मुद्रा योजना के तहत 12 करोड़ परिवारों को 5.75 लाख करोड़ रुपये का मिला ऋण

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 12 करोड़ परिवारों को 5.75 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया। श्री मोदी ने यह बात देश के मुद्रा योजना लाभार्थियों के साथ 29 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान कही। दरअसल, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने अब तक 5.75 लाख करोड़ रुपये की राशि के 12 करोड़ लोगों को ऋण प्रदान किये हैं। इसमें से 3.25 लाख करोड़ रुपये के ऋण का 28 प्रतिशत पहली बार इस योजना का लाभ उठाने वाले उद्यमियों को प्रदान किये गए। कुल लाभार्थियों में 74 प्रतिशत महिलाओं और 55 प्रतिशत ऋण अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लाभार्थियों को प्रदान किये गये।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लाभार्थियों से बातचीत करते हुए मुद्रा योजना को रोजगार सृजन वाली योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस पहल ने उद्यमियों को साहूकारों और बिचौलियों के कुचक्र से बचाने में सहायता प्रदान की है। इस योजना ने नया व्यापार आरंभ करने अथवा बढ़ाने की इच्छा रखनेवालों युवाओं और महिलाओं को एक सुअवसर प्रदान किया हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मुद्रा योजना के लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना ने लघु और सूक्ष्म व्यापार को बढ़ावा देते हुए गरीबों के जीवन में निरंतर सुखद परिवर्तन किया है। इस योजना ने लोगों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त किया है और लोगों को सफलता के लिए एक मंच प्रदान किया है।

स्वरोजगार सृजन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि स्वरोजगार आज एक गर्व का विषय है और इसने लोगों को उन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता की है, जिन्हे पहले असंभव माना जाता था।

संवाद के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि यदि मुद्रा योजना कुछ वर्ष पहले कार्यान्वित की गई होती, तो इससे लाखों लोगों को अपना व्यापार स्थापित करने में मदद मिलती और इससे बड़े स्तर पर पलायन को रोका जा सकता था। प्रधानमंत्री से संवाद करते हुए लाभार्थियों ने मुद्रा योजना से व्यापार स्थापित करने और दूसरों के लिए रोजगार सृजन करने में सहायता के संबंध में बताया।

गौरतलब है कि 8 अप्रैल 2015 को शुभारंभ हुई इस योजना के अंतर्गत गैर व्यवसायी, गैर कृषि और छोटे व्यापारियों को 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। ये सभी ऋण पीएमएमवाई के अंतर्गत मुद्रा ऋण के नाम से वर्गीकृत किये गये हैं। ये ऋण व्यवसायिक बैंकों, आरआरबी के लघु वित्त बैंकों, सहकारिता बैंकों, एमएफआई और एनबीएफसी के द्वारा प्रदान किये गये हैं।