशन के तौर पर किए है।”

श्री मोदी ने कहा कि आज मेरा सौभाग्य रहा कि मैसूर की धरती पर यहां के नागरिकों के लिए मुझे कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का लोकार्पण करने का अवसर मिला। मैसूर और बेंगलुरू के बीच रेलवे लाइन के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन का लोकार्पण किया और मैसूर और उदयपुर के बीच हमसफर एक्सप्रेस को रवाना किया।

उन्होंने कहा, “हमने प्रधानमंत्री योजना के तहत देश के नौजवानों को ताकत दी। हमने 10 करोड़ का लोन प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत दिया है। करीब साढ़े चार लाख रुपया बैंक गारंटी के बिना नौजवानों के हाथ में दिया गया। 3 करोड़ से ज्यादा नए उद्यमी अपना काम शुरू कर रहे हैं। किसी ने एक को रोजगार दिया, किसी ने दो को रोजगार दिया। आज मेरे देश के नौजवान इस योजना के तहत स्वरोजगार करके सम्मान के साथ अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं, लेकिन कर्नाटक की सरकार को इसकी परवाह नहीं है। हमारा सपना है कि 2022 तक हिंदुस्तान में एक भी परिवार ऐसा ना हो, जिसके पास रहने के लिए अपना खुद का घर ना हो। हम ‘ईज ऑफ लिविंग’ पर बल दे रहे हैं। सरकार में नौजवानों को नौकरी देने के लिए इंटरव्यू लिया जाता है। इंटरव्यू और वो भी वर्ग 3 और 4 के लिए। किसी परिवार में इंटरव्यू का कॉल आ जाए तो बिचौलिया आ जाता था। सिफारिश, खर्चे की बात करता था। मां बेचारी बेटे को नौकरी के लिए गहने-घर बेच देती थी। इंटरव्यू में 3 लोग बैठते थे और मुंडी देखते थे बस। कौन इतना बुद्धिमान है, जो शक्ल देखकर अच्छा-बुरा बता दे। ये पैसा कमाने का धंधा था कि नहीं? हमारी सरकार ने तय किया कि नौजवानों को तीसरी-चौथी श्रेणी में नौकरी चाहिए तो इंटरव्यू नहीं मेरिट के आधार पर मिलेगी। कर्नाटक सरकार को क्या तकलीफ है, लेकिन बिचौलियों को राजनीतिक हथियार बनाकर करोबार करते हैं।”

उन्होंने कहा, “अब कर्नाटक में गति की जरूरत है। कर्नाटक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वक्त इंतजार नहीं कर सकता है। आज केंद्र में एक ऐसी सरकार बैठी है, जो किसी भेदभाव के बिना हर राज्य को विकास के लिए बल देने के लिए प्रयास करती है। आप अगर गंगाजी में जाएं और इतना छोटा सा बर्तन लेकर जाएंगे और बड़ा बर्तन लेकर जाएंगे तो ज्यादा जल आएगा। कर्नाटक में छोटे मन के लोग बैठे हैं, जो डेढ़ बाई डेढ़ की कुर्सी की चिंता करते हैं, सैकड़ों किलोमीटर में फैले कर्नाटक की चिंता नहीं है।”

उन्होंंने कहा, “मैंने बेंगलुरू में कहा था कि ये 10 फीसदी कमीशन का कारोबार है। मुझ पर सब लोग नाराज हो गए। कुछ लोगों ने मुझे फोन भी किया। कुछ लोगों ने मुझे मैसेज भेजा और नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मुझे कहा कि आपकी जानकारी सही नहीं है, ये 10 पर्सेंट नहीं, इससे भी ज्यादा वाले हैं। कर्नाटक के लोग मौजूदा सरकार को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। मैं आपसे सवाल पूछता हूं कि आपको अब कर्नाटक में कमीशन वाली सरकार चाहिए या मिशन वाली सरकार चाहिए। कमीशन कि मिशन? मैं वादा करता हूं कि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनेगी और वो एक मिशन के तहत काम करेगी। कर्नाटक के भाग्य बदलने और विकास के लिए काम करेगी।”

उन्होंने कहा, “हर दिन नया भ्रष्टाचार होता है, हर दिन एक नेता पर आरोप लगता है। केंद्र सरकार जो पैसे दे रही है, उन पैसों का भी उपयोग कर्नाटक की सरकार नहीं कर पाती है। उसका कारण है। पहला उनकी ये प्राथमिकता ही नहीं है। उनके लिए दिल्ली को खुश रखना और उठापटक की राजनीति करना है। पार्टी के आकाओं को खुश रखना ही उनका कारोबार है। उन्हें कर्नाटक की परवाह नहीं है। वे अपने तरीके से, अपने हिसाब से अपने में ही खोये हुए हैं। ऐसी सरकार और ऐसा व्यक्ति कभी भी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्था को ताकत नहीं दे सकता है।”